—सहायक लोको पायलट और तकनीशियनों की भर्ती का काम पूरा
—एएलपी और तकनीशियनों के 64 हजार पदों के लिए 47.45 लाख ने आवेदन किया
—10,123 सहायक लोको पायलट और 8,997 तकनीशियनों को देंगे प्रशिक्षण
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। भारतीय रेलवे ने महत्वपूर्ण सुरक्षा और परिचालन पदों को भरने का काम सफलतापूर्वक संपन्न कर लिया है, जिसे दुनिया के सबसे बड़ी भर्ती प्रक्रियाओं में से एक कहा जा सकता है। रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) ने केंद्रीकृत रोजगार अधिसूचना (CEN) संख्या 01/2018 के तहत सहायक लोको पायलट (ALP)और तकनीशियनों के संयुक्त रूप से कुल 64,371 पदों के लिए 3 फरवरी 2018 से 31 मार्च 2018 तक ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए थे। इन पदों के लिए कुल 47,45,176 ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए थे। चयन की प्रक्रिया में चिकित्सकीय जांच (लोको पायलट के लिए आवश्यक दूर दृष्टि/वर्ण दर्शन (कलर विज़न) और सतर्कता की जांच कड़े चिकित्सकीय जांच में से एक मानी जाती है) सहित 3-चरणों वाली कंप्यूटर आधारित परीक्षाएं और संक्षिप्त सूची में शामिल उम्मीदवारों के दस्तावेज़ का सत्यापन शामिल था। इन पदों के लिए लगभग 47.45 लाख उम्मीदवारों ने आवेदन किए थे।
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चयनित उम्मीदवारों के पैनल ने 64,371 रिक्तियों (27,795 एएलपी,64,371 तकनीशियनों) में से 56,378 उम्मीदवारों (26,968 एएलपी, 28,410 तकनीशियनों) की भर्ती के लिए अनुमोदित किया है। 40,420 उम्मीदवारों (22,223 एएलपी, 18,197 तकनीशियनों) को नियुक्ति पत्र जारी किए गए हैं। नए भर्ती किए गए 19,120 उम्मीदवारों (10,123 सहायक लोको पायलट (ALP), 8,997 तकनीशियनों) का प्रशिक्षण कोविड-19 की रोकथाम के लिए जारी उपायों से राहत मिलते ही शुरू कर दिया जाएगा। एएलपी के लिए प्रशिक्षण प्रक्रिया 17 सप्ताह और तकनीशियनों के लिए प्रशिक्षण प्रक्रिया 06 महीने चलेगी।
लॉकडाउन से पहले ही उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र जारी किए गए थे लेकिन कुछ उम्मीदवार कोरोना महामारी के प्रकोप और लॉकडाउन के कारण नौकरी ज्वाइन नहीं कर सके।
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सभी नए चयनित उम्मीदवारों को चरणबद्ध तरीके से नियत प्रक्रिया के अनुसार रेलवे में नियुक्ति दी जाएगी। सभी नव नियुक्त कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण पूरा करना अनिवार्य है, क्योंकि रेलवे एक परिचालन विभाग है और ट्रेन परिचालन की सुरक्षा सर्वोपरि है। प्रशिक्षण के दौरान क्लास रुम ट्रेनिंग, फिर फिल्ड ट्रेनिंग और उसके बाद कार्य स्थल पर तैनाती से पहले सक्षमता परीक्षण होगा। क्लास रूम,छात्रावास,पुस्तकालय, प्रशिक्षक इत्यादि की उपलब्धता जैसी क्षमता संबंधी कमियों को देखते हुए प्रशिक्षण को बैच के अनुसार पूरा कराया जाएगा। इसलिए इसे प्रशिक्षण संसाधनों का अधिकतम उपयोग करते हुए चरणबद्ध तरीके से पूरा कराया जाएगा।
कोरोना महामारी की वजह से सामाजिक दूरी (एक-दूसरे से दूरी बनाए रखने) के मानदंडों का पालन करने और इस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए सभी प्रकार के प्रशिक्षण को निलंबित कर दिया गया है। जैसे ही स्थिति अनुकूल होगी, प्रशिक्षण प्रक्रिया फिर से शुरू हो जाएगी।
यह भर्ती प्रक्रिया 3 चरणों में संपन्न हुई। प्रथम चरण का कंप्यूटर आधारित टेस्ट 424 केंद्रों पर 09 अगस्त 2018 से 04 सितम्बर 2018 तक 11 दिनों में 33 पारियों में सफलतापूर्वक आयोजित किया गया था, जिसमें लगभग 77% की रिकॉर्ड उपस्थिति रही यानी पहले चरण की परीक्षा में 36 लाख से अधिक उम्मीदवार शामिल हुए थे। दूसरे चरण के कंप्यूटर आधारित टेस्ट 21 जनवरी 2019 से 23 जनवरी 2019 तक तीन दिनों में कई पारियों में सफलतापूर्वक आयोजित किए गए थे। इसमें 13,00,869 (13 लाख से अधिक) उम्मीदवार शामिल हुए थे। दूसरे चरण में लोको पायलट की आवश्यक सतर्कता का आकलन करने के लिए 10 मई 2019 और 21 मई 2019 को लगभग 2,22,360 उम्मीदवारों हेतु कंप्यूटर आधारित एप्टीट्यूड टेस्ट (सीबीएटी)का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया था।
RRB को सभी पदों के लिए चिकित्सा जांच की जिम्मेदारी सौंपी
RRB को सभी पदों के लिए चिकित्सा जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जिसे पहले क्षेत्रीय रेलवे करता था। तदनुसार,लगभग 90,000 उम्मीदवारों (50% स्टैंडबाय उम्मीदवारों सहित) के लिए दस्तावेज़ सत्यापन और चिकित्सा जांच 16 जून 2019 से 20 अगस्त 2019 तक शुरू हुई। जैसा कि पहले ही बताया गया है कि यह चिकित्सा जांच काफी कड़ी होती है, क्योंकि ट्रेन चलाने वाले लोको पायलट के लिए गलती करने की कोई गुंजाइश नहीं होती है।
उम्मीदवारों की सूची क्षेत्रीय रेलवे को सितंबर 2019 से फरवरी 2020 तक भेज दी गई थी। चूंकि एएलपी और तकनीशियन दोनों के लिए सीबीटी सामान्य था, इसलिए उन लोगों के लिए तकनीशियन परिणाम बाद में घोषित कर दिए गए, जो एएलपी के लिए कंप्यूटर आधारित एप्टीट्यूड टेस्ट (सीबीएटी) पास नहीं कर सके।
35,208 रिक्तियों के लिए 1.25 करोड़ आवेदन
एएलपी और तकनीशियनों की भर्ती के अलावारेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) ने गैर-तकनीकी लोकप्रिय श्रेणी (एनटीपीसी- ग्रेजुएट और अंडर ग्रेजुएट) के कुल 35,208 रिक्तियों के लिए ऑनलाइन आवेदन मंगाए हैं। इन पदों के लिए कुल 1,26,30,885 ( यानी 1.25 करोड़ से अधिक) ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए हैं।
कोविड महामारी से पहले के हालात में परीक्षा प्रक्रिया की तैयारी तेजी से चल रही थी। लेकिन, कोविड-19 महामारी के प्रसार के बाद यह पूरी प्रक्रिया बाधित हो गई। भारतीय रेलवे अब भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने जा रही है, क्योंकि स्थिति पहले से अच्छी हुई है।
नई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा
मौजूदा हालात में कोविड महामारी की वजह से नई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिनकी पहले कोई उम्मीद भी नहीं कर सकता था। इनमें अभ्यर्थियों का परीक्षा केंद्र पर फेस मास्क पहन कर आना और फिर इससे एक अभ्यर्थी की जगह दूसरे अभ्यर्थी का वेष बदलकर आने की नई चुनौती से निपटना, परीक्षा केंद्रों पर जमी भीड़ को संभालना, प्रत्येक पाली के बाद परीक्षा केंद्रों की स्वच्छता-सफाई, परीक्षा के निष्पक्ष और सुचारू संचालन के लिए आवश्यक मानदंडों को लागू करते हुए कोविड-19 की वजह से दो उम्मीदवारों के बीच सामाजिक दूरी के मानदंड लागू करने के लिए एक परीक्षा केंद्र में बुक किए जाने वाले उम्मीदवारों की संख्या में कटौती इत्यादि कई चुनौतियां शामिल हैं।
भारतीय रेलवे कोविड-19के मौजूदा हालात में सभी मानदंडों का पालन करते हुए 1.25 करोड़ आवेदकों के लिए परीक्षा आयोजित करने और सभी प्रक्रियाओं के निर्धारण के लिए एक व्यवहार्य रणनीति तैयार कर रहा है।