नई दिल्ली। 1980 के दशक के मध्य से 1990 के दशक की शुरुआत तक दुनियाभर के शेयर बाजारों को प्रौद्योगिकी के उपयोग ने काफी प्रभावित किया, क्योंकि वे कम्प्यूटरीकृत और एल्गोरिथम-बेस्ड मॉडल को अपनाने से पेपर-लेस होते चले गए थे। बड़े पैमाने पर डेटा की प्रोसेसिंग ने फाइनेंशियल मार्केट्स के कामकाज के तरीकों में बदलाव किया, क्योंकि इसने दुनियाभर में खुदरा निवेशकों के लिए डिजिटल ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का विकल्प खोल दिया था। रोजमर्रा की प्रक्रियाओं में टेक्नोलॉजी को इंटीग्रेट करने वाले पहले उद्योगों में से एक होने के नाते स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग और इसके साथ आने वाली अन्य सेवाओं के लिए पहुंच को आसान बनाया।
हालांकि, सबसे अधिक असर पड़ा कुछ साल पहले वैश्विक स्तर पर फिनटेक के प्रसार से, और इस दौरान भारत में भी ट्रेंड्स ने दुनिया की सर्वश्रेष्ठ तकनीकी कंपनियों के साथ तालमेल बनाए रखा। भारत की बड़ी युवा आबादी, कई ब्रोकरेज हाउसों के बढ़ते नए निवेशक बेस, और डिजिटल व कैशलेस अपनाने पर सरकार के जोर ने स्टार्टअप के लिए अनुकूल माहौल बनाया और स्थापित फिनटेक्स को पनपने का मौका दिया।
फिनटेक के इनोवेशन, और कैपिटल मार्केट्स पर उनके प्रभाव
भारत आज के समय में सबसे ज्यादा स्मार्टफोन और एक्टिव इंटरनेट यूजर्स वाले देशों में से एक है, जिसकी वजह है मोबाइल और कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी में प्रगति और देश के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने पर दिया गया जोर। 2021 में अनुमानित 700 मिलियन एक्टिव इंटरनेट यूजर्स के साथ भारत के युवा यूजर्स को व्यापक रूप से टेक-सैवी के तौर पर पहचाना जाता है, जिनमें से लाखों लोग डिजिटल भुगतान गेटवे के माध्यम से ऑनलाइन लेनदेन करने के लिए मोबाइल एप्लिकेशन का इस्तेमाल कर रहे हैं। डिजिटल इनक्लूजन एजेंडा को आगे बढ़ाने में फिनटेक की भूमिका समझने के बाद, कई बीएफएसआई कंपनियों ने इन तकनीकों को अपनी सेवाओं में लाने के लिए निवेश किया है।
फिनटेक इनोवेशन का सबसे ज्यादा लाभ ब्रोकरेज हाउस और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म ने उठाया है। जो टेक-सॉल्युशन उनकी सेवाओं के इंटीग्रेट किए गए हैं, वे भारत के दूरदराज के हिस्सों से निवेशकों को कैपिटल मार्केट से जोड़ रहे हैं। कुछ साल पहले तक अधिकांश भारतीय न तो ब्रोकरेज सर्विसेस का लाभ उठा सकते थे और न ही दूरदराज के लोग बाजारों में ट्रेडिंग करना सुविधाजनक समझते थे। मोबाइल-ऐप-बेस्ड सेवाएं उपलब्ध होने के साथ वे कुछ ही मिनटों में स्टॉक और कमोडिटी खरीद-बेच सकते हैं। नतीजतन, फिनटेक ऐप और डिजिटल ब्रोकरेज सेवाएं अब आवश्यकता बन गई हैं, जिसमें किसी डीलर या दलालों के पास प्रत्यक्ष पहुंचे बिना भी हर तिमाही में लाखों लोग शामिल हो रहे हैं।
प्रक्रिया के पीछे की तकनीक और इंडस्ट्री पर इसका प्रभाव
इनोवेशन केवल मोबाइल ऐप और ग्राहकों के लिए कई सेवाएं उपलब्ध कराने तक ही सीमित नहीं है। एआई, डेटा एनालिटिक्स के इंटिग्रेशन और मशीन लर्निंग के नेतृत्व वाली प्रक्रियाओं जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कई तरह से कंपनियों की मदद कर रहा है। यह ऑपरेशंस की गति को प्रभावित कर रहा है, डेटा की सटीकता को सार्वजनिक किया जा रहा है, और डेटा चोरी और धोखाधड़ी गतिविधियों के खिलाफ सिक्योरिटी फीचर्स बना रहा है। इसके अलावा, टू-फेक्टर ऑथेंटिकेशन के साथ नए ग्राहकों की रिमोट ऑनबोर्डिंग संभव है, जो एआई और फेशियल रिकग्निशन सॉफ्टवेयर से समर्थित है।
एजेंटों को अब व्यक्ति की प्रत्यक्ष जांच करने की आवश्यकता नहीं
डिजिटल केवाईसी प्रक्रियाएं पारंपरिक सर्टिफिकेशन और वेरिफिकेशन विधियों की जगह ले रही हैं, और एजेंटों को अब व्यक्ति की प्रत्यक्ष जांच करने की आवश्यकता नहीं है। आज, एक संभावित ग्राहक दस्तावेजों की डिजिटल प्रतियां और लाइव ट्रैकिंग आदि प्रस्तुत कर सेवाओं के लिए साइन अप कर सकता है। ऐसी प्रक्रियाओं के लिए, कुछ बीएफएसआई कंपनियों ने आवेदक के बताए स्थान को जियोटैग करते हैं और यह जांचने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं कि उसने डेटा जहां से प्रोसेस किया, उसकी लोकेशन का मिलान हो रहा है या नहीं। इसके अलावा, फेशियल रिकग्निशन और डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन सॉफ्टवेयर सेवा प्रदाताओं को आधिकारिक रिकॉर्ड के माध्यम से मिलान करने की अनुमति देता है ताकि दस्तावेजों की प्रामाणिकता की पुष्टि हो सके। निश्चित रूप से टेक्नोलॉजी की सफलता न केवल शेयर बाजारों के इकोसिस्टम को प्रभावित कर रही है, बल्कि बीएफएसआई कंपनियों और अन्य उद्योगों जैसे बीमा, डी2सी ब्रांड, ई-कॉमर्स, आदि जो अब ग्राहक प्रोफाइल की जांच करने के लिए सक्रिय रूप से इसका उपयोग कर रहे हैं।
स्टॉक मार्केट स्पेस में फिनटेक के विभिन्न अनुप्रयोग
कैपिटल मार्केट्स की व्यापक दुनिया में हम पहले ही फिनटेक्स के काम को देख रहे हैं, जो साइबर स्पेस, एल्गोरिथम ट्रेडिंग, ट्रेडिंग और एडवाइजरी जैसे पहलुओं में अद्भुत काम कर रहे हैं। ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म ब्लॉकचेन-संचालित फीचर्स के माध्यम से परिष्कृत प्रोग्राम चला सकते हैं, जो संवेदनशील जानकारी की सेफ्टी और सिक्योरिटी सुनिश्चित कर रहे हैं। इसमें महत्वपूर्ण विवरण शामिल हैं जैसे कि ट्रेड किए गए स्टॉक के लेनदेन का इतिहास, कमोडिटी, फ्यूचर्स, आदि। फिनटेक फर्म बहुत ज्यादा यूटिलिटी वाले टूल्स बना रहे हैं, जो तेजी से लेनदेन और निवेशकों के अनुरोधों की त्रुटि मुक्त प्रोसेसिंग सुनिश्चित करते हैं।
डिजिटल पेमेंट गेटवे के उपयोग में कई गुना वृद्धि
भारत में 2016 की नोटबंदी के कदम के बाद से डिजिटल पेमेंट गेटवे के उपयोग में कई गुना वृद्धि हुई है। दिलचस्प बात यह है कि डिजिटल लेन-देन इतना सर्वव्यापी है कि कोने की किसी दुकान से लेकर मिलेनियल निवेशकों तक की वित्तीय सेवाओं तक सभी फाइनेंशियल ऐप्स से जुड़ गए हैं। उनके हितों को ध्यान में रखते हुए डिजिटल ब्रोकर्स और फिनटेक कंपनियां स्मार्टफोन-उन्मादी पीढ़ी के लिए ऐप डिजाइन कर रही हैं, जो डिजिटल लेनदेन के इच्छुक हैं। डिजिटल पेमेंट गेटवे और डिजिटल ब्रोकर विभिन्न तरीकों से अपने ट्रेडिंग के लिए पारंपरिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म दे रहे हैं। सबसे पहले, पैमाना इस हद तक बढ़ गया है कि कमीशन की दरें लगभग शून्य हो गई हैं, जबकि इंट्रा-डे ट्रेड्स को सस्ता कर दिया गया है। एक प्लेटफॉर्म पर कई सेवाएं मिल रही हैं, जिसे इसमें जोड़ सकते हैं।
पेंशन योजनाओं और म्यूचुअल फंडों में निवेश
एक निवेशक स्टॉक के साथ लेनदेन कर सकता है, पेंशन योजनाओं और म्यूचुअल फंडों में निवेश कर सकता है, आईपीओ के लिए आवेदन कर सकता है, कमोडिटी एक्सचेंजों पर ट्रेडिंग कर सकता है, शेयर बाजारों में खरीद और बिक्री कर सकता है, निवेश के बारे में जान सकता है, और तो और विशेषज्ञों से पेशेवर सलाह प्राप्त कर सकता है, और यह सब केवल एक मोबाइल ऐप के माध्यम से। यहां तक कि सोने की तरह की पारंपरिक वस्तुएं, जो ज्यादातर प्रत्यक्ष वस्तुओं के रूप में लोकप्रिय हैं, का भुगतान गोल्ड ईटीएफ के रूप में पेमेंट गेटवे एप्लिकेशन के साथ इलेक्ट्रॉनिक रूप से किया जा रहा है। भारतीय अर्थव्यवस्था में आ रहे बदलावों और फाइनेंशियल मार्केट्स में न्यूनतम स्तर को शामिल कर फिनटेक इनोवेशंस ने चमत्कार किया है। यह भारत को सिर्फ तेजी से बढ़ने में मदद करेगा।