—दानापुर रेलवे स्टेशन के निकट जीआरपी व आरपीएफ के लोग जागरुक
—लेक्चर, डेमोंस्ट्रेशन तथा अभ्यास के माध्यम से सिखाए गुर
—कोरोना वायरस से डरना नहीं, बल्कि इसका मुकाबला करना
पटना / टीम डिजिटल : पटना के बिहटा स्थित 9वीं वाहिनीं एनडीआरएफ की एक टीम दानापुर रेलवे स्टेशन के नजदीक राजकीय पुलिस बल (जीआरपी) और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के कार्मिकों को कोरोना वायरस संक्रमण से सुरक्षात्मक उपाय, संदिग्ध मरीजों की हैंडलिंग तथा प्राथमिक उपचार तकनीक के बारे में प्रशिक्षण दिया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम लेक्चर, डेमोंस्ट्रेशन तथा अभ्यास के माध्यम से प्रतिभागियों को दिया गया। इससे पहले 09 जून को पटना जंक्शन पर एनडीआरएफ टीम द्वारा जीआरपी और आरपीएफ के कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया गया था।
प्रशिक्षण के दौरान 9वीं वाहिनीं एनडीआरएफ के उप कमान्डेंट अभिषेक कुमार राय ने बताया कि मौजूदा हालात में कोरोना वायरस से डरना नहीं है बल्कि सुरक्षात्मक उपायों के साथ इसका मुकाबला करना है। उन्होंने लेक्चर के माध्यम से कोरोना वायरस संक्रमण के संभावित लक्षण और इससे बचने के उपायों तथा कोरोना वायरस संभावित संक्रमित रोगी को सुरक्षात्मक तरीके से हैन्डल करने के बारे में जानकारियाँ दी। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के दिशा में आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा बताये गए सुझावों पर भी उन्होंने बल दिया।
एनडीआरएफ के सहायक कमान्डेंट अजीत कुमार सिंह और टीम के अन्य सदस्यों ने डेमोंस्ट्रेशन के साथ बखूबी समझाया। प्रशिक्षण टीम ने बताया कि डयूटी के दौरान मास्क का इस्तेमाल जरूर करें। अपने हाथों की सफाई बार-बार करते रहें। प्रशिक्षण के दौरान उपस्थित प्रतिभागियों को मौजूदा कोरोना महामारी के दौरान ट्रेन में, प्लेटफार्म पर अथवा अन्य जगहों पर किसी दुर्घटना के शिकार पीड़ितों को सुरक्षात्मक उपायों के साथ कैसे मदद किया जाये? इसके बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी।
प्रशिक्षण के दौरान संतोष कुमार सिंह राठौड़, वरीय कमान्डेंट आरपीएफ और जगन्नाथ रेड्डी, पुलिस अधीक्षक रेलवे पटना भी उपस्थित थे। पुलिस अधीक्षक जगन्नाथ रेड्डी ने ज्ञानवर्धक इस प्रशिक्षण के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए 9वीं वाहिनीं एनडीआरएफ की टीम को धन्यवाद दिया।
आपदा में घबराएं ना, दिमाग से काम लें
किसी दुर्घटना में यदि पीड़ित व्यक्ति का रक्तश्राव होता है तो डरने अथवा घबड़ाने की जरूरत नहीं है। मास्क और ग्लोव्स का इस्तेमाल करते हुए पीड़ित व्यक्ति के शरीर पर लगे चोट की जगह को अच्छी तरह साफ कपड़े से स्वच्छ करें। फिर रक्तश्राव वाले जगह पर साफ कपड़े का गॉज पट्टी बनाकर 06 से 08 मिनट तक सीधा दबाव डालें। इससे रक्त का बहना रूक सकता है। यदि रक्तश्राव नहीं रुकता है तो जख्मी भाग, खासकर हाथ या पैर को हृदय भाग से ऊपर उठाकर अथवा प्रेशर पॉइंट के तरीके से घटनास्थल पर ही रक्तश्राव को नियंत्रित करने का प्रयास करें। यदि गहरी चोट हो या शरीर का हाथ या पैर कट गया हो तो ऐसी स्थिति में टोर्नीकेट (रक्तबन्ध) विधि से गाँठ लगाकर तेजी से बह रहे रक्त को नियंत्रित किया जा सकता है। घटनास्थल पर रक्तश्राव नियंत्रित करने के तुरन्त बाद पीड़ित व्यक्ति को बेहतर चिकित्सा हेतु नजदीकी अस्पताल भेजा जाए।
डेमोंस्ट्रेशन के माध्यम अभ्यास करवाया गया
प्रशिक्षण के दौरान ह्रदयाघात के बाद हृदय और फेफड़ें को पुनर्जीवित करने का तकनीक सीपीआर तथा स्थानीय संसाधनों की मदद से स्ट्रेचर बनाने एवं पीड़ित को सुरक्षित ले जाने के तरीकों को डेमोंस्ट्रेशन के माध्यम से भी बताया गया और इसका अभ्यास करवाया गया।
समाज के प्रत्येक लोगों को जागरूक होना जरूरी : कमान्डेंट
9वीं वाहिनीं एनडीआरएफ के कमान्डेंट विजय सिन्हा ने बताया कि वर्तमान परिवेश में आपदा जोखिम न्यूनीकरण हेतु आपदा प्रबंधन विषय पर समाज के प्रत्येक लोगों को जागरूक होना जरूरी है। उन्होंने आगे बताया कि कोरोना महामारी के दौरान भी सावधानी अपनाते हुए घायल पीड़ित व्यक्ति को तुरन्त मदद देकर उसके बहुमूल्य जीवन को बचाने का प्रयास करें। इस महामारी से डरने और घबड़ाने की जरूरत नहीं है बल्कि अपनी सुझबुझ और सावधानी से खुद बचें और दूसरों को भी बचाएं।
इस प्रकार का प्रशिक्षण राजकीय रेलवे पुलिस और रेलवे सुरक्षा बल के कार्मिकों को आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में निपुडता और बढ़ाने में कारगर साबित होगा। प्रशिक्षण के दौरान सोशल डिस्टेनसिंग का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। उन्होंने आगे बताया कि वर्तमान में 9वीं वाहिनीं एनडीआरएफ के हमारे बचावकर्मी कोरोना महामारी के साथ बिहार और झारखण्ड राज्यों में बाढ़ की तैयारियों में मुस्तैदी से जुटे हुए हैं।