-दिल्ली-मुबंई, दिल्ली-हावड़ा मुख्य मार्ग होगा वेटिंग मुक्त
–दिसम्बर 2021 में डीएफसी के चालू होने के बाद ट्रेनों की बढग़ी स्पीड
–2022-23 में 130 किमी एवं 2025 में 160 की स्पीड से दौड़ेंगी ट्रेनें
-दो साल बाद रेलवे के नक्शे में आ जाएंगी पूर्वोंतर की सभी राजधानियां
(खुशबू पाण्डेय)
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल : भारतीय रेलवे के सबसे ज्यादा व्यस्त दो मुख्य रेल मार्गों दिल्ली-मुबंई एवं दिल्ली-कोलकाता के बीच चलने वाली सभी रेलगाडिय़ों में दो साल बाद वेटिंग लिस्ट पूरी तरह से खत्म हो जाएगी और आन डिमांड कंफर्म टिकट मिलने लगेगा। इसके लिए भारतीय रेलवे अपने बुनियादी ढंाचे को और ज्यादा मजबूत करने के लिए जोर शोर से प्रयास कर रही है। ज्यादा कंजेशन वाले जगहों पर ट्रेैक की डबलिंग एवं ट्रिपलिंग की जा रही है। साथ ही इलेक्ट्रीफिकेशन का काम तेजी से किया जा रहा है। अगले साल दिसम्बर 2021 में डीएफसी (डेटीकेडेट फ्रेट कोरिडोर) चालू हो जाएगा, इसके बाद मुख्य मार्गों दिल्ली-हावड़ा एवं दिल्ली-मुबंई पर कंजेशन खत्म हो जाएगा और नई ट्रेनें फर्राटा भरने लगेगी।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव की माने तो मौजूदा दिल्ली- हावड़ा-दिल्ली मुबंई, दिल्ली- चेन्नई एवं चेन्नई हावड़ा रूटों पर अत्याधिक कंजेशन है। डेडीकेटेड फ्रेट कोरिडोर शुरू होने के बाद इन रूटों पर कंजेशन खत्म हो जाएगा। इसके अलावा भारतीय रेलवे अपने ट्रैक व रोलिंग स्टाक को 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से मुफीद बनाने का प्रयास कर रही है। आने वाले समय में भारतीय रेलवे चारों महानगरों को 130 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से जोडऩे में सक्षम हो जाएगी। इसके बाद वर्ष 2025 तक भारतीय रेलवे 160 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से ट्रेन दौडऩे लगेगी।
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पत्रकारों से बातचीत करते हुए रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने बताया की भारतीय रेलवे के कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाएं जैसे कि चिनाव नदी के उपर ब्रिज, लेह मनाली-रेलवे परियोजना, मणिपुर रेल परियोजना, में तेजी से कार्य हो रहा है। चेयरमैन की माने तो भारतीय रेलवे एक बड़े मिशन पर काम कर रहा है, जो वर्ष 2021 के अंत तक यह मिशन पूरा हो जाएगा, इसके बाद पूर्वोंत्रर के सभी राज्यों की राजधानियां भारतीय रेलवे के मानचित्र पर स्थापित हो जाएंगेी। इनके बीच आपस में ट्रेन दौडने लगेंगी और पूर्वोंत्रर विकास की पटरी पर भी दौडऩे लगेगी। चेयरमैन ने कहा कि वर्ष 2023 में कुछ रूटों पर प्राइवेट ट्रेन चलाने के लिए भी जगह मिल जाएगी, इसके बाद बड़ी समस्या भी खत्म हो जाएगी। वर्तमान में दिल्ली-मुबंई एवं दिल्ली-हावड़ा पर बहुत ज्यादा कंजेशन है। नई व्यवस्था होने के बाद इन मार्गों पर प्रतीक्षा सूची खत्म हो जाएगी और आन डिमांड टिकट मिलने लगेगा। इससे यात्रियों को लटक कर नहंी जाना पड़ेगा।
रेलवे बनाएगी 11 हजार किमी सेमीहाईस्पीड मार्ग
रेलवे ने कोविड महामारी काल में मार्च 2025 तक देश के सात अतिव्यस्त (एचडीएन) मार्गों को सेमी हाईस्पीड मार्गों में बदलने का लक्ष्य तय किया है। साथ ही इससे पहले ही यात्रियों की मांग पर सीट उपलब्ध हो जाएगी। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव की माने तो स्वर्णिम चतुर्भुज एवं उसकी तिर्यक लाइनों तथा दिल्ली से गुवाहाटी मार्ग समेत 11 हजार 295 किलोमीटर की एचडीएन लाइनों को मार्च 2025 तक 160 किमी प्रति घंटा की स्पीड की गति के परिचालन के अनुकूल बना दिया जाएगा, जिसपर भारतीय रेलवे का कुल 60 प्रशित से अधिक रेल यातायात चलता है।
रेलवे का सराहनीय प्रयास