नई दिल्ली /खुशबू पाण्डेय : केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने सीमा सुरक्षा बल के अलंकरण समारोह और रुस्तमजी मेमोरियल लेक्चर में वीर सीमा प्रहरियों का शौर्य सम्मान करते हुए अदम्य साहस, वीरता और कर्तव्य के प्रति समर्पण के लिए पदक प्रदान किए। इस मौके पर ड्रोन विरोधी तकनीक प्रारूप का हस्तांतरण भी किया गया। कार्यक्रम के दौरान नित्यानंद राय ने कहा कि कश्मीर की बर्फीली चोटियों, झुलसा देने वाले थार, कच्छ का रण और घने वर्षा वनों के बीच से भारत-पाकिस्तान और भारत-बांग्लादेश से लगतीं अंतर्राष्ट्रीय सीमाएं, सीमा सुरक्षा बल के अभेद्य सुरक्षा घेरे में सुरक्षित हैं। समय के साथ-साथ नवीनतम तकनीक के समावेश से सीमावर्ती अपराधों व चुनौतियों में नित नए बदलाव देखने को मिल रहे हैं।
सीमावर्ती आबादी में अलगाववादी भावनाएं भड़का रहे हैं कुछ पड़ोसी देश
-बीएसएफ अलंकरण समारोह में बोले गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय
-कहा, बीएसएफ के अभेद्य सुरक्षा घेरे में सुरक्षित हैं अंतर्राष्ट्रीय सीमाएं
-सीमावर्ती अपराधों व चुनौतियों में नित नए बदलाव देखने को मिल रहे
– वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित इलाकों में भी सुरक्षा संभाल रहा है बल : राय
केन्द्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने शुक्रवार को कहा कि कुछ पड़ोसी देश भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले उन लोगों के बीच कट्टरपंथी धाॢमक और अलगाववादी भावनाओं को भड़का रहे हैं जो अभी तक पूरी तरह से राष्ट्रीय मुख्यधारा का हिस्सा नहीं बने हैं और वहां मौलिक सुविधाओं की कमी के कारण उन्हें घर छोडऩा पड़ रहा है। गृह राज्य मंत्री ने कहा कि सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों से लोगों के पलायन को लेकर ङ्क्षचतित है और इसे ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने उनके कल्याण के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। उन्होंने कहा कि बजट-2022 में सीमावर्ती क्षेत्रों के लिए घोषित ‘वाइब्रेंट विलेज इसी कदम का हिस्सा है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा, सात देशों से जुड़ी भारत की 15,106 किलोमीटर से ज्यादा लंबी सीमा पर शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मौलिक सुविधाओं की कमी के कारण वहां तकलीफें हैं और वहां संपर्क भी कम है। वह अभी तक राष्ट्रीय मुख्यधारा में पूरी तरह शामिल नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, सीमावर्ती क्षेत्रों की आबादी में शिक्षा का स्तर नीचा है। राष्ट्रीय सुरक्षा बेहतर बनाने से जुड़े मंत्रियों के समूह ने 2001 की अपनी रिपोर्ट में कहा था कि भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर रहने वाले लोग, खास तौर से जमीनी सीमाओं के पास, तमाम समस्याओं का सामना कर रहे हैं और उनके पास मौलिक सुविधाएं भी नहीं हैं। समुचित सुविधाएं नहीं मिलने से इन क्षेत्रों में रहने वाले कुछ लोग बेहतर जीवन और रोजगार की तलाश में पलायन कर गए हैं और इस कारण यह आबादी अभी तक पूरी तरह से राष्ट्रीय मुख्यधारा का हिस्सा नहीं बनी है। मंत्री ने कहा, स्थानीय लोगों के बीच असमानता की इस भावना का फायदा उठाते हुए हमारे कुछ दुश्मन देशों ने लालच और साजिश के तहत कट्टरपंथी धाॢमक और अलगावादी भावनाएं भड़कायी हैं। किसी देश का नाम लिए बगैर केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि कुछ पड़ोसी देशों ने सीमा पर अपनी ओर की आबादी बहुत ज्यादा बढ़ाने की बड़ी साजिश भी की है, वे इसके लिए बहुत कुछ (सीमा पर आबादी बढ़ाने के लिए) कर रहे हैं। नित्यानंद राय ने कहा, हमें इस संबंध में सोचना होगा,हमारी मंशा सही है। हम नहीं चाहते हैं कि मौलिक सुविधाओं की कमी के कारण देश के किसी भी हिस्से से पलायन हो। उन्होंने कहा, इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को राष्ट्रीय मुख्यधारा में शामिल किया जाए। सीमावर्ती क्षेत्रों की आबादी हमारी सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। देश के सीमावर्ती इलाकों में रहने वालों को बहादुर और देशभक्त बताते हुए राय ने कहा कि भारत के रणनीतिक हित में होगा कि हम उनके साथ संपर्क बनाएं।
समारोह में बीएसएफके महानिदेशक पंकज कुमार सिंह, अन्य केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के महानिदेशक और सीमा सुरक्षा बल के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
नित्यानंद राय ने कहा कि इन सभी नई चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए सीमा सुरक्षा बल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रेरित बीएसएफ हैकाथॉन (भूमि) एवं अग्नि मिशन पर पूर्ण लगन के साथ काम कर रहा है। इसमें सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय और अन्य प्रमुख सरकारी संस्थाओं के साथ मिलकर बीएसएफ़ एंटी ड्रोन एवं एंटी टनल तकनीक के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने सफलता प्राप्त कर रहा है। साथ ही पूर्वोत्तर में लंबे समय से सक्रिय राष्ट्र विरोधी ताकतों से निपटने में बल का सराहनीय योगदान रहा है।
वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित इलाकों में भी सुरक्षा संभाल रहा BSF
देश की सीमाओं की सुरक्षा के साथ-साथ, बीएसएफ़ वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित इलाकों में भी सुरक्षा व्यवस्था का सफलतापूर्वक संभाल रहा है। गृह राज्य मंत्री ने कहा कि गृह मंत्रालय ने सीमा सुरक्षा बल को मजबूती प्रदान करते हुए सुंदरवन डेल्टा क्षेत्र की प्रभावी निगरानी और सुरक्षा के लिए छ्ह नई फ्लोटिंग सीमा चौकियाँ तैनात की हैं। प्रत्येक सीमा चौकी आधुनिक सुविधाओं एवं तकनीकी उपकरणों से सुसज्जित है जो लगातार लगभग एक महीने तक बिना दोबारा ईंधन भरे तैनात रह सकती हैं। इनके अलावा निकट भविष्य में गुजरात के क्रीक एरिया में तीन अन्य नई फ्लोटिंग सीमा चौकियों की तैनाती की जाएगी। इन नई फ्लोटिंग सीमा चौकियों पर जवानों की तैनाती के लिए गृह मंत्रालय 54 अतिरिक्त तकनीकी कार्मिकों का शीघ्र ही ऑथोराइजेशन प्रदान करेगा ।