नई दिल्ली /खुशबू पाण्डेय : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की ऐतिहासिक जीत में जहां मोदी मैजिक के साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) की मेहनत और जनता से उनके सीधे जुड़ाव को जीत का आधार माना जा रहा है। वहीं एक चेहरा और भी है,जो पर्दे के पीछे रहकर जीत का सूत्रधार बना है। पर्दे के पीछे के रणनीतिकार रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव हैं, जिन्होंने मध्य प्रदेश चुनाव में सह प्रभारी के नाते जीत के लिए ऐसी रेल दौड़ाई की एमपी में भाजपा जीत के स्टेशन पर पहुंच गई। मध्य प्रदेश के चुनाव में अश्विनी वैष्णव ने अपना प्रशासनिक और राजनीतिक पूरा अनुभव झोंक दिया। उन्होंने चुनाव के लिए केंद्रीय और राज्य स्तर पर समन्वय बैठाया। साथ ही पार्टी के निर्णयों का जमीनी स्तर पर पालन कराने में लगे रहें। चुनाव से पहले अश्विनी वैष्णव का काम सबसे पहले कार्यकर्ताओं के भीतर उत्साह भरने का था। ऐसे में उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं के डोर-टू-डोर कैंपेन को भी संभाला और राज्य के हर जमीनी स्तर तक पहुंचे। यह जमीनी स्तर पर उनकी पकड़ और आंकलन ही था,जो वह चुनाव शुरू होने के पहले दिन से ही भाजपा को 135 सीटें मिलने का दावा करते रहे ।
-मध्य प्रदेश की जीत से बढ़ा अश्विनी वैष्णव का राजनीतिक कद
-वैष्णव ने अपना प्रशासनिक और राजनीतिक पूरा अनुभव झोंक दिया
-पार्टी कार्यकर्ताओं के डोर-टू-डोर कैंपेन को भी संभाला और जमीनी स्तर तक पहुंचे
-भाजपा को पहले दिन से135 से अधिक सीटें मिलने का करते रहे दावा
तब उनके इस दावे पर किसी को विश्वास नहीं था,मगर वह अपने दावे पर कायम रहें। चुनाव परिणाम पर उन्होंने खुलकर मीडिया से बात की और अपने 135 सीट के दावे पर अड़े रहे। आज रिजल्ट 160 से अधिक सीट तक पहुंचा दिया। बता दें कि रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की पहली पसंद माना जाता है। उनकी कार्यशैली व कार्यकुशलता पर मोदी को पूरा भरोसा है। यही वजह है कि रेलमंत्री जैसा पद होने के बाद भी भाजपा चुनावों में उनकी प्रशासनिक व राजनीतिक कुलशलता को देखते हुए उन पर जिम्मेदारी का भार डालती रहती है। ऐसा कह सकते हैं कि भाजपा हाईकमान उनको सियासी गुणा गणित सिखाने के लिए प्रयोग करती रही।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश का उप चुनाव हो या महाराष्ट्र में राज्यसभा चुनाव, या कोई अन्य चुनाव अश्विनी वैष्णव पर्दे के पीछे से अपनी भूमिका चुपचाप बिना शोर किए पूरी ईमानदारी और मेहनत के साथ निभाते रहे। आज के मध्य प्रदेश के रिजल्ट के बाद राष्ट्रीय स्तर पर यह चर्चा भी होने लगी है कि अश्विनी वैष्णव का इस चुनाव से राजनीतिक कद बढ़ गया है। ऐसे भी चर्चा होने लगी कि 2024 के चुनावों के बाद उन्हें इससे भी बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।
भोपाल में किराए का घर लेकर रचा चक्रव्यूह
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के पास रेल मंत्रालय के अलावा संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की भी जिम्मेदारी है। बावजूद इसके सहप्रभारी बनने के बाद उन्होंने भोपाल में किराये का घर लेकर दिनरात डटे रहे। सूत्र बताते हैं कि पूरे चुनाव कार्यक्रम के दौरान उन्होंने राज्य के कमजोर बेल्ट को मजबूत बनाने का पूरा प्रयास किया। राजस्थान में जन्में और उड़ीसा में नौकरी कर चुके वैष्णव मध्य प्रदेश की सियासत से बहुत ज्यादा वाकिफ नहीं थे। लेकिन रेलवे के जरिये उन्हें मध्य प्रदेश को समझने में बहुत मदद मिली।
एमपी के मन में मोदी और मोदी के मन में एमपी है : वैष्णव
रविवार को मध्य प्रदेश चुनाव के परिणाम पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भाजपा की प्रचंड जीत हुई है। हमें इस बात का पूर्ण विश्वास था कि मध्य प्रदेश के जन-जन के मन में भाजपा को लेकर विश्वास है। उन्होंने कहा कि एमपी के मन में मोदी और मोदी के मन में एमपी है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से सरकार चली 18 सालों से अच्छा काम हुआ। शिवराज और डबल इंजन की सरकार ने किया उसका आशीर्वाद मध्य प्रदेश की जनता ने दे दिया है।