लखनऊ /महेंद्र सिंह: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने रविवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में उत्तर प्रदेश अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (inland waterways authority) के गठन के संबंध में समीक्षा बैठक की और यथाशीघ्र इसके गठन की प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्राधिकरण के स्वरूप पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्राधिकरण के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के पद पर ख्यातिलब्ध विशेषज्ञ को जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। प्रदेश के परिवहन आयुक्त को इसका सीईओ नामित किया जाए।
—जल परिवहन में यात्रियों और कार्गो परिवहन के व्यापक अवसर
—जलमार्ग सेक्टर के विशेषज्ञ होंगे प्राधिकरण के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष, ट्रांसपोर्ट कमिश्नर होंगे सीईओ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath)ने कहा कि यह प्राधिकरण नोडल अथॉरिटी के रूप में भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के साथ समन्वय का कार्य करेगा। प्राधिकरण द्वारा अंतर्देशीय जल परिवहन एवं पर्यटन संबंधित समस्त गतिविधियों का रेगुलेशन किया जाएगा, साथ ही, जल परिवहन से संबंधित पर्यावरण एवं सुरक्षा कानूनों का अनुपालन, जलमार्गों के विकास एवं बेहतर उपयोग हेतु हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण एवं जांच की जिम्मेदारी का निर्वहन भी करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राधिकरण द्वारा अंतर्देशीय जल यातायात डेटा का अध्ययन एवं विश्लेषण किया जाना चाहिए। अंतर्देशीय जल परिवहन, पर्यटन एवं शिपिंग तथा नेविगेशन संबंधित गतिविधियों के संबंध में वैज्ञानिक अनुसंधान किया जाए। अंतर्देशीय जल परिवहन से संबंधित स्टेकहोल्डर्स एवं अधिकारियों/कर्मचारियों का तकनीकी प्रशिक्षण भी कराया जाए।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के नदियों के जलमार्गों के सदुपयोग एवं विनियमन के परिप्रेक्ष्य में जलग्रहण क्षेत्र का निर्धारण, नदियों को चैनलाइज़ करने तथा पूरे वर्ष नेविगेबल बनाए रखने, अविरल प्रवाह हेतु ड्रेजिंग गतिविधि कराने तथा अंतर्देशीय जल परिवहन हेतु ढांचागत सुविधाओं आदि की स्थापना के अलावा, पर्यटक सर्किट मार्ग तैयार करने में प्राधिकरण की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्राधिकरण द्वारा जल परिवहन के अन्य परिवहन साधनों के साथ समन्वयन तथा पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (public-private partnership) एवं निजी भागीदारी प्रोत्साहित करने का भी कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हर नदी की प्रकृति भिन्न होती है। ऐसे में अंतर्देशीय जलमार्गों के वर्गीकरण के लिए प्राधिकरण द्वारा मानक तय किया जाना चाहिए।