16.1 C
New Delhi
Thursday, November 21, 2024

कोविड-19 प्रबंधन हेतु गठित टीम-09 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश

– कोरोना वायरस मामलों मे आई गिरावट
– डिस्चार्ज होने वालों की संख्या बढ़कर 38,683 हुई
– उत्तर प्रदेश बना सबसे ज्यादा टेस्टिंग करने वाला राज्य
– प्रदेश में रेमेडेसीवीर सहित जीवनरक्षक मानी जा रही सभी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है

लखनऊ । पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में नए केस में गिरावट आ रही है जबकि डिस्चार्ज होने वालों की संख्या बढ़ रही है। बीते 24 घंटों में प्रदेश में 25,858 नए कोविड केस की पुष्टि हुई है, जबकि इसी अवधि में 38,683 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए हैं। प्रदेश में अब तक 10,43,134 लोगों ने कोविड को हराकर आरोग्यता प्राप्त की है। यह स्थिति संतोषप्रद है। प्रदेश में नए कोविड केस कम हो रहे हैं, जबकि रिकवरी दर बेहतर हो रही है।

उत्तर प्रदेश बना सर्वाधिक टेस्टिंग करने वाला राज्य

– उत्तर प्रदेश सर्वाधिक टेस्टिंग करने वाला राज्य है। बीते 24 घंटों में 2,08,558 सैम्पल टेस्ट हुए, जिसमें 1,18,000 टेस्ट केवल आरटीपीसीआर माध्यम से हुए। अब तक प्रदेश में 4.18 करोड़ टेस्ट हो चुके हैं। ‘टेस्ट, ट्रैक ट्रीट’ के मंत्र के अनुरूप कार्यवाही तेजी से की जाए।

कोविड मरीजों की स्वास्थ्य सुरक्षा में चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टाफ का मिला सहयोग

– कोविड मरीजों की स्वास्थ्य सुरक्षा में हमारे चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टाफ सहित सभी अस्पतालों की ओर से सतत सहयोग प्राप्त हो रहा है। इनका सेवाभाव और दायित्व निर्वहन की भावना प्रेरणास्पद है।

कोविड अस्पतालों में चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ के वेतन में 25 फीसदी बढ़ोत्तरी

– कोविड मरीजों के इलाज एवं देखभाल में सेवारत चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ सहित सभी स्वास्थ्यकर्मियों, पैरामेडिकल स्टाफ, हाउसकीपिंग स्टाफ, स्वच्छताकर्मियों आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं आदि की सेवाएं सेवाभाव और कर्तव्यपरायणता का उत्कृष्ट उदाहरण है। सरकार ऐसे कार्मिकों को प्रोत्साहन प्रदान अतिरिक्त मानदेय प्रदान करने की घोषणा की है। अस्पतालों में सेवारत चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ को कोविड सेवा के दिवसों के लिए वर्तमान वेतन/मानदेय का 25 फीसदी अतिरिक्त देय होगा।इसी प्रकार अन्य कोरोना वॉरियर्स के लिए भी अतिरिक्त मानदेय प्रदान किया जाएगा। यह अतिरिक्त मानदेय ड्यूटी के उपरांत इनके आइसोलेशन अवधि के लिए भी दिया जाएगा। मेडिकल/नर्सिंग अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं की सेवाएं भी कोविड सेवा कार्य में ली जाएंगी, उन्हें भी मानदेय प्रदान किया जाएगा।

कोविड सम्बन्धी व्यवस्था के लिए प्रदेश के सभी जिलों में सेक्टर मैजिस्ट्रेट प्रणाली लागू

– कोविड सम्बन्धी व्यवस्था को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से प्रदेश के सभी जिलों में सेक्टर मैजिस्ट्रेट प्रणाली लागू की गई है। सेक्टर मैजिस्ट्रेट अपने क्षेत्र में लगातार भ्रमण करें। हॉस्पिटल के बाहर भी यह लोग भ्रमण करते रहें, लोगों की मदद करते रहें। हर छोटी-बड़ी गतिविधियों पर सीधी नजर रखें। हर जरूरतमंद को सरकारी नीतियों के अनुरूप सभी जरूरी मदद उपलब्ध कराएं। इस व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। कोविड मरीजों के लिए शासन द्वारा तय डिस्चार्ज पॉलिसी को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।

सरकारी कोविड अस्पतालों में रेमेडेसीवीर इंजेक्शन पूर्णतः निःशुल्क

– प्रदेश में रेमेडेसीवीर सहित जीवनरक्षक मानी जा रही सभी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है। भारत सरकार ने उत्तर प्रदेश के लिए रेमेडेसीवीर का दैनिक आवंटन भी बढ़ा दिया है। सरकारी कोविड अस्पतालों में यह इंजेक्शन पूर्णतः निःशुल्क है। निजी अस्पतालों को जरूरत के अनुसार डीएम/सीएमओ द्वारा इसकी उपलब्धता कराई जा रही है। सभी जिलाधिकारी और सीएमओ यह सुनिश्चित करें कि जब भी किसी मरीज को यह इंजेक्शन दिया जाए तो वहां नर्सिंग स्टाफ के साथ-साथ एक चिकित्सक भी उपस्थित हो। इस जीवनरक्षक दवा की मांग, आपूर्ति और खपत का पूरा विवरण रखा जाए।

जनपद के कुछ अस्पतालों में अव्यवस्था की मिली शिकायत

– प्रदेश के कतिपय जनपदों में कुछ अस्पतालों में अव्यवस्था की शिकायतें प्राप्त हुई हैं। जनपद के सीएमओ यह सुनिश्चित करें कि कोविड अस्पतालों में वरिष्ठ चिकित्सक नियमित अंतराल पर भ्रमण करते रहें। सभी निजी एवं सरकारी कोविड अस्पताल में एक व्यक्ति की जिम्मेदारी तय की जाए कि वह दिन में कम से कम एक बार मरीज के स्वास्थ्य की अद्यतन जानकारी उसके परिवारीजन को अवश्य दे। यह व्यवस्था प्रभावी ढंग से लागू कराई जाए। आपदा की इस स्थिति में मरीजों और उनके परिजनों के साथ पूरी संवेदनशीलता के साथ व्यवहार होना चाहिए।

होम आइसोलेशन के मरीजों के लिए टेलीकन्सल्टेशन व्यवस्था को और बेहतर किये जाने की जरूरत है

– कोविड संक्रमण से ग्रस्त ज्यादातर लोग समुचित चिकित्सकीय परामर्श से होम। आइसोलेशन में रहते हुए ही स्वस्थ हुए हैं। बहुत कम संख्या ऐसी है जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत होती है। डीएम/सीएमओ होम आइसोलेशन में उपचाराधीन लोगों को मेडिकल किट समय से उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित करें। लापरवाही की स्थिति में शासन स्तर से इनकी जवाबदेही तय की जाएगी। आइसीसीसी और सीएम हेल्पलाइन हर दिन ऐसे मरीजों से संवाद स्थापित करे। होम आइसोलेशन के मरीजों के लिए टेलीकन्सल्टेशन व्यवस्था को और बेहतर किये जाने की जरूरत है।

कोविड और नॉन कोविड मरीजों के लिए सभी जिलों में एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई

– कोविड और नॉन कोविड मरीजों के लिए सभी जिलों में एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई है। 108 सेवा की 50 फीसदी एम्बुलेंस कोविड के लिए आरक्षित है। इसी प्रकार शव वाहन भी लगाए गए हैं। अंत्येष्टि की क्रिया पूरे सम्मान के साथ निःशुल्क कराई जाए। जनहित से जुड़ी इस व्यवस्था की सतत मॉनीटरिंग करने की आवश्यकता है। विशेष सचिव स्तर के एक अधिकारी को इस कार्य के लिए नियुक्त किया जाए।

latest news

Related Articles

epaper

Latest Articles