नई दिल्ली। असम के 46 वर्षीय व्यक्ति ने कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर देशव्यापी लॉकडाउन के बीच अपने घर पहुंचने के लिए गुजरात से अमस तक की 2,800 किलोमीटर की दूरी को पैदल ही तय किया। इस दौरान शख्स के साथ लूटपाट की घटना भी हुई जिसमें उसकी सारी जमा-पूंजी छीन ली गई। जब शख्स ने हताश और निराश होकर पुलिस की मदद मांगी तो किसी ने उसकी सहायता नहीं की। 25 दिन तक लगातर चलने के बाद आखिरकार वह शख्स अपने घर गत रविवार को पहुंचा।
असम के नागांव जिले के प्रवासी मजदूर जादव गोगोई गुजरात के वापी में काम करते थे। अपनी जेब में 4,000 रुपये के साथ, जादव गोगोई 27 मार्च को वापी से शुरू हुए और 25 दिनों तक पैदल चलने बाद रविवार रात नागांव जिले में राहा पहुंचे। वापी से नागांव तक की अपनी यात्रा के दौरान उनसे पैसे, मोबाइल फोन और अन्य वस्तुओं को लूट लिया गया। रविवार को कुछ स्थानीय लोगों ने उसे सड़क किनारे आराम करते हुए पाया और पुलिस को सूचित किया।
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पूछताछ करने पर जादव गोगोई ने कहा कि वह गढ़रिया करौनी गांव से है और बिहार से चलने के बाद राहा पहुंचे। उन्होंने कहा, मैंने 27 मार्च को अपनी यात्रा शुरू की। मैंने पुलिस और अन्य सरकारी विभाग के अधिकारियों से मदद मांगी लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। मैं बिहार से पैदल चलकर यहां तक पहुंचा। तालाबंदी के कारण मुझे यह यात्रा करने के लिए मजबूर होना पड़ा। राहा के स्थानीय लोगों ने पुलिस की मदद से जादव गोगोई को नागांव सिविल अस्पताल में भर्ती कराया। अब उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है फिलहाल उन्हें क्वारंटाइन किया गया है।