—गृहमंत्री अमित शाह ने गुवाहाटी में राज्य की जनता को चेताया
—कहा,कांग्रेस और बदरुद्दीन अजमल असमिया संस्कृति की रक्षा नहीं कर सकते
गुवाहाटी/ टीम डिजिटल : गृह मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने आज सोमवार को गुवाहाटी, असम में आयोजित टाउन हॉल कार्यक्रम को संबोधित किया और उपस्थित जन-समुदाय से प्रदेश में विकास की गति को और तेज करने, असम को बाढ़ मुक्त बनाने और अवैध घुसपैठ को ख़त्म करने के लिए पूर्ण बहुमत की भारतीय जनता पार्टी नीत एनडीए सरकार बनाने का आह्वान किया।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि असम में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस एवं बदरुद्दीन अजमल के गठबंधन के बीच में लड़ाई है। ये कोई ट्राई-एंगल नहीं है। कांग्रेस का बदरुद्दीन अजमल से समझौता है। यह असम की जनता को तय करना है कि इनमें से श्रीमंत शंकरदेव के स्वप्न को कौन पूरा कर पाएंगे। उन्होंने ये भी कहा कि यहां बैठे सभी लोगों की जिम्मेदारी है कि हम असम की जनता का मार्गदर्शन करें कि आने वाली पीढ़ी के लिए कैसा असम चाहिए और जैसा चाहिए, वैसा असम कौन बना सकता है। अगर आप गहराई से सोचेंगे तो ये चुनाव आपको, मुझे और असम की जनता को एक निश्चित लक्ष्य तक ले जाने वाला चुनाव बनेगा जो स्वर्णिम असम के स्वप्न को पूरा करेगा। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भूपेन हजारिका सेतु विकास का एक प्रतीक है। असम वर्षों से इसकी राह देखता आया था, ये असम के अरमानों का पुल है, ये असम के लोगों की आशाओं का पुल है। उन्होंने आगे कहा कि पूर्वोत्तर में देश का करीब साढ़े 8 प्रतिशत भू-भाग है। दूसरे देशों की भी सीमाएं इसके साथ मिलती है, इसलिए देश की सुरक्षा इसके साथ जुड़ी हुई है। असम देश के व्यापार का केंद्र भी बन सकता है। भारतीय जनता पार्टी ने विकास एक विजन दिया था जिसमें हमने असम के इंफ्रास्ट्रक्चर का जाल बुनने का काम किया।
प्रधानमंत्री ने असम में केवल छः साल में 6 पुल बनाने का काम किया है। हमने असम में 20,000 किमी से ज्यादा सड़कें बनाई हैं। घर-घर बिजली पहुंचाई है। हमने पांच वर्षों में असम को भ्रष्टाचार मुक्त पारदर्शी सरकार दी है। शाह ने कहा कि आंदोलन मुक्त असम भी हमारा बहुत महत्वपूर्ण वादा रहा है। विगत पांच वर्षों में असम आंदोलन-मुक्त प्रदेश की राह पर चल पड़ा है। कितने साल आंदोलन चले, असम के न जाने कितने युवा इसमें शहीद हुए। इसके कारण असम का विकास ठप्प पड़ गया। कैसी विडंबना है कि आज असम के युवाओं पर गोली चलाने वाली कांग्रेस पार्टी ही असम की अस्मिता की बात करती है। उन्होंने कहा कि हमने असम को घुसपैठियों से मुक्त कराने का भी वादा किया था। विगत पांच वर्षों में हमने ऐसी व्यवस्था बनाई है कि अब असम में कोई भी घुसपैठ करने से पहले कई बार सोचता है। घुसपैठ रोकने के लिए पुलिस और सीमा सुरक्षा बल की मुस्तैदी बढ़ाई गई है। हमने काजीरंगा को भी घुसपैठ से मुक्त किया है। अब असम में गैंडों का शिकार लगभग-लगभग बंद हो गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में और पांच साल की भाजपा सरकार में असम उग्रवाद से भी मुक्त होने की राह पर आगे बढ़ गया है। पिछले पांच वर्षों में अलग-अलग 10 समूहों के लगभग 2,000 युवा हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हुए हैं। ये बदलते असम की कहानी है। पिछले पांच वर्षों में असम शांति और विकास के बल पर नया इतिहास बना रहा है। इस दौरान कोई बड़ी उग्रवादी घटना भी असम में नहीं होने दी गई है।
कांग्रेस और बदरुद्दीन अजमल असमिया संस्कृति की रक्षा नहीं कर सकते
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भाजपा-एनडीए गठबंधन के लिए असमिया संस्कृति का संरक्षण महत्वपूर्ण भी है और हमारी प्राथमिकता भी। कांग्रेस और बदरुद्दीन अजमल असमिया संस्कृति की रक्षा नहीं कर सकते। ये लोग सत्ता में आए तो असम में फिर से घुसपैठ होगी जो अपने पैरों तले असम की महान संस्कृति को रौंद कर रख देगी। कांग्रेस पर हमला करते हुए श्री शाह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अपने स्वभाव के अनुरूप दो काम किए। पहला, उसने परिवारवाद की राजनीति की और दूसरा – ‘तोड़ो और राज करो’ की नीति अपनाई। इस सबके पीछे का कांग्रेस का मकसद था कि झगड़े होते रहें और कांग्रेस राज करती रहे लेकिन उन्हें मालूम नहीं था कि भारतीय जनता पार्टी यहां तक पहुंच जाएगी।
कांग्रेस कैसे सेक्युलर पार्टी है
उन्होंने कहा कि कांग्रेस कैसे सेक्युलर पार्टी है कि केरल में वह मुस्लिम लीग से समझौता करती है, पश्चिम बंगाल में फुरफुरा शरीफ के मौलाना से गठबंधन करती है तो असम में बदरुद्दीन अजमल के साथ चुनाव लड़ती है। शाह ने कहा कि जब भी मैं असम के युवाओं से बात करता हूँ तो वे ये कहते हैं कि बदरुद्दीन अजमल को देख कर उन्हें ‘काला पहाड़’ और सैयद सादुल्ला की याद आती है जिसने असम में धर्म परिवर्तन को गति दी थी। जो तरुण गोगोई कहते थे कि ये अजमल कौन है, आज उन्हीं के पुत्र बदरुद्दीन अजमल के साथ मंच साझा कर रहे हैं। ये चुनाव जीतने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। असम की अस्मिता एवं संस्कृति की रक्षा केवल और केवल भारतीय जनता पार्टी ही कर सकती है। श्रीमान भूपेन हजारिका जी को भारत रत्न देने का काम भी भाजपा सरकार ने किया है। असम की सरकार ने सत्रों की भूमि को भी घुसपैठ से मुक्त किया है।
असम में नई सड़कों के निर्माण के लिए 53,000 करोड़ रुपये आवंटित
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इस बजट सत्र में मोदी सरकार ने असम में नई सड़कों के निर्माण के लिए 53,000 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं। इसके अतिरिक्त 30,000 करोड़ रुपये अन्य परियोजनाओं के लिए, 770 करोड़ रुपये आपदा प्रबंधन के लिए और 2,000 करोड़ रुपये स्थानीय निकायों के लिए अलग से दिये गए हैं। उन्होंने कहा कि नामघर सिर्फ धार्मिक केंद्र ही नहीं, असम की संस्कृति का प्रचार केंद्र भी हैं। सारे नामघरों को 5 साल में 2.5 लाख रुपये देकर उन्हें मजबूती प्रदान करने का काम भाजपा सरकार करेगी।