—निजी अस्पतालों में 60 फीसदी बेड सस्ती दर पर मिलें
—आइसोलेशन तथा निजी अस्पताल के सस्ते बेड पर सहमति नहीं बनी
—दिल्ली सरकार ने 5 दिन अस्पताल में जबरन भर्ती कराने का विरोध किया
—इससे अराजकता बढ़ेगी और स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव बढ़ेगा
—होम आइसोलेशन खत्म करने से जून के अंत तक हमें एक लाख बेड की आवश्यकता होगी
नई दिल्ली /टीम डिजिटल : उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सभी कोरोना मरीजों को पांच दिन अस्पताल में जबरन भर्ती करने के आदेश का विरोध किया है। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने कल यह आदेश निर्गत किया था। शनिवार को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में सिसोदिया ने होम आइसोलेशन को जारी रखने का अनुरोध किया।
बैठक में सिसोदिया ने निजी अस्पतालों के 60 फीसदी बेड नागरिकों को सस्ती दर पर उपलब्ध कराने पर जोर दिया। बैठक के बाद सिसोदिया ने बताया कि आज की बैठक में इन दोनों मुख्य मुद्दों पर कोई आम सहमति नहीं बन पाई है। सिसोदिया ने अस्पताल में अनिवार्य रूप से भर्ती कराने संबंधी एलजी के आदेश से अराजकता बढ़ने की आशंका व्यक्त की। आदेश में कोरोना पोजिटिव प्रत्येक रोगी के लिए पांच दिनों तक अस्पताल में भरती होना अनिवार्य कर दिया गया है।
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सिसोदिया ने कहा कि आज हमने राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में दो महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। यह कोविड 19 रोगियों के लिए होम आइसोलेशन खत्म करने के एलजी के आदेश का विरोध करने तथा दिल्ली के निजी अस्पतालों में बेड की दर को सस्ती करने के संबंध में था। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी अनिवार्य संस्थागत आइसोलेशन के इस आदेश का भी विरोध किया है। अमर इसे जबरन लागू किया गया, तो दिल्ली में अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी।
सिसोदिया ने कहा कि अभी लगभग 10,000 से अधिक लोग होम आइसोलेशन में हैं और कोरांटीन केंद्रों पर 6,000 बेड खाली हैं। इतने सारे लोगों को अस्पताल में भरती करना अनावश्यक है तथा इनके लिए बेड का इंतजाम करना भी बड़ी चुनौती है।
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उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि हर दिन 3,000 से अधिक मरीज कोरोना उपचार के लिए आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार 30 जून तक हमारे पास एक लाख मरीज होंगे, 15 जुलाई तक सवा लाख मरीज होंगे, और 31 जुलाई तक लगभग 5.25 लाख मरीज हो जाएंगे। अगर हम होम आइसोलेशन को समाप्त करके सभी कोरोना पॉजिटिव मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराते हैं, तो हमें 30 जून तक एक लाख बेड की आवश्यकता होगी।
दिल्ली के निजी अस्पतालों में बिस्तरों की दर में कमी लाने के बारे में चर्चा के दूसरे बिंदु के बारे में सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार ने निजी अस्पतालों के मात्र 24 फीसदी बिस्तरों की दरों को सस्ती करने की सिफारिश करना चाहती है। लेकिन दिल्ली सरकार सभी नॉन-कोरोना निजी अस्पतालों में कम-से-कम 60 फीसदी बेड नागरिकों को सस्ती दर पर उपलब्ध कराने को प्रयास कर रही है।
आम जनता महंगे इलाज के कारण पीड़ित
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि आम जनता महंगे इलाज के कारण पीड़ित है। हम दिल्ली के लोगों को सस्ती दर पर इलाज दिलाना चाहते हैं। हम बिना किसी लक्षण वाले सामान्य कोरोना रोगियों को होम आइसोलेशन में इलाज की सुविधा भी जारी रखने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे मरीज आइसीएमआर के दिशानिर्देशों का पालन करते हैं। बैठक में अभी तक कोई सहमति नहीं बनी थी। बैठक आज शाम 5 बजे फिर होगी।