सूरत। एक कहावत है कि ‘अगर दाएं हाथ से दान दे रहे हो तो बाएं हांथ को पता नहीं लगना चाहिए’, कोरोना वायरस संकट के बीच देशभर से लोग आर्थिक मदद कर रहे हैं लेकिन आधिकतर लोगों ने आपने दान को गुप्त ना रखते हुए सोशल मीडिया पर उसका ऐलान किया। गुजरात में भी कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन से जूझ रहे मजदूरों की मदद के लिए लोग आगे आए हैं। इसी दौरान एक शख्स के द्वारा किए गए गुप्तदान की चर्चा इन दिनों खूब हो रही है।
दरअसल, सूरत से कोरोना संकट में गुप्तादान की एक अनोखी घटना सामने आई है। कोरोना हॉटस्पॉट के रूप में घोषित सूरत के कई इलाकों में प्रवासी मजदूरों को राशन का सामान वितरित किया जा रहा है। इसी दौरान जब मजदूरों ने घर पहुंच कर आटे का पैकेट खोला तो उसमें से 15 हजार रुपये निकले। पैसे देखकर जरूरतमंद लोगों की आंखों में चमक आ गई और उन्होंने दान देने वाले शख्स को दिल से दुआएं दीं।
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गौरतलब है कि देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 17000 से ज्यादा हो चुकी है, इस महमारी से 500 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। कोरोना को काबू करने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया गया है जिससे कोरोना, मध्यम वर्ग और श्रमिकों के सामने आजीविका की समस्या आ गई है। ऐसे लोगों की मदद के लिए देशभर से लोग सामने आ रहे हैं। गुजरात के सूरत में एक समूह मजदूरों और गरीबों के लिए राशन और अन्य जरूरी सामान उपलब्ध करा रहा है।
आटे के पैकेट में 15 हजार रुपए रखने के पीछे ये वजह बताई गई कि पैसे के लालची भी मदद लेने के नाम पर वहां पहुंच जाते, इसलिए गुप्तदान किया गया ताकि जरूरतमंद लोग ही वहां पहुंचे। दान देने वाला यह ग्रुप सड़क, महोला, अपार्टमेंट में तैयार किए गए खाने के पैकेट से घर बैठे मजबूर लोगों का पेट भर रहे हैं।