नई दिल्ली /खुशबू पाण्डेय : एनडीए सरकार का गठन का मूल मंत्र इस बार ‘सबका साथ, सबका विश्वास’ होगा। जिसके तहत राजग के सभी घटकदलों को साथ लेते हुए मंत्रिपरिषद का गठन किया जाएगा। प्रधानमंत्री पद के लिए नामित नरेंद्र मोदी 9 जून की शाम 7.15 बजे लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। वह प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाले दूसरे राजनेता होंगे। मोदी के साथ एनडीए के 14 सहयोगी दलों के 18 सांसद भी मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। इनमें 7 कैबिनेट और बाकी 11 स्वतंत्र प्रभार और राज्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। इसके अलावा भाजपा के 3 दर्जन से अधिक सांसद मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। टीडीपी और जेडीयू से 2-2 और शिवसेना शिंदे से एक कैबिनेट मंत्री बन सकते हैं। एनसीपी, एलजेपी और जेडीएस के कोटे से कैबिनेट मंत्री शपथ ले सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक गृह, वित्त, रक्षा, विदेश, रेल, सड़क परिवहन, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण विभागों के अलावा शिक्षा और संस्कृति जैसे दो मजबूत वैचारिक पहलुओं वाले मंत्रालय भाजपा के पास रहेंगे। ये फैसला पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर हुई बैठक में लिया गया है। बीजेपी स्पीकर का पद भी अपने पास रखेगी। साथ ही चुनाव जीतने वाले सभी मंत्री रिपीट हो सकते हैं।
—नरेन्द्र मोदी आज शाम 7.15 बजे तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे
—गृह, वित्त, रक्षा, विदेश, रेल, सड़क परिवहन, सूचना रहेगा भाजपा के पास
—शिक्षा मंत्रालय और स्पीकर का पद भी भाजपा अपने पास रखने चक्कर में
— मंत्रिमंडल को अंतिम रूप देने के लिए माथापच्ची तेज, सभी दलों से मांगे नाम
इस बीच मोदी मंत्रिमंडल को अंतिम रूप देने के लिए माथापच्ची भी तेजी से चल रही है। पिछले दो दिनों में भाजपा ने कई बैठकें की है। अंतिम रूप देने के लिए वरिष्ठ नेता अमित शाह कार्यवाहक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर शनिवार को पहुंचे।
बीजेपी इस बार अकेले बहुमत हासिल नहीं कर पाई, इसलिए सहयोगी पार्टियों की भी सुननी होगी। पहले दोनों सहयोगी नीतीश और चंद्रबाबू नायडू की डिमांड पूरी करनी होगी। फिर अपने सांसदों को एडजस्ट करना होगा। इसके लिए बीजेपी, यूपी, राजस्थान और गुजरात से मंत्री कम कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक टीडीपी को 4, जेडीयू को 3, एलजेपी और शिवसेना को 2-2 मंत्री पद मिल सकते हैं। हालांकि, नीतीश ने 4 कैबिनेट और एक राज्यमंत्री पद की डिमांड रखी है। सूत्रों का दावा है कि टीडीपी और जेडीयू स्पीकर के पद साथ वित्त मंत्रालय मांग रहे हैं। इसकी वजह है कि जांच एजेंसी ईडी वित्त मंत्रालय के तहत आती है।
इसके अलावा असम में एक सीट जीतने वाली असम गण परिषद को भी मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है। फणी भूषण चौधरी पार्टी के इकलौते सांसद हैं। उत्तराखंड, हिमाचल से एक—एक मंत्री बन सकता है। पंजाब से इस बार कोई सीट नहीं मिली है, लेकिन पंजाबी सिख चेहरा जरूर होगा।
स्पीकर, गृहमंत्री, वित्तमंत्री, रेलमंत्री पर होगा खेला
मोदी मंत्रिमंडल में इस बार कुछ बडा खेला होने जा रहा है। कई बडे चेहरे आउट होंगे तो कुछ बडे चेहरे संगठन में भेजे जाएंगे। यूपी में चुनाव की करारी हार से परेेशान भाजपा और संघ नया तेज तर्रार अध्यक्ष बदलने की तैयारी में है। इसके लिए अमित शाह और शिवराज सिंह चौहान का नाम सबसे उपर है। सूत्रों की माने तो ताजा घटनाक्रम में कुछ बदलाव किए गए हैं। इसके तहत वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह को लोकसभा का अध्यक्ष बनाया जा सकता है। रेल मंत्रालय को लेकन बिहार के दो दल आपस में दावा ठोंक रहे हैं, ऐसे में हो सकता है दोनों को देने की बजाय वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी को अगला रेलमंत्री बना दिया जाए। वित्तमंत्री और गृहमंत्री पर भी बदलाव हो सकता है।
चुनावी राज्यों पर रहेगा फोकस
महाराष्ट्र, जहां भाजपा-शिवसेना-राकांपा गठबंधन का प्रदर्शन खराब रहा है, और बिहार, जहां विपक्ष ने वापसी के संकेत दिए हैं, सरकार गठन की कवायद के दौरान फोकस में हो सकते हैं महाराष्ट्र में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं, जबकि बिहार में अगले साल चुनाव होंगे। इसके अलावा हरियाणा, जम्मू—कश्मीर में भी विधानसभा चुनाव संभावित है, लिहाजा वहां का भी प्रतिनिधित्व ठीक होगा।
नई कैबिनेट में तीन से 4 महिला मंत्री
नई कैबिनेट में दो महिला मंत्री भी शामिल की जा सकती हैं। इनमें दिल्ली से सांसद बांसुरी स्वराज को राज्यमंत्री बनाया जा सकता है। ओडिशा से अपराजिता सारंगी के कैबिनेट में आने की पूरी संभावना है। वे भुवनेश्वर से लगातार दूसरी बार सांसद चुनी गई हैं। इसके अलावा छत्तीसगढ की सांसद एवं पार्टी की वरिष्ठ नेता सरोज पांडेय भी मंत्री बन सकती है।
निर्मला सीतारमण की जगह पीयूष गोयल
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बड़ी भूमिका मिल सकती है। वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी निर्मला सीतारमण की जगह पीयूष गोयल को दी जा सकती है। हालांकि, अभी मंत्रियों का पोर्टफोलियो तय नहीं हुआ है। इसके अलावा कर्नाटक से जेडीएस सांसद एचडी कुमारस्वामी को मंत्री बनाया जा सकता है। केरल में बीजेपी को पहली सीट दिलाने वाले सुरेश गोपी भी मंत्रिमंडल में शामिल किए जा सकते हैं।
इनके अलावा गोवा से लगातार छठवीं बार सांसद बने श्रीपद नाईक को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। जम्मू-कश्मीर से डॉ. जीतेंद्र सिंह, हरियाणा से राव इंद्रजीत, दिल्ली से रामवीर सिंह बिधूड़ी को मंत्री बनाया जा सकता है।
नीतीश की ताकत बढ़ी, 3 मंत्री पद मिलना तय
2019 के चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने 16 सीटें जीती थीं। बीजेपी ने उसे दो मंत्री पद ही दिए तो नीतीश नाराज हो गए। कैबिनेट में शामिल ही नहीं हुए। अब 12 सांसदों वाले नीतीश कुमार किंगमेकर की भूमिका में हैं। इससे उनकी बारगेनिंग पावर बढ़ी है। सूत्रों की माने तो अब तक फिलहाल रेल मंत्रालय और कृषि मंत्रालय पर बात हुई है। परिवहन मंत्रालय पर भी बात चल रही है।
चिराग और मांझी बनेंगे मंत्री, चुनाव हारे कुशवाहा भी दावेदार
लोकसभा चुनाव में चिराग पासवान की पार्टी का स्ट्राइक रेट 100 प्रतिशत रहा है। एलजेपी (रामविलास) 5 सीटों पर चुनाव लड़ा और सभी जीत लीं। सूत्रों के मुताबिक, चिराग पासवान को एक कैबिनेट और दो राज्यमंत्री के पद मिलने पर राय बनी है।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी अपनी पार्टी ‘हम’ के इकलौते सांसद हैं। इसके बावजूद उन्हें मंत्री बनाया जा सकता है। काराकाट से चुनाव हार चुके उपेंद्र कुशवाहा को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। उपेंद्र कुशवाहा बिहार में कुशवाहा बिरादरी के सबसे बड़े नेता माने जाते हैं।
एकनाथ शिंदे ने दो मंत्री पद मांगे
महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने सात सीटें जीती हैं। पार्टी एक कैबिनेट मंत्री और एक राज्यमंत्री का पद मांग रही है। शिवसेना की तरफ से श्रीरंग बारणे, प्रतापराव जाधव और संदीपान भुमरे का नाम चर्चा में है। परिवारवाद के आरोप न लगें, इसलिए एकनाथ शिंदे ने बेटे श्रीकांत शिंदे को मंत्री नहीं बनाने का फैसला लिया है।
एनसीपी से बनेगा एक मंत्री
एनसीपी (अजित पवार गुट) भी एक कैबिनेट पद की डिमांड रख सकती है। अजित पवार की पार्टी को मिली इकलौती सीट जीतने वाले सुनील तटकरे अंदरखाने मंत्री बनने की कोशिश में हैं। मराठाओं की नाराजगी कम करने के लिए महाराष्ट्र से एक मराठा मंत्री बनाया जा सकता है। हालांकि सूत्रों का दावा है कि राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल भी मंत्री बन सकते हैं।
यूपी से कम होंगे मंत्री, कुछ नए चेहरे दिखेंगे
बीजेपी के बहुमत से दूर रहने की एक वजह यूपी में पार्टी का कमजोर प्रदर्शन रहा। इसका असर नए मंत्रिमंडल में भी दिखेगा। मोदी 2.0 में यूपी से 13 मंत्री बनाए गए थे। इस बार कुछ ही पुराने नेता मंत्री बनेंगे। इनमें लखनऊ सीट से लगातार तीसरी बार जीते सांसद राजनाथ सिंह का मंत्री बनना तय है। इसके अलावा पीलीभीत से जीतने वाले जितिन प्रसाद, नोएडा से डॉक्टर महेश शर्मा और लक्ष्मीकांत वाजपेयी को पार्टी मौका दे सकती है।
लोकदल और अपना दल से एक—एक
बीजेपी की उत्तर प्रदेश की सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल के दोनों प्रत्याशी चुनाव जीते हैं, लिहाजा पार्टी अध्यक्ष जयंत चौधरी भी पहली बार केंद्र सरकार में मंत्री बन सकते हैं। अपना दल (सोनेलाल) की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल मिर्जापुर से तीसरी बार जीती हैं। वे भी कैबिनेट में रिपीट हो सकती हैं।
कैबिनेट में नई एंटी
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शिवराज सिंह चौहान
जेपी नडडा
बसवराज बोम्मई
मनोहर लाल खट्टर
डा मंजू नाथ
सुरेश गोपी
डा महेश शर्मा
लक्ष्मीकांत वाजपेयी
जितिन प्रसाद
रामवीर सिंह बिधूड़ी
चिराग पासवान
एचडी कुमार स्वामी
जीतन राम मांझी
जेडीयू के मंत्री पद के संभावित नाम
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ललन सिंह, पूर्व अध्यक्ष
रामनाथ ठाकुर, राज्यसभा सांसद
संजय झा, राज्यसभा सांसद
देवेश चंद्र ठाकुर, बिहार विधान परिषद के सभापति
शिवसेना से मंत्री पद के दावेदार
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श्रीरंग बारणे, मावल सीट से सांसद
प्रतापराव जाधव, बुलढाणा से सांसद
संदीपन राव भुमरे, औरंगाबाद से सांसद
एनसीपी से मंत्री पद के दावेदार
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प्रफुल्ल पटेल, राज्यसभा सांसद
सुनील तटकरे, रायगढ़ से सांसद