–इस बार नई पार्टी पंथक अकाली लहर के झंडे तले उतरेंगे
–दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव
–दिल्ली में पार्टी के संगठन की भी घोषणा, बनाए प्रत्याशी
NEW DELHI : श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार भाई रंजीत सिंह ने आज दिल्ली में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव में सभी 46 सीटों पर चुनाव लडऩे का ऐलान कर दिया है। साथ ही दावा किया कि उनकी पार्टी फिलहाल किसी भी धार्मिक दल से गठबंधन नहीं करेगा और अकेले चुनाव लड़ेगा। रंजीत सिंह ने इस बार दिल्ली चुनाव के लिए नई पार्टी का भी ऐलान कर दिया है, जिसके झंडे तले वह एसजीपीसी के साथ दिल्ली कमेटी का चुनाव लड़ेंगे। नई पार्टी पंथक अकाली लहर है। पिछला चुनाव अकाल सहाय वेलफेयर सोसायटी के बैनर तले लड़ा था। लेकिन यह साफ नहीं किया कि पुरानी पार्टी अकाल सहाय का क्या होगा। उनका कहना है कि पिछले चार साल से पंजाब में वह पंथक अकाली लहर के नाम से शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे थे इसलिए दिल्ली कमेटी चुनाव भी इसी नाम से लड़े जाएंगे। इसके लिए बाकायदा सारी कार्रवाई पूरी कर ली गई है। इस मौके पर रंजीत सिंह ने दिल्ली ईकाई संगठन का भी ऐलान किया। इसमें अपने आप को पार्टी का अध्यक्ष घोषित किया है। जबकि दिल्ली कमेटी सदस्य मलकिंदर सिंह को वरिष्ठ उपाध्यक्ष और तेजिंदर सिंह नलवा को महासचिव बनाया है। इसके साथ ही कुछ और नियुक्तियां भी की गई हैं, जिसमें उपाध्यक्ष,खजांची तथा संगठन सचिव शामिल हैं।
सूत्रों की माने तो पंथक अकाली लहर के साथ 4 और लोगों का पिछले दिनों एसजीपीसी चुनाव लडऩे का समझौता हुआ था, जिसमें राज्य सभा सांसद सुखदेव सिंह ढींढसा की पार्टी शिरोमणि अकाली दल डेमोके्रटिक, पूर्व सांसद रंजीत सिंह ब्रहमपुरा की पार्टी शिरोमणि अकाली दल टकसाली, रविइंदर सिंह की पार्टी शिरोमणि अकाली दल-1920, तथा संत समाज के बाबा सर्वजोत सिंह बेदी शामिल थे। उस हिसाब से दिल्ली में बिना गठबंधन किए भाई रंजीत सिंह के द्वारा अकेले चुनाव लडऩे का ऐलान करना हैरान करने वाला फैसला है। क्योंकि पिछले कुछ दिनों से ढींढसा भाई रंजीत ङ्क्षसह, और दिल्ली कमेटी के दो पूर्व अध्यक्षों परमजीत सिंह सरना और मंजीत सिंह जीके को एक मंच पर लाने की कोशिश कर रहे थे। इससे पहले जागो ने भी 46 वार्डों में सर्कल प्रभारी नियुक्त कर दिए थे, इसलिए माना जा सकता है कि गठबंधन की जो बात है वह सिरे नहीं चढ़ पाई है।
2017 के चुनाव में 2 सीट पर मिली थी जीत
दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के 2017 के चुनाव में भाई रंजीत सिंह की पार्टी अकाल सहाय वेलफेयर सोसायटी 11 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। इसमें 2 उम्मीदवार उनके विजयी रहे थे। पार्टी को कुल 5500 वोट मिले थे। चुनाव खत्म होने के बाद पार्टी के एक सदस्य हरजिंदर सिंह टूट कर सत्ताधारी दल शिरोमणि अकाली दल (बादल) में शामिल हुए, जबकि वर्तमान में अब वह जागो पार्टी में हैं।
रंजीत सिंह की अपील, संपूर्ण सिक्ख को चुने सेवादार
भाई रंजीत सिंह ने संगतों से अपील की कि हर वार्ड में संगत अपना उम्मीदवार (सेवादार) स्वयं बताएं, ताकि गुरुद्वारों और कौम के अन्य शैक्षणिक संस्थानों की सेवा संभाल के लिए उन्हीं सेवादारों को आगे लाया जा सके जिन का किरदार सिक्खी वाला हो, जिन्होंने अमृत चखा हुआ हो, किर्ती सिख हो नाकि व्यापारिक लोग और ना ही बिकाऊ लोग हों । कौम के प्रति दर्द रखने वाले हों, नशे से कोसों दूर हों और चुनावों में नशे का प्रयोग ना करें, ना ही नशा खरीदें और ना ही किसी को वोटों के लिए नशे का लालच दे और ना ही किसी भी प्रकार से नशे के भागीदार बने।