भोपाल/ रंजन श्रीवास्तव। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए एक अनोखी पहल शुरू की है। सरकार ने महिलाओं के लिए बनाई गई योजनाओं के मध्य प्रदेश में कार्यान्वयन की निगरानी के लिए प्रत्येक वार्ड और गांव में लाडली बहना सेना (Ladli Bahana Sena) की इकाइयां गठित करने जा रही है। इसके बाद महिलाओं के कार्यो की निगरानी खुद महिलाएं करने लगेंगी। सरकार ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए संपत्ति पंजीकरण के लिए भुगतान किये जाने वाले स्टांप शुल्क में भी छूट दिया है। चौहान ने कहा कि उनकी सरकार का प्रयास है कि प्रत्येक महिला कम से कम 10 हजार रुपये प्रति माह कमाए। इस बीच घोषणा की है कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना के तहत गरीब कन्याओं को दी जाने वाली वित्तीय सहायता राशि को 49 हजार रुपये से बढ़ाकर 51 हजार रुपये किया जाएगा।
—मध्य प्रदेश के शिवराज सिंह सरकार की अनोखी पहल
—सभी वार्ड और गांव में Ladli Bahana Sena की इकाइयां गठित
—महिलाओं के कार्यो की निगरानी खुद महिलाएं करने लगेंगी
—विवाह योजना के तहत कन्याओं को दी जाने वाली राशि 51 हजार रुपये की
चौहान ने बृहस्पतिवार को यहां से करीब 160 किलोमीटर दूर देवास जिले के सोनकच्छ कस्बे में आयोजित एक समारोह के दौरान यह घोषणा की। मध्य प्रदेश में 230 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव इस साल के अंत तक होने वाले हैं। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) सत्ता बरकरार रखने की कोशिश कर रही है, जबकि विपक्षी कांग्रेस सत्ता में वापसी के लिए प्रयासरत है। चौहान ने कहा, कई कल्याणकारी योजनाएं चलाकर समाज में बेटियों के साथ हो रहे अन्याय को समाप्त करने का प्रयास किया है।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना के तहत समाज के गरीब तबके की लड़कियों के विवाह के लिए 49 हजार रुपये की राशि दी जा रही है। इसे अब बढ़ाकर 51 हजार रुपये कर दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस साल मार्च में शुरू की गई महत्वाकांक्षी लाडली बहना योजना (Ladli Bahana Scheme)के तहत 10 जून से पात्र लाभार्थियों के बैंक खातों में हर महीने एक हजार रुपये जमा किए जाएंगे। वहीं, मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ (Kamal Nath) ने घोषणा की है कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है, तो वह गरीब महिलाओं को प्रति माह 1,500 रुपये प्रदान करेगी।
चौहान ने अपनी सरकार की मुख्य योजना लाडली लक्ष्मी योजना का जिक्र करते हुए कहा कि इस योजना से 44.90 लाख बेटियां लखपति बन गई हैं। इस योजना के तहत लड़की के जन्म के समय उसके नाम पर 1.18 लाख रुपये का भुगतान का आश्वासन देने वाला एक प्रमाण पत्र जारी किया जाता है और राशि का भुगतान लड़की द्वारा शिक्षा के विभिन्न स्तर पार करने के बाद उसके 21 वर्ष की होने तक किया जाता है। एक अधिकारी ने कहा कि लाडली लक्ष्मी योजना 2007 में राज्य में शुरू की गई और देश के छह राज्यों – दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड और गोवा द्वारा इसका अनुकरण किया गया है। चौहान ने आगे कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उनकी सरकार ने स्थानीय निकाय चुनावों में उनके लिए 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है और शिक्षकों और पुलिस आरक्षी की भर्ती में उनके लिए पद आरक्षित किए हैं।