नई दिल्ली/साधना मिश्रा: दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव हरमीत सिंह कालका ने कहा है कि गुरु तेग बहादुर कोरोना केयर सेंटर में बनी वीडियो को 6 जून 1984 के साका दिवस के साथ जोड़ कर मनजीत सिंह जी.के ने सिख कौम के साथ बहुत बड़ा धोखा किया है।
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पत्रकारों से बातचीत करते हुए कालका ने बताया कि यह वीडियो 10 दिन पहले कोरोना केयर सेंटर में डॉक्टरों द्वारा थैरेपी के रूप में बनाई गई थी। 6 मिनट की वीडियो बनी थी तो कमेटी प्रबंधकों को पता लगने पर उन्होंने तुरंत ना केवल इसे रोका बल्कि डॉक्टरों को यह भी बताया कि ऐसा ना किया जाए। कोरोना केयर सेंटर में गुरबाणी शब्द के साथ मरीज़ों के मन को पक्का किया जा रहा है लेकिन फिर भी बतौर प्रबंधक जो कुछ भी हुआ अगर उससे किसी के मन को ठेस पहुंची है तो वह माफी मांगते हैं।
लाशों पर राजनीति करने व लूट करने के लिए अपनी पार्टी के नेताओं को उत्साहित कर रहे हैं नेता
उन्होंने कहा कि मनजीत सिंह जी.के ने कोरोना काल में लाशों पर राजनीति की है। पहले उन्होंने कंस्ट्रेटर का विरोध किया था और अब इस मामले को बढ़ा-चढ़ा कर पेश कर रहे हैं। मनजीत सिंह जी.के द्वारा कोरोना केयर सेंटर का नाम लेने की बजाये गुरुद्वारा साहिब का नाम लेना ही उनकी घटिया राजनीति को बेनकाब करता है।
उन्होंने कहा कि 10 मई को गुरु तेग बहादुर साहिब जी के नाम पर कोरोना केयर सेंटर शुरु किया गया था उसी दिन से हमारे विरोधियों द्वारा आरोप लगाने का दौर भी शुरु हो गया था।
कोरोना केयर सेन्टर में बनी वीडियो पर कमेटी ने किया पलटवार
पिछले दो दिनों से वीडियो को गंदी राजनीति करने के लिए इस्तेमाल किया गया इससे दुर्भाग्यपूर्ण बात नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि यह बात 9-10 दिन पुरानी है व इस बात को 6 जून से जोड़ने की कोशिश विरोधियों ने की तथा दिल्ली कमेटी के कार्यों को बदनाम करने की कोशिश की । उन्होंने कहा कि डॉक्टरों ने किसी दुर्भावना से ठेस पहुंचाने के मकसद से ऐसा नहीं किया मगर हम सुनिश्चित करेंगे कि दोबारा ऐसा ना हो।
उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले के सम्बंध में जांच के लिए हम जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब को अपील कर रहे हैं और पुलिस शिकायत भी दर्ज करवा रहे हैं कि पूरे मामले की विस्तारपूर्वक जांच की जाए कि इसे लूट करने का काम किसने सौंपा।
पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए कालका ने कहा कि कमेटी अगर जम्मू-कश्मीर व आसाम में ऑक्सीज़न कंस्ट्रेटर भेज सकती है तो फिर पंजाब में क्यों नहीं भेज सकती।
उन्होंने आगे कहा कि मनजीत सिंह जी.के शायद यह भूल रहे हैं कि तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने 10 करोड़ रूपये दिल्ली कमेटी को दिए थे। यही नहीं बल्कि बाबा बंदा सिंह बहादुर का बुत स्थापित करने के लिए नाभा हाउस की कीमती ज़मीन भी कमेटी को दी थी।