-गुरुद्वारा रकाबगंज कोविड सेंटर के नाम पर मिले पैसे पर विवाद
-1984 सिख दंगों की प्रमुख गवाह ने अकाल तख्त को लिखी चिटठी
-अमिताभ बच्चन को क्लीन चिट देने वाले को तलब करे अकाल तख्त
-सिखों ने दर्ज कराया विरोध, कमेटी को सौंपा ज्ञापन
नई दिल्ली, टीम डिजिटल: फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) के द्वारा दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (Delhi Gurdwara Prabandhak Committee) के द्वारा रकाबगंज गुरूद्वारा सहिब में शुरू हुए कोविड केयर सेंटर (Covid Care Center) के लिए 2 करोड़ रुपये देने का मामला गरमा गया है। सिखों ने इसका खुलकर विरोध किया है। कुछ लोग सोशल मीडिया पर तो कुछ लोग मौके पर पहुंच कर विरोध दर्ज कराया है।
2 करोड़ रूपये लेने पर सिख संगठनों ने 1984 सिख दंगों में अमिताभ बच्चन की कथित भागीदारी को लेकर सवाल उठाए
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (Delhi Gurdwara Prabandhak Committee) के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा (Manjinder Singh Sirsa) ने कल मीडिया को जानकारी दी थी कि अमिताभ बच्चन ने 2 करोड़ रूपये कोविड सेंटर के लिए दिए हैं। इसके बाद सिख संगठनों ने 1984 सिख दंगों में अमिताभ बच्चन की कथित भागीदारी को लेकर सवाल उठाए हैं। सिख नेताओं का दावा है कि 31 अक्टूबर 1984 को जब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) का शव तीन मूर्ति भवन पर रखा गया था तब नेहरू गांधी परिवार के खास मित्र अमिताभ बच्चन ने खून का बदला खून के नारे लगाये थे। जो कि उस समय दूरदर्शन पर प्रसारित भी हुए थे। सिख नेताओं का मानना है कि अमिताभ बच्चन ने सिखों के खिलाफ दंगा करने के लिए लोगों को उकसाया था। इसलिए ऐसे व्यक्ति से गुरुद्वारा परिसर में चलने वाले किसी भी कार्य के लिए दान लेना गलत है।
निरप्रीत कौर ने अकाल तख्त साहिब को पत्र लिखकर कमेटी अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा को अकाल तख्त से तलब करने की मांग की
जागो पार्टी के अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके ने ऐलान किया है कि उनकी पार्टी को कमेटी की सेवा मिलने पर 2 करोड़ रूपये अमिताभ बच्चन को वापस लौटाएं जाएंगे। वहीं, 1984 सिख दंगों की मुख्य गवाह निरप्रीत कौर (Nirpreet kaur) ने जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब को पत्र लिखकर कमेटी अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा को अकाल तख्त पर तलब करने की मांग की है।
मनजिंदर सिंह सिरसा पर पैसे लेकर अमिताभ बच्चन को क्लीन चिट देने का लगाया आरोप
निरप्रीत कौर ने कहा है कि सिरसा ने बहुत बड़ी गलती की है। उन्होंने कहा कि 2011 में जब अमिताभ बच्चन को पंजाब सरकार ने आनंदपुर साहिब में विरासते खालसा के उदघाटन के लिए बुलाया था तब सिखों ने इसका जमकर विरोध किया था। इसके बाद दिसम्बर 2011 में ही अमिताभ बच्चन ने जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब को पत्र लिखकर अपनी सफाई दी थी। लेकिन आज तक उसपर कोई फैसला नहीं हुआ। सिरसा ने अमिताभ बच्चन से पैसे लेकर एक तरह से क्लीन चिट दे दी है। कल को अगर सज्जन कुमार, जगदीश टाइटलर, कमलनाथ और अन्य दंगों के दोषी नेता गुरु घर में अगर दान देंगे तो क्या अमिताभ बच्चन की तरह उन्हें भी क्लीन चिट दे देंगे।
बाबू सिंह दुखिया ने गुरुद्वारा कमेटी को सौंपा ज्ञापन
इसी मामले को 2011 में श्री अकाल तख्त पर ले जाने वाले बाबू सिंह दुखिया (Babu Singh Dukhiya) ने आज कमेटी दफ्तर पहुंचकर विरोध दर्ज कराया। साथ ही अमिताभ बच्चन के दो करोड़ वापस देने की मांग की है। इस बावत उन्होंने एक ज्ञापन भी सौंपा है। इस विवाद के बाद गुरुद्वारा कमेटी ने आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं बोला है। कमेटी महासचिव हरमीत कालका (Harmeet Kalka) ने सिर्फ इतना कहा कि विवाद पैदा करने वालों के पास कोई काम नहीं है इसलिए वो विरोध कर रहे हैं। कमेटी का पहला मकसद है लोगों की जान बचाना, और कमेटी वही काम कर रही है।