नई दिल्ली/ अदिति सिंह : समान नागरिक संहिता (uniform civil code) को लेकर सिख संगठनों ने विरोध शुरू कर दिया है। शिरोमणि अकाली दल की अगुवाई में मंगलवार को यहां कई दलों की हुई बैठक में विरोध का फैसला लिया गया। गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब स्थित शिरोमणी अकाली दल (Shiromani Akali Dal) कार्यालय में हुई बैठक में दल के प्रदेश अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना (Paramjit Singh Sarna), हरविंदर सिंह सरना और जागो पार्टी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके (Manjeet Singh GK) सहित कई नेता मौजूद रहे। बैठक के बाद सरना तथा जीके ने समान नागरिक संहिता का विरोध करते हुए इसे देश को बांटने की कोशिश बताया। उक्त नेताओं ने कहा कि मीटिंग के दौरान 2 प्रस्ताव पारित किए गए हैं। इसमें एक प्रस्ताव समान नागरिक संहिता के मसौदे को रद्द करना तथा दूसरा पंजाब सरकार द्वारा पंजाब विधानसभा में सिख गुरुद्वारा एक्ट (Sikh Gurdwara Act) में किए गए संशोधन को रद्द करने का प्रस्ताव शामिल था। सरना ने कहा कि बिना कोई मसौदा सामने रखें लॉ कमीशन द्वारा धार्मिक संस्थाओं से समान नागरिक संहिता पर सलाह मांगना बेमानी है।
-अकाली दल की अगुवाई में कई सिख संगठनों की बैठक
-यूसीसी को देश को बांटने की कोशिश बताया, किया विरोध
-सिखों का पर्सनल लॉ बनाया जाए, अकाल तख्त से गुहार
-बैठक में दो प्रस्ताव पारित, पंजाब सरकार के फैसले का भी विरोध
क्योंकि जब तक हमें पता ही नहीं होगा कि हमें साथ क्या ठीक या गलत हो रहा हैं, हम सलाह क्या देंगे ? जीके ने कहा कि देश की आजादी के 75 साल के बाद भी सिखों का पर्सनल लॉ नहीं है। इसलिए श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को तुरंत सिख पर्सनल लॉ बनाने के लिए विद्वानों की एक कमेटी बनानी चाहिए। उसके बाद सिख पर्सनल लॉ को लागू करवाने का सरकार पर दबाव बनाना चाहिए। अभी तक संविधान में हमें हिंदू धर्म का हिस्सा मान कर हमारे पर हिंदू पर्सनल लॉ लागू होते हैं। बेशक सिख दंपति की शादी आंनद मैरिज एक्ट (Anand Marriage Act) में रजिस्टर्ड हो? जाती है, पर तलाक हिंदू मैरिज एक्ट में होता है। जबकि हमारे सारे संस्कार अन्य धर्मों से अलग हैं। दोनों नेताओं ने इस संबंधी पूरे देश में सिखों को जागरूक करने के लिए बड़े स्तर पर मीटिंग करने से पहले दिल्ली में बड़ा सम्मेलन करवाने का ऐलान किया। बैठक में दिल्ली कमेटी सदस्य करतार सिंह विक्की चावला, परमजीत सिंह राणा, कुलदीप सिंह भोगल, जागो के प्रधान महासचिव डॉ परमिंदर पाल सिंह, बलदेव सिंह रानीबाग, कुलतारन सिंह, अमरीक सिंह, सतनाम सिंह, अनूप सिंह घूम्मन आदि मौजूद थे।