(अदिती सिंह)
नई दिल्ली / टीम डिजिटल : राष्ट्रीय राजमार्गों पर दुर्घटनाओं को रोकने तथा मानव और पशु मृत्यु दर कम करने के लिए लोगों को जागृत करने के लिए आज यहां शुक्रवार को राष्ट्रीय जागरुकता अभियान शुरू हुआ। इसका शुभारंभ केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने किया। गडकरी ने सड़कों पर मृत्यु दर में कमी लाने के लिए लोगों को जागृत और शिक्षित करने की जरूरत पर बल दिया। साथ ही कहा किे नैतिकता, अर्थव्यवस्था और परिस्थितिकी देश के लिए सबसे अहम है और इनको महत्व देते हुए इन पर ध्यान देने की जरूरत है।
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सड़क हादसो मे कमी लाने की दिशा में काम कर रही सरकार
बता दें कि भारत में हर साल लगभग पांच लाख सड़क हादसे होते हैं, जिनमें लगभग 1.5 लाख लोगों की जान चली जाती है। इसी आंकड़े को कम करने लिए सरकार प्रयास कर रही है और आने वाली 31 मार्च तक इन आंकड़ों में 20-25 प्रतिशत तक कमी लाने की दिशा में काम हो रहा है। इसको लेकर राष्ट्रीय राजमार्गों पर पांच हजार से ज्यादा ब्लैक स्पॉट्स (संवेदनशील स्थानों) की पहचान की गई है और अनिवार्य रूप से अस्थायी तथा स्थायी उपायों सहित इनके सुधार के कदम उठाए जा रहे हैं। अल्पकालिक और दीर्घकालिक स्थायी उपाय करने के लिए ब्लैक स्पॉट्स में सुधार की प्रक्रिया से संबंधित एसओपी जारी कर दी गई हैं। अभी तक, 1,739 नए चिह्नित ब्लैक स्पॉट्स पर अस्थायी उपाय और 840 नए चिह्नित ब्लैक स्पॉट्स पर स्थायी उपाय पहले ही किए जा चुके हैं।
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राजमार्गों पर विभिन्न सड़क सुरक्षा उपाय रेखांकित किए गए
केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्गों के टुकड़ों पर विभिन्न सड़क सुरक्षा उपाय रेखांकित किए गए हैं, जिनमें ब्लैक स्पॉट्स के सुधार, यातायात कम करने के उपाय, क्रैश बैरियर्स, मरम्मत, कमजोर और संकरे पुलों का पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण, सड़क सुरक्षा ऑडिट, कमजोर सड़कों पर हादसों में कमी, राजमार्ग निगरानी और निर्माण के दौरान सुरक्षा शामिल हैं।
पशुओं की जीवन रक्षा को लेकर सचेत मंत्रालय
गडकरी ने यह भी कहा कि उनका मंत्रालय सड़कों पर पशुओं के जीवन की रक्षा को लेकर सचेत है। मंत्रालय ने सभी एजेंसियों से भारतीय वन्य जीव संस्थान, देहरादून द्वारा मैनुअल शीर्षक वन्य जीवन पर रैखिक बुनियादी ढांचे के प्रभाव को कम करने के पर्यावरण अनुकूल उपायों के तहत जारी प्रावधानों का पालन करने और इस क्रम में वन्य जीवों की देखभाल करने का अनुरोध किया है। उन्होंने गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) और सामाजिक संगठनों से सड़कों पर पशुओं के लिए ब्लैक स्पॉट का पता लगाने तथा उनके मंत्रालय को सूचित करने का अनुरोध किया, जिससे आवश्यक सुधार किए जा सकें।
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सड़कों के लिए हरित रेटिंग प्रणाली अपनानी होगी
केंंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि एमओआरटीएच ने हमेशा ही वन्य जीवों के निवास स्थलों के विखंडन से बचने के लिए पारिस्थितिकी वन्य जीव गलियारों के रूप में एलीवेटेड सड़कों, अंडरपास, ओवरपास के निर्माण की वकालत की थी और आवश्यकता पड़ने पर काटे जाने वाले पेड़ों के बदले में क्षतिपूर्ति वनीकरण योजनाओं द्वारा इसे बाध्यकारी बनाया गया है। पूर्व में किए गए उपायों में कोई कमी नहीं मानते हुए अब नई सड़क परियोजनाओं को सड़कों के लिए हरित रेटिंग प्रणाली अपनानी होगी, जिसे पहले ही आईआरसी परिषद पहले ही प्रकाशन के लिए स्वीकृति दे चुकी है। इसके अलावा, भारत के जैव भूगोल पर केन्द्रित हरित सड़कों के लिए मसौदा भी तैयार किया जाएगा।