—जम्मू-कश्मीर : आंखों देखा हाल’ विषय पर आयोजित परिचर्चा
—एनयूजे के प्रतिनिधिमंडल में शामिल पत्रकारों ने अपने विचार साझा किए
(खुशबू पाण्डेय)
नई दिल्ली। नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) द्वारा ‘जम्मू-कश्मीर : आंखों देखा हाल’ विषय पर आयोजित परिचर्चा में वक्ताओं ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद कुछ पत्रकार और मीडिया संगठनों द्वारा खड़े किए जा रहे फेक नैरेटिव की कड़ी आलोचना की और कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में खुशी का माहौल है और लोग केंद्र सरकार के फैसले की प्रशंसा कर रहे हैं।
मंगलवार को हरियाणा भवन, नई दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख से हाल ही में लौटे एनयूजे (आई) के प्रतिनिधिमंडल में शामिल पत्रकारों ने अपने विचार साझा किए।
नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) के राष्ट्रीय महासचिव मनोज वर्मा ने कहा कि अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने के बाद हमारे संगठन के एक प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का दौरा किया। इस प्रतिनिधिमंडल में देश के 6 वरिष्ठ पत्रकार शामिल थे। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में सबने हमसे बात की और उन्होंने मोदी सरकार के फैसले की प्रशंसा की। किसी ने नहीं कहा कि सेना ने उन्हें परेशान किया।
पांचजन्य के संपादक हितेश शंकर ने कहा कि हम जो जम्मू-कश्मीर और लद्दाख से देखकर आ रहे हैं उसकी सचाई कुछ और है। 5 अगस्त के बाद से 1 गोली नहीं चली है। सरकार की तरफ से कोई कर्फ्यू नहीं है। अलबत्ता, घाटी के कुछ इलाकों में अलगाववादी ताकतों ने स्वआरोपित कर्फ्यू जैसा माहौल बनाया हुआ है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अधिकांश वर्गों के साथ अन्याय हुआ है। सिर्फ सुन्नी-बहावियों की बात सुनी जाती है, शिया सहित अनेक वर्गों को पूछनेवाला कोई नहीं है।
वहां की हवा में कोई डर या दहशत महसूस नहीं हुआ : बुधौलिया
दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के सचिव सचिन बुधौलिया ने कहा कि हमने जो कुछ वहां देखा उससे हमारा स्पष्ट मत बना है कि कुछ पत्रकार गलत नैरेटिव खड़ा कर रहे हैं। इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का कुछ नुकसान न हो जाए, इसके लिए हमें लगातार सत्य को सामने लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रतिनिधिमंडल को किसी भी सुरक्षा बलों के जवान ने रोकने की कोशिश नहीं की। रास्ते में भी किसी ने रोक-टोक नहीं की थी। वहां की हवा में कोई डर या दहशत है हमें महसूस नहीं हुआ।
जम्मू-कश्मीर में कर्फ्यू जैसी कोई बात नहीं
एनयूजे (आई) के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राकेश आर्य ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को लगने लगा है कि उन्हें दो खास परिवारों की मनमानी से मुक्ति मिलेगी और वे देश की मुख्यधारा में आ सकेंगे।
एनयूजे (आई) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हर्ष वर्धन त्रिपाठी ने प्रतिनिधिमंडल द्वारा खींचे गए चित्रों और वीडियो को प्रस्तुत करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में कर्फ्यू जैसी कोई बात नहीं है। लोग सहजता से रह रहे हैं। दुकानों पर लोग दिखे। पर्यटक भी आराम से घूम रहे हैं। जबकि वहां के पत्रकारों पर अलगाववादी ताकतों का असर दिखा। इसलिए वहां की सही खबरें सामने नहीं आ पाती हैं।
जम्मू-कश्मीर को लेकर फेक नैरेटिव खड़ा किया
वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को लेकर फेक नैरेटिव खड़ा किया जा रहा है। वहां राशन की दिक्कत नहीं है। समाचार-पत्र नियमित प्रकाशित हो रहे हैं। सरकार की ओर से मीडिया सेंटर बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि कुछ पत्रकार कश्मीर के नाम पर झूठ फैला रहे हैं, वे ऐसा करना बंद करें।
वरिष्ठ पत्रकार आलोक गोस्वामी ने कहा कि जो हमें बताया जाता है उसके विपरीत हमें देखने को मिले। हमारी कल्पनाओं से परे हवाईअड्डे पर भारी भीड़ लोगों को रिसीव करनेवालों की दिखी। कश्मीर में तिरंगा लहरा रहा था। सड़कों पर ट्रैफिक थी। अनुच्छेद 370 हटने के बाद एक उम्मीद की किरण दिखाई देने लगी है।
सच को सामने रखा है उसकी सख्त जरूरत : पुनेठा
दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अनुराग पुनेठा ने कहा कि एनयूजे (आई) के प्रतिनिधिमंडल ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में जाकर लोगों से बात कर जिस प्रकार से सच को सामने रखा है उसकी सख्त जरूरत थी।
इस कार्यक्रम में दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अनिल पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार उमेश्वर कुमार, रोशन गौड़, राज चावला, प्रतिबिम्ब शर्मा, विनोद शुक्ला, डीजेए के उपाध्यक्ष अतुल गंगवार एवं संजीव सिन्हा, कार्यकारिणी सदस्य अरुण कुमार सिंह, अश्वनी मिश्र, मनीष ठाकुर, भुवन भास्कर, शिवानी पांडेय, निशि भाट सहित अच्छी संख्या में वरिष्ठ पत्रकारों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।