दिल्ली से हटाया जाए औरंगजेब व बाबर का नाम
-सिखों की गृहमंत्री से अपील, औरंगजेब के नाम पर बदले बोर्ड
–गुरुद्वारा कमेटी ने अमित शाह को लिखा पत्र, लगाई गुहार
(आलोक सांगवान)
नई दिल्ली : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने गृहमंत्री अमित शाह से अपील की है कि दिल्ली की गलियों व सड़कों से बाबर व औरंगजेब के नाम हटाने के लिए आदेश जारी किये जायें। इस बावत उन्होंने अमित शाह को एक पत्र भी लिखा है। इसमें कहा कि उन्हें दिल्ली की सड़कों से बाबर व औरंगजेब के नाम हटाने के बारे में विचार करना चाहिए। दोनों तानाशाह व जालिम शासक थे। उन्होंने कहा कि बाबर ने जहां भी हमला किया वहां लोगों पर हर तरह से लूट व जुल्म किए। महिलाओं से बलात्कार किए, पुरूष लोग मार दिये गये उनके खिलाफ हर तरह का अत्याचार किया गया। जब गुरु नानक देव जी एम्नाबाद गये थे तो वहां बाबर द्वारा 1521 में तीसरी बार हमला किया गया था व सारा शहर उजाड़ दिया गया। लूट की गई व बलात्कार किये और ऐसा डरावना दृश्य पैदा किया कि गुरु साहिब ने प्रमात्मा के नाम पर उच्चारण किया, एती मार पई कुरलाणै तैं की दर्द ना आया?
सिरसा ने बताया कि मुगल तानाशाह औरंगजेब का भी ऐसा ही स्वभाव था, जिसने जबरन हिन्दुओं को मुसलमान बनाया व लाखों हिन्दुओं को मार दिया। जिन्होंने धर्म परिवर्तन से इन्कार कर दिया। उन्होंने बताया कि औरंगजेब ने ही नौवीं पात्शाही श्री गुरु तेेग बहादुर साहिब जी को 1675 में दिल्ली के चांदनी चौक में शहीद किया व छोटे साहिबजादों को शहीद किया, क्योंकि उन्होंने इस्लाम कबूल करने से मना कर दिया था।
दिल्ली कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि यह आम राय है कि ऐसे निर्दयी, अमानवीय व तानाशाह प्रवर्ति के लोग जिन्होंने महान गुरु साहिबान का नुकसान किया, के नाम पर सड़कों के नाम क्यों रखे जायें। उन्होंने कहा कि यह नाम तो दीवार टोडर मल, मोती राम मेहरा और शेर मुहम्मद खान जैसे महान लोगों के नाम पर रखे जाने चाहिए।
सिरसा ने गृहमंत्री शाह को अपील की कि यह 70 वर्षों के दौरान हुई गलतियों को सुधारने का समय है, क्योंकि बाबर और औरंगजेब के नामों से लोगों की भावनाओं को चोट पहुंची है।
उन्होंने कहा कि हमें इस देश के लोगों खासतौर पर सिखों की भावनाओं का ख्याल रखते हुए दिल्ली के मुख्य मंत्री और एन.डी.एम.सी को यह हिदायत करनी चाहिए कि दिल्ली की गलियों व सड़कों से बाबर व औरंगजेब के नाम हमेशा के लिए मिटा दिया जाये और संगत इसके लिए हमेशा उनकी आभारी रहेगी।
दिल्ली कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि दीवार टोडर मल सरहंद का रईस हिन्दू व्यापारी था जिसने गुरु गोबिंद सिंह साहिब के दोनों छोटे साहिबजादों व माता गुजरी जी के अंतिम संस्कार के लिए सोने की मोहरें बिछा कर जगह खरीदी थी जो आज भी दुनिया की सब से मंहगी जगह है। इस तरह मोती राम मेहरा ने ठंडे बुर्ज पर माता गुजरी जी और बाबा ज़ोरावर सिंह व बाबा फतहि सिंह को दूध पिलाया। उन्होंने बताया कि बाद में इन्हें कोहलू में दर्द देकर पीस दिया गया। इसी तरह शेर मुहम्मद खान मलेरकोटला के नवाब थे जिन्होंने छोटे साहिबज़दों को जीवित ही दिवारों में चुनवा दिया था और कहा था कि यह कुरान और इस्लाम के खिलाफ है।