-सरकार ने किया आगाह, सरकारी तंत्र से करें बाहर, काली सूची में डालें
–सिर्फ जीईएम के जरिये की जाए सरकारी खरीददारी
–भारतीय रेलवे जीईएम के जरिये करेगा सभी खरीददारी : पीयूष गोयल
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल : केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग तथा रेल मंत्री पीयूष गोयल ने आज यहां का कि सरकार के ऑनलाइन कॉमर्स पोर्टल गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस-जीईएम पर भारतीय रेलवे भी खरीददारी करेगा। रेलवे की खरीद प्रक्रिया को बहुत जल्द जीईएम से जोड़ दिया जाएगा। पीयूष गोयल ने कहा कि इस प्रणाली में किसी भी प्रकार की हेरा-फेरी करने वाले बाहरी व्यक्ति की आसानी से पहचान की जा सकती है। सरकार का खरीदारों को जीईएम में देरी से भुगतान के लिए ब्याज देने के लिए कहने का निर्णय एक बहुत महत्वपूर्ण कदम हैं। गोयल ने उन बेईमान विक्रेताओं को भी खराब गुणवत्ता के सामान भेजने या बहुत अधिक कीमत लगाने के बारे में आगाह किया। साथ ही कहा कि ऐसे लोगों को न केवल जीईएम पोर्टल से बल्कि पूरे सरकारी पारिस्थितिकी तंत्र से ही बाहर कर काली सूची में डाल दिया जाएगा।
Our Govt. wants to make @GeM_India unified, public portal for procurement in India.
PM @NarendraModi ji has taken a personal interest to make this programme a success and has given a lot of guidance to improvise processes in GeM, to make them simple & friendly for MSME sector. pic.twitter.com/RN98QFE3kz
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) August 9, 2020
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार ईमानदारी ला रही है और भ्रष्टाचार को समाप्त कर रही है। प्रौद्योगिकी से पारदर्शिता बढ़ती है जिससे विश्वास बढ़ता है जो देश के परिवर्तन में मदद मिलती है। हम भ्रष्टाचार से स्वच्छ सरकार की ओर बढ़े हैं इससे जनता का विश्वास भी बढ़ा है और इससे देश और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अधिक-से-अधिक वाणिज्य को बढ़ावा मिल रहा है।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारतीय रेल जीईएम से खरीदारियों का समेकन करने के लिए आपस में ईमानदारी से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे वर्तमान में प्रतिवर्ष खरीदारी पर लगभग 70,000 करोड़ रुपये खर्च करती है। जीईएम के साथ प्रणाली के समेकन से कम-से-कम 10 से 15 प्रतिशत की बचत होगी, जो लगभग 10,000 करोड़ रुपये है। गोयल ने कहा कि पैसे की बचत के अलावा इस समेकन से प्रयासों और श्रमशक्ति में बचत होगी और प्रणाली में अधिक दक्षता और पारदर्शिता आएगी।
गोयल ने कहा कि टेलीविजन मीडिया की सफलता टीआरपी रेटिंग में मापी जाती है। इसी तरह जीईएम की सफलता सरकारी खरीद में लोगों के विश्वास, विश्वसनीयता (कम कीमत और समय पर गुणवत्ता युक्त उत्पादों की आपूर्ति) और समृद्धि (राष्ट्र और जनता) द्वारा मापी जा सकती है। उन्होंने कहा कि अधिकतम दक्षता न्यूनतम सरकार से आती है और खरीदारी में ई-प्रक्रिया इस दिशा में उठाया गया कदम है।
केंद्रीय मंत्री गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) द्वारा भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सार्वजनिक खरीद सम्मेलन (एनपीपीसी) के चौथे संस्करण उदघाटन भी किया।
हेरा-फेरी करने वाले बाहरी व्यक्ति की पहचान होगी
पीयूष गोयल ने जीईएम के साथ अधिक-से-अधिक खरीदारों और विक्रेताओं का इस प्रणाली में शामिल होने का आह्वान किया। साथ ही कहा कि जीईएम राष्ट्र के विकास के लिए अपने महत्व को दर्शाने और पैसा बचाने में समर्थ होगा,इससे पारदर्शी, सहज, आसान, कुशल और तेजी से खरीदारी करने में मदद मिली है। सभी जानकारी एक ही जगह पर उपलब्ध हैं और इस प्रणाली में किसी भी प्रकार की हेरा-फेरी करने वाले बाहरी व्यक्ति की आसानी से पहचान की जा सकती है।
–क्या है जीईएम—–
जीईएम के सीईओ तलीन कुमार के मुताबिक जीईएम का उद्देश्य सार्वजनिक खरीद में दक्षता, पारदर्शिता लाना, समावेश को बढ़ाना और खरीदारों की सुविधा के लिए प्रत्यक्ष खरीदारी ई-बिडिंग और रिवर्स ऑक्शन के माध्यम उपलब्ध कराना है ताकि उन्हें अपने धन का श्रेष्ठ मूल्य मिले। जीईएम में बढ़ती हुई पारदर्शिता, दक्षता और समावेशी मंच का समावेश है इसलिए एमएसएमई ने जीईएम पर संचयी सकल व्यापार मूल्?य का 57 प्रतिशत से अधिक अर्जन किया है। आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के तहत मेक इन इंडिया पहल को प्रोत्साहन देने तथा ‘वोकल फॉर लोकल पहल के माध्यम से स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने इसे जीईएम के साथ सभी विक्रेताओं के लिए अनिवार्य बना दिया है तथा नए उत्पादों को पंजीकृत करते समय उसके निर्माण देश की जानकारी देना भी जरूरी बनाया गया है।