-भाजपा ने जारी की MLC 4 प्रत्यााशियों के नामों की लिस्ट
-यूपी में इसी महीने होने हैं उत्तर प्रदेश विधान परिषद के चुनाव
-पूर्वांचल में मजबूती लाने के लिए बीजेपी ने खोला बडा कार्ड
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल: 24 घंटे पहले भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने वाले पूर्व नौकरशाह एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी कहे जाते पूर्व आईएएस अरविंद कुमार शर्मा को भाजपा ने उत्तर प्रदेश विधान परिषद के चुनाव के लिए मैदान में उतार दिया है। भाजपा ने शुक्रवार को सुबह 4 प्रत्याकशियों की जारी सूची में अरविंद शर्मा को भी शामिल किया है। सूत्रों की माने तो उत्तर प्रदेश विधान परिषद के जरिये अरविंद शर्मा को योगी कैबिनेट में शामिल किया जागएा। अरविंद शर्मा के अलावा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वितंत्र देव, उपमुख्यंमंत्री दिनेश शर्मा, लक्ष्मण प्रसाद आचार्य को टिकट दिया गया है। इसमें स्वदतंत्र देव एवं दिनेश शर्मा पहले से ही एमएलसी हैं। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरूण सिंह की ओर से जारी लिस्ट में इन चारों लोगों का नाम शामिल है। सूत्रों की माने तो केंद्रीय हाईकमान के निदेर्श पर भाजपा ने अरविंद शर्मा को टिकट दिया है और वह बहुत जल्द उत्तर प्रदेश सरकार में अच्छे मंत्रालय की कमान भी संभाल सकते हैं।
बता दें कि नामांकन पत्र 18 जनवरी तक विधानसभा स्थित राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन हाल में स्थापित निर्वाचन कार्यालय से प्राप्त एवं जमा किए जा सकते हैं। अब तक कुल 24 नामांकन पत्र खरीदे जा चुके हैं।
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बता दें कि अरविंद शर्मा को लंबा प्रशासनिक अनुभव है। ऐसे में वह शीर्ष नेताओं के करीबी होने के नाते पार्टी कार्यकर्ताओं और प्रशासन के बीच सेतु बनने का काम करें तो आश्चर्य नहीं। वैसे भी चुनावी साल में कार्यकर्ताओं को साधने के लिए पार्टी संगठन इन दिनों पहले से ज्यादा संजीदा नज़र आ रहा है।
हालांकि सूत्रों का दावा है कि अरविंद शर्मा के जरिये पूर्वांचल में जहां भूमिहार जाति के बीच संदेश देने की कोशिश की गई है, वहीं उनके लंबे प्रशासनिक अनुभव के जरिये पार्टी चुनावी साल में विकास कार्यों को और तेजी देने के साथ ही कार्यकर्ताओं में प्रशासनिक अमले को लेकर व्याप्त शिकायतों को दूर करने की कोशिश करने की तैयारी है। अरविंद कुमार शर्मा भूमिहार जाति से हैं। वैसे तो मौजूदा भाजपा मंत्रिमंडल में दो बड़े भूमिहार नेता के रूप में कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही और बलिया से मंत्री उपेंद्र तिवारी भूमिहार जाति से हैं।
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कभी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल रहे पूर्व सांसद मनोज सिन्हा के जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर बनने के बाद से पूर्वांचल में भूमिहारों के कद्दावर व सक्रिय नेता की कमी खल रही थी। सियासी जानकारों का कहना है कि पूर्व नौकरशाह अरविंद शर्मा के जरिये पार्टी पूर्वांचल में एक कद्दावर भूमिहार नेता के रूप में सक्रिय कर सकती है। पार्टी को इसका लाभ मिलना तय माना जा रहा है खासतौर पर गाजीपुर, वाराणसी, मऊ, देवरिया आदि क्षेत्रों में आने वाले समय में इसका असर दिखना तय है। सूत्रों की माने तो अरविंद शर्मा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी और आसपास के इलाके में तेजी से हुए विकास में मुख्य भूमिका निभाते रहे हैं।
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खास बात यह है कि पीएमओ में रहते हुए उन्होंने वाराणसी में विकास कार्यों को समय से पूरा कराने का भी काम किया। वह पूर्वांचल के सामाजिक और आर्थिक मंजर से भली-भांति वाकिफ़ हैं। अरविंद शर्मा गुजरात कैडर के अधिकारी रहे हैं। वह गुजरात में भी विभिन्न विकास परियोजनाओं से जुड़े रहे और उद्योगपतियों को वक्त पर सहूलियतें दिलाने में उनकी कार्यशैली गुजरात सरकार के लिए कारगर सिद्ध हुई थी, इन्हीं कारणों ने उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सबसे करीबी अधिकारी बना दिया था।