नई दिल्ली/साधना मिश्रा: नानक शाही संसार संस्था (Nanak Shahi Sansara Sanstha) के सदस्य जसप्रीत सिंह माटा ने कहा कि उनकी संस्था 2020 जब से कॅरोना महामारी ने अपना प्रकोप दिखाया है, जमीनी स्तर से मानव सेवा में लगी हुई है। पिछले साल लंबे लॉक डाउन में जहां लोग आर्थिक मंदी से जूझ रहे थे, वहीं उनकी संस्था ने उनके घरों तक राशन पहुंचाने का काम किया, जिसमें ज्यादातर गरीब लोग शामिल थे। इस वर्ष, जबकि भारत कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है, उनके संगठन ने मैदान पर काम करने वाले कोरोना योद्धाओं जैसे पुलिस कर्मियों, नगरपालिका कर्मचारियों, पेट्रोल पंपों पर काम करने वाले लोगों आदि को लगातार ‘आयुष कड़ा’ वितरण कर रहें है।
माटा ने कहा, दिल्ली में कहीं भी, यदि कोई परिवार कोरोना से पीड़ित है और उनका खाना बनाने वाला कोई नहीं है, तो वे दिन में दो बार पका हुआ भोजन उनके घर तक पहुंचने का प्रयास कर रहें है।
यह भी पढ़े… राशन की होम डिलीवरी पर दिल्ली और केंद्र सरकार में टकराव
गुरु तेग बहादुर के 400 प्रकाश पर्व के अवसर पर एक अनूठी पहल
संस्था द्वारा एक अनूठी पहल भी शुरू की जाएगी जिसमें वे गुरु तेग बहादुर (Guru Tegh Bahadur) के 400 प्रकाश पर्व के अवसर पर लोगों के बीच 400 पीपल के पेड़ लगाने का अनुरोध और वितरण करेंगे।
पीपल के पेड़ का हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है और यह एकमात्र ऐसा पेड़ है जो 24 घंटे ऑक्सीजन देता है।
जसप्रीत माटा ने ट्वीट किया है कि जो कोई भी दिल्ली में कोरोना से संक्रमित है, उनकी संस्था गिलोय, अश्वगंधा और आयुष कड़ा जैसे आयुर्वेदिक इम्युनिटी बूस्टर किट उनके घर तक मुफ्त में मोहिया करवाएगी।
'Nanak Shahi Sansar' Organization will provide Ayurvedic immunity boosters Giloy, Ashwagandha & Kadha to #COVID19 +ve Patients who are Home(self) quarantined
at their home for free.#DM your +ve Report copy & address.
Delhi only#SarbatDaBhala#TogetherWeCan @ANI @smitaprakash pic.twitter.com/ePoUOHdQwg— JASPREET SINGH MATTA (@JasMatta) May 7, 2021
यह भी पढ़े… केजरीवाल सरकार झूठ बोलकर दिल्ली की जनता को बरगला रही
गुरु के आदर्शों पर कर रहें यह काम
जसप्रीत सिंह सिंह ने बताया कि वह दिल्ली से सटे इलाकों की झुग्गी बस्तियों में भी अपनी टीम के साथ राशन वितरण कर रहे हैं। और जहाँ से भी राशन की दरख्वास्त आती है वह उसे पूरा करने की पूरी कोशिश करते है। उन्होंने बताया कि यह सब कार्य सहयोगियों द्वारा दी गयी सेवा व पैसे के ज़रिए संभव हो पा रहा है। उनका कहना है कि वह अपने गुरु के आदर्शों पर यह कार्य कर रहे हैं और सिख धर्म में सेवा को हमेशा सबसे अग्रणी माना गया है।