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Friday, November 22, 2024

कामकाजी महिलाओं में स्तनपान के प्रति जागरूकता बढ़ाना जरूरी

दरभंगा /नीरज वर्मा । बिहार के दरभंगा चिकित्सा महाविद्यालय के प्राचार्य एवं जाने-माने शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. कृपा नाथ मिश्रा ने शिशु मृत्यु दर घटाने के लिए स्तनपान की दर बढ़ाने की आवश्यकता पर बल देते हुए आज कहा कि स्तनपान की दर बढ़ाने के लिए माताओं और समाज में फैली स्तनपान संबंधी भ्रांतियों को दूर करने के लिए जागरूकता जरूरी है। डॉ. मिश्रा ने गुरुवार को दरभंगा चिकित्सा महाविद्यालय के शिशु विभाग में विश्व स्तनपान सप्ताह के तहत आयोजित जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नवजात के स्तनपान की दर को बढ़ने का आह्वान करते हुए कहा कि कामकाजी महिलाओं में स्तनपान के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उन्हें स्तनपान की परिस्थितियां देने के लिए इस वर्ष विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में पूर्ण स्तनपान की दर 50 प्रतिशत से भी कम है। उन्होंने कहा कि जहां कहीं स्तनपान की दर घटी वहां शिशु मृत्यु दर में वृद्धि हुई।

—शिशु मृत्यु दर घटाने के लिए स्तनपान बढ़ाने की आवश्यकता
—माताओं और समाज में फैली स्तनपान संबंधी भ्रांतियों को दूर करना चाहिए

स्तनपान की दर बढ़ाने के लिए माताओं और समाज में फैली स्तनपान संबंधी भ्रांतियों को दूर करने के लिए स्तनपान संबंधित जागरूकता के कार्यक्रम आवश्यक है। प्राचार्य ने कहा कि पूरे देश में घर के बाहर कामकाजी महिलाओं की संख्या तेजी से बढ़ी है। इसके साथ ही उनके स्तनपान की जुड़ी मुसीबतों को दूर करने के लिए सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर भी अनेक कार्य तेज हुए हैं, जैसे 6 माह तक वेतन के साथ स्तनपान के लिए अवकाश, कार्यस्थल पर क्रचेज की सुविधा, वकर् फ्रॉम होम के लिए विशेष अनुमति दी जा रही है। दरभंगा के उप महापौर नाजिया हसन ने माताओं का आह्वान करते हुए कहा कि स्तनपान कराने से मां और बच्चे के बीच अपनापन बढ़ता है। उन्हें 6 माह तक अपने बच्चे को अपने दूध के अतिरिक्त पानी भी नहीं देना चाहिए।

कामकाजी महिलाओं में स्तनपान के प्रति जागरूकता बढ़ाना जरूरी

उन्होंने आग्रह किया कि छह मास के उपरांत घर का भोजन जरूर देना चाहिए, लेकिन कम से कम दो साल तक स्तनपान जारी रखना चाहिए। शिशु विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ0 अशोक कुमार ने कहा कि स्तनपान न सिफर् बच्चों को स्वस्थ रखता है, बलिक माताओं में भी स्तन और ओवरी के कैंसर से बचाता है। इंडियन एकेडमी ऑफ पेडिट्रिक्स के उपाध्यक्ष डॉ0 रिजवान हैदर ने कहा की हमारे राज्य में पूर्ण स्तनपान की दर 50 प्रतिशत से भी कम है, जिसे जागरूकता पैदा कर बढ़ाने की आवश्यकता है। स्तनपान बढ़ने से न सिफर् बच्चों में बीमारियां कम होंगी बलिक डब्बे के दूध बनाने में जाया होने वाले समय के बचने से स्त्रियों का समय बचेगा और यह उनके उत्थान में मदद करेगा। कार्यक्रम में इंडियन एकेडमी ऑफ पेडिट्रिक्स के दरभंगा शाखा के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर ओम प्रकाश एवं सचिव डॉ साजिद हुसैन, के अनेक सदस्य, शिशु विभाग के वरीय एवं कनीय चिकित्सक, पीजी छात्र, स्टाफ नर्स, नर्सिंग छात्राओं के साथ स्तनपान कराने वाली माताओं और उनके परिवार के सदस्यों ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान नर्सिंग छात्राओं ने माताओं के बीच जाकर उन्हें स्तनपान कराने समय नवजात बच्चे को सही से पकड़ना, स्तन से चिपकाना और दूध पिलाने के सही गुर सिखाए।

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