नयी दिल्ली/ अदिति सिंह : दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने मंगलवार को पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र के चार स्कूलों का निरीक्षण कर कहा कि सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं का आभाव है जबकि कुछ स्कूल की इमारत जर्जर हाल में है। सूद ने स्कूलों के निरीक्षण के बाद कहा, विधायकों की शिकायत पर दिल्ली के स्कूलों में जहां-जहां इमारतों में या फिर शिक्षा व्यवस्था में कोई भी खामी है हम उस जगह खुद जाकर निरीक्षण कर रहे हैं। पटपड़गंज के विधायक रवींद्र सिंह नेगी ने अपने विधानसभा क्षेत्र के कई जर्जर स्कूल भवन का जिक्र किया था जिसे देखने के लिए आज यहां पहुंचा हूं। हमारे विधायक बीते कई सालों से स्कूलों के निर्माण के रूके हुए काम को लेकर बेहद चिंतित हैं। यहीं नहीं कई खतरनाक घोषित हो चुके स्कूलों में बच्चों का आज भी आना-जाना है। पटपड़गंज विधानसभा में 20 सरकारी स्कूल हैं जिनमें से कई स्कूलों की छतें आज भी पक्की तक नहीं हो सकी हैं। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को दी जाने वाली मूलभूत सुविधाओं का भी बेहद अभाव है।
—सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं का आभाव,स्कूल की इमारत जर्जर
उन्होंने कहा कि सरकार यहां के जर्जर हो चुके सभी स्कूलों की इमारत की मरम्मत या स्कूलों का पुनर्निर्माण प्राथमिकता के आधार पर करने की योजना बना रही है। शिक्षा मंत्री ने स्कूलों के निरीक्षण के दौरान पाया कि पटपड़गंज इलाके के चारों स्कूलों की इमारत के कई कमरे बेहद जर्जर और खतरनाक हालत में हैं। उन्होंने यह भी देखा कि स्कूलों के कमरे की छतें लोहे के गार्डर और पत्थर डालकर बनाई गई हैं, जो कभी भी गिर सकती हैं और जिनसे दुघर्टना की भी आशंका बनी रहती है। राजकीय सह शिक्षा सर्वोदय विद्यालय, वेस्ट विनोद नगर के निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि स्कूल की लाइब्रेरी का कमरा बेहद छोटा और पुराना है। इस कमरे में बच्चों के बैठने के लिए कुर्सियां तक नहीं है। उन्होंने स्कूल की प्रिसिंपल को आदेश दिया कि इस पर तुरंत कार्रवाई की जाए। उन्होंने देखा कि स्कूल में दो कमरे बेहद जर्जर हालात में होने के चलते स्थाई रूप से बंद कर दिए गए हैं। उन्होंने पीडब्लूडी के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि वह उस पर तुरंत कार्रवाई करें और 15 मई तक इस स्कूल को मरम्मत कर दुरुस्त करें।
उन्होंने यह भी बताया कि स्कूलों में बच्चों के लिए पीने का साफ पानी और साफ-सुथरे शौचालय जैसी मूलभूत सुविधा तक नहीं है। कई स्कूलों में निरीक्षण के दौरान नल की टोटी तक गायब मिली। सर्वोदय कन्या विद्यालय, मयूर विहार फेस-2के स्कूल के निरीक्षण के दौरान बच्चों के दिए जाने वाले मिड डे मील की भी जांच की और खामियां मिलने पर प्रिसिंपल को आदेश दिए की इसकी गुणवत्ता में तत्काल प्रभाव से सुधार किया जाए।
श्री सूद ने निरीक्षण के दौरान कई जगहों पर देखा कि स्कूलों में शिक्षकों की संख्या या तो बेहद कम हैं या फिर शिक्षक समय पर नहीं आ रहे हैं और कई स्कूलों में कक्षा के हिसाब से बच्चे क्षमता से बेहद ज्यादा हैं, जिससे उनको ठीक तरह से बैठने की जगह भी नहीं मिल पाती है।
उन्होंने बताया कि दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में हमारी सरकार दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके लिए दिल्ली सरकार ने शिक्षा के बजट में 19 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी कर कुल बजट 19291 करोड़ का किया है ताकि शिक्षा बजट के पैसे से दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों की दशा एवं दिशा में सुधार कर बच्चों को मूलभूत सुविधा मुहैया करवाई जा सके। पिछली सरकार ने दिल्ली के राउज एवेन्यू और पटपड़गंज के दो स्कूलों को चमका कर लोगों में शिक्षा क्रांति का भ्रम फैलाया। पिछली सरकार ने विज्ञापनों के माध्यम से लोगों को भ्रमित भी किया। आज दिल्ली की जनता के सामने उनकी पोल खुल रही है।