– लॉकडाउन के बाद कोरोना की चेन टूटनी शुरू, संक्रमण दर 23 फीसद
नई दिल्ली/ भारती भडाना : दिल्ली सरकार ने दिल्ली में एक सप्ताह के लिए लाॅकडाउन और बढ़ाने का निर्णय लिया है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि लाॅकडाउन कल सुबह 5ः00 बजे खत्म होना था, लेकिन अब यह अगले सोमवार (17 मई) की सुबह 5ः00 बजे तक प्रभावी रहेगा। इस बार लाॅकडाउन थोड़ा सख्त रहेगा और दिल्ली में मेट्रो नहीं चलेगी। लोगों से मिले फीडबैक के आधार पर मजबूरी वश लॉकडाउन को बढ़ाया जा रहा है। सीएम ने कहा कि लॉकडाउन के बाद कोरोना की चेन टूटनी शुरू हो गई है। 26 अप्रैल को संक्रमण दर 35 फीसद थी, जो अब 23 फीसद है। अभी ढिलाई नहीं दी जा सकती, नही तो, जो हमने हासिल किया है, वह भी खत्म हो जाएगा। हमने लॉकडाउन के पीरियड को हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत करने में इस्तेमाल किया। इस दौरान कई जगह नए ऑक्सीजन बेड तैयार किए।
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सीएम ने कहा कि लाॅकडाउन को जितना ज्यादा सख्त किया जाएगा, उतनी तेजी से कोरोना पर काबू पा पाएंगे। मेरा सभी लोगों से निवेदन है कि जिस तरह से अभी तक आप लोगों ने लॉकडाउन का पालन किया है, उसी तरह आने वाले समय में भी पालन करेंगे। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि पिछले महीने जब दिल्ली में बहुत तेजी से कोरोना के केस बढ़ने लगे और हम सब देख रहे हैं कि कोरोना की यह लहर कितनी खतरनाक है? इस लहर में बहुत ज्यादा संख्या में लोग गंभीर हो रहे हैं। लोगों को अस्पताल और आईसीयू की जरूरत पड़ रही है। काफी ज्यादा लोगों की मौत भी हो रही है। इसलिए हमें मजबूरी में 20 अप्रैल 2021 को दिल्ली में लॉकडाउन लगाना पड़ा था। 26 अप्रैल तक कोरोना का संक्रमण दर (पॉजिटिविटी रेट) 35 फीसद बढ़ गया था।
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यह बहुत ज्यादा होता है। अगर हम 100 लोगों का टेस्ट करते थे, तो उसमें से 35 लोग कोरोना संक्रमित निकलते थे। चूंकि लॉकडाउन लगाया था, इस वजह से 26 अप्रैल के बाद एक तरफ से कोरोना की चेन थोड़ी सी टूटनी शुरू हुई थी। 26 अप्रैल के बाद से धीरे-धीरे कोरोना के केस कम होने लगे। पिछले एक-दो दिन के अंदर कोरोना संक्रमण दर 35 फीसद से घटकर 23 फीसद हो गई है। सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में केस कुछ कम होने शुरू हो गए हैं। इसमें आप सब लोगों का बहुत ज्यादा सहयोग रहा है। दिल्ली के लोगों ने जमकर सहयोग किया। आप लोगों ने लॉकडाउन का पूरी तरह से पालन किया। यह हम सब लोगों की अपने परिवार की जिंदगी और उनके स्वास्थ्य की बात है। हमने किसी पर कोई एहसान नहीं किया। हम सबकी अपनी स्वास्थ्य की और अपनी जिंदगी की बात है। इस लॉकडाउन के पीरियड को हमने हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत करने में इस्तेमाल किया।
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कई जगह नए ऑक्सीजन बेड तैयार किए गए। दिल्ली में सबसे बड़ी दिक्कत ऑक्सीजन की आई। सामान्य दिनों में अस्पतालों में जितनी ऑक्सीजन चाहिए होती है, उससे कई गुना ऑक्सीजन की जरूरत पड़ने लगी, क्योंकि अब जितने भी कोरोना के मरीज आते थे, उन सब को ऑक्सीजन की जरूरत होती थी। अचानक कई गुना ऑक्सीजन की जरूरत पड़ने लगी। सीएम ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों से और केंद्र सरकार के सहयोग से अब ऑक्सीजन की स्थिति दिल्ली के अंदर काफी कुछ सुधरी है। अब इस तरह की बातें सुनने को नहीं मिल रही है कि इस अस्पताल में 2 घंटे की अक्सीजन रह गई है, उस अस्पताल में आधे घंटे की ऑक्सीजन रह गई। इस अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी की वजह किसी की मौत हो सकती है। वैक्सीन के स्टाॅक की कमी है। इसमें हमने केंद्र सरकार से सहयोग मांगा है। मुझे पूरी उम्मीद है कि केंद्र सरकार जैसे अन्य बातों पर सहयोग करती रही है, इसमें हमारा पूरा सहयोग करेगी। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पिछले कुछ दिनों में सब लोगों से हमारी बात हुई है। व्यापारियों से, महिलाओं से, युवाओं से अलग-अलग किस्म-किस्म के लोगों से बात हुई है और सबका यही मानना है कि कोरोना के केस कम तो हुए हैं, लेकिन अभी भी बहुत हैं। दिल्ली में अभी 23 फीसद संक्रमण दर है। अभी ढिलाई नहीं दी जा सकती है। अभी ढिलाई देने का समय नहीं है। सबका यही मानना है कि लाॅकडाउन को अभी और बढ़ाने की जरूरत है। अभी इस कड़ाई को थोड़े दिन और बरकरार रखने की जरूरत है। नहीं तो, अभी जो हमने हासिल किया है, वह भी खत्म हो जाएगा। जैसा कि मैंने कहा कि यह इतना मुश्किल दौर है। यह लहर काफी खतरनाक है, इतने मौत लोगों की मौत हो रही है। ‘जान है, तो जहान है।’ अगर जिंदगी बचेगी, तो बाद में और भी बहुत कुछ कर लेंगे। इस समय सबसे पहले हमें जिंदगी बचाना है।