नई दिल्ली/ खुशबू पाण्डेय: केंद्र सरकार ने शनिवार को 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों की पुरानी मांगों को मंजूर करते हुए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लेकर आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इसे हरी झंडी दे दी गई। इसके तहत सरकारी कर्मचारियों के लिए सुनिश्चित रूप से वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में दिया जाएगा। यूपीएस की यह योजना एक अप्रैल 2025 से लागू होगी। कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने देर शाम यह जानकारी मीडिया को दी। यूपीएस से 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा होगा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक इस स्कीम के बाद एरियर्स पर लगभग 800 करोड़ रुपए खर्च होंगे। स्कीम लागू होने के बाद पहले साल में सरकार का खर्च लगभग 6,250 करोड़ रुपए तक बढ़ जाएगा।
—23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा, एक अप्रैल 2025 से लागू होगी
—योजना से सरकारी खर्च 6,250 करोड़ तक बढ़ेगा
—इस स्कीम के बाद एरियर्स पर लगभग 800 करोड़ रुपए खर्च होंगे
—10 साल बाद सरकारी नौकरी छोड़ने पर हर महीने मिलेंगे 10 हजार रुपए
कर्मचारियों के पास यूपीएस या एनपीएस में से कोई भी पेंशन स्कीम चुनने का ऑप्शन रहेगा। राज्य सरकार चाहें तो वे भी इसे अपना सकती हैं। अगर राज्य के कर्मचारी शामिल होते हैं, तो करीब 90 लाख कर्मचारियों को इससे फायदा होगा
केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा, कर्मचारियों पर अब कोई बोझ नहीं पड़ेगा। न्यू पेंशन स्कीम में कर्मचारी को अपनी बेसिक सैलरी का 10 प्रतिशत हिस्सा कॉन्ट्रिब्यूट करना होता है और सरकार 14 प्रतिशत देती है। अब सरकार अपनी तरफ से कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 18.5 प्रतिशत कॉन्ट्रिब्यूट करेगी। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि एकीकृत पेंशन योजना (UPS) के तहत सरकारी कर्मचारी अब सेवानिवृत्ति से पहले अंतिम 12 महीनों में मिले औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में पाने के हकदार होंगे। उन्होंने कहा कि पेंशन के रूप में वेतन का 50 प्रतिशत पाने के लिए न्यूनतम सेवा अवधि 25 वर्ष होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हालांकि न्यूनतम 10 साल तक की सेवा अवधि के लिए आनुपातिक रूप से पेंशन दी जाएगी। एनपीएस खाताधारक अब यूपीएस का विकल्प चुन सकते हैं, जो अगले वित्त वर्ष की शुरुआत से सुनिश्चित पेंशन देगी। पिछले साल, वित्त मंत्रालय ने सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन योजना की समीक्षा करने और राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के मौजूदा ढांचे में किसी बदलाव का सुझाव देने के लिए वित्त सचिव टी वी सोमनाथन की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी। कई गैर-भाजपा शासित राज्यों ने महंगाई भत्ते से जुड़ी पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को वापस अपनाने का फैसला किया है और कुछ अन्य राज्यों में भी कर्मचारी संगठनों ने इसकी मांग उठाई है। कैबिनेट सचिव मनोनीत टी वी सोमनाथन ने कहा कि नई योजना एक अप्रैल, 2025 से लागू है।
1 अप्रैल 2025 से लागू होगी योजना
इसके तहत अगर किसी कर्मचारी ने 25 साल नौकरी की है, तो रिटायरमेंट के पहले नौकरी के आखिरी 12 महीने की बेसिक सैलरी का 50 प्रतिशत अमाउंट भी पेंशन के तौर पर मिलेगा। अगर कोई कर्मचारी 10 साल बाद नौकरी छोड़ देता है तो उसे हर महीने 10 हजार रुपए की पेंशन मिलेगी। इससे लगभग 23 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा। ये स्कीम 1 अप्रैल 2025 से लागू कर दी जाएगी। वहीं, अगर सर्विस के दौरान किसी सरकारी कर्मचारी की मौत हो जाती है, तो उसके परिवार को कर्मचारी की मौत के वक्त तक मिलने वाली पेंशन का 60 प्रतिशत हिस्सा मिलेगा।
एनपीएस या यूपीएस में से एक स्कीम चुन सकेंगे कर्मचारी
केंद्रीय मंत्री के मुताबिक अब सरकारी कर्मचारियों के पास नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) और नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) में से किसी एक को चुनने का ऑप्शन भी होगा। अगर राज्य सरकार भी कर्मचारियों को यूपीएस स्कीम के हिसाब से पेंशन दें तो लगभग 90 लाख लोगों को इसका फायदा मिलेगा। वहीं, केंद्र सरकार के ऐसे कर्मचारी जो अभी एनपीएस का फायदा ले रहे हैं, उन्हें भी पेंशन स्कीम बदलने का ऑप्शन दिया जाएगा।
लाखों रेलवे और अन्य केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी है