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Thursday, December 26, 2024

पहली बार महसूस हुआ नॉर्थ ईस्ट देश के मेनस्ट्रीम में शामिल हुआ

नई दिल्ली/ नेशनल ब्यूरो : भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने असम, नागालैंड और मणिपुर के प्रमुख हिस्सों से आम्र्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट को हटाने के फैसले को लेकर सरकार की तारीफ की है। साथ ही कहा कि पूरे नार्थ ईस्ट भारत में अब शांति लौट आई है और यह हिस्सा भी देश की मुख्यधारा से जुड़ चुकी है। केंद्रीय मंत्री किरण रिजीजू ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही जिस तरीके से नार्थ ईस्ट भारत को तवज्जो दी गई वह सराहनीय है। विकास की मुख्यधारा से जोडऩे के लिए लुक ईस्ट पालिसी को एक्ट ईस्ट पालिसी में तब्दील कर जिस प्रकार द्रुत गति से वहां काम होने शुरु हुए, उसकी वजह से आज पूरा नार्थ ईस्ट ट्रांसफॉर्मेशनल मोड में आ खड़ा हो चुका है। आज पहली बार ऐसा महसूस हो रहा है कि नॉर्थ ईस्ट देश के मेनस्ट्रीम में शामिल हो चुका है।
उन्होंने कहा कि पहले लोग नार्थ ईस्ट जाने से डरते थे। लोग पूछते थे कि नार्थ ईस्ट घूमना चाहते र्हं सुन्दर जगह है वहां जाना सेफ है क्या। आज देश के नागरिक हो या विदेशी पर्यटक, वहां सभी लोग आराम से जा सकते हैं। घूम सकते हैं और प्राकृतिक सौंदर्य का अनांद उठा सकते हैं।

-पहले नार्थ ईस्ट जाने से डरते थे लोग, अब आराम से घूम सकें गे : रिजीजू
-आफसा हटाना एक ऐतिहासिक कदम, प्रधानमंत्री मोदी को बधाई
-आज पूरा नार्थ ईस्ट ट्रांसफॉर्मेशनल मोड में आ खड़ा हो चुका है : भाजपा

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि शान्ति और विकास, दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। अगर किसी क्षेत्र का विकास ही न हो तो शांति विशेष महत्व नहीं रखता और बिना शांति के उस क्षेत्र का विकास नहीं हो सकता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विगत सात वर्षों में विकास और शांति के साथ नार्थ ईस्ट भारत जिस तेज गति से आगे बढ़ा है, उसे देखते हुए यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं कि आने वाले दिनों में नार्थ ईस्ट देश का एक महत्वपूर्ण इकनोमिक हब बनने जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री किरण रिजीजू ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा हाल फिलहाल लिए गए निर्णय के अनुसार असम, नागालैंड और मणिपुर के प्रमुख क्षेत्रों से आम्र्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट को हटाने का जो फैसला लिया गया है, वह एक क्रांतिकारी निर्णय है। आम्र्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट हटाने का मतलब ये है कि वहां शांति लौट आई है। 1958 में नार्थ ईस्ट के नागा क्षेत्रों में हुए विद्रोह की वजह से आम्र्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट लाया गया था। इतने लम्बे अर्से बाद, अब वहां शांति का दौर लौट चुका है। कुछ जगह बच गए हैं, वहां भी जल्द स्थिति सामान्य हो जाएगी। पूरे नार्थ ईस्ट भारत से आम्र्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट हटाने का प्रधानमंत्री का जो विजन है, वो भी जल्द पूरा होगा। 2015 के बाद, त्रिपुरा से पूरी तरह से आम्र्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट हटाया गया, फिर असम के कुछ जिलों से यह एक्ट हटाया गया और सिर्फ तीन जिलों को छोड़ कर पूरे अरुणाचल प्रदेश से यह एक्ट हटाया गया।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नार्थ ईस्ट में अंतरराज्यीय सीमा की समस्याएं हैं । हाल ही में, असम और मेघालय के बीच सीमा विवाद के पहले हिस्से का समाधान हुआ है और इसके दूसरे हिस्सा का भी जल्द ही समाधान हो जाएगा। अरुणाचल प्रदेश और असम के बीच सीमा विवाद लंबे अरसे से चल रहा था। हिंसक विवाद तक हुए है और कई लोग मारे गए हैं। गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में असम और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के साथ वार्ता हुई और इनके सीमा विवाद के पहले हिस्सा का समाधान हो चुका है। असम और नागालैंड के बीच अक्सर हिसंक झडपें होती रहती थीं। केंद्र सरकार ने राज्यों को अपने विश्वास में लेकर केंद्रीय बल के माध्यम से यहाँ शांति स्थापित किया। मिजोरम और असम के बीच भी झड़प हुए , इस मामले में केंद्रीय गृहमंत्री ने दोनो राज्यों के सरकारों से बातचीत कर शांति स्थापित करने का सफल प्रयास किया।

नार्थ ईस्ट भारत में शांति स्थापित करने के दो प्रमुख कारण

पूरे नार्थ ईस्ट भारत में शांति स्थापित करने के दो प्रमुख कारण हैं- पहला, नरेन्द्र मोदी सरकार के जो भी कल्याणकारी कार्यक्रम हैं, वह विकास के माध्यम से लोगों तक पहुंचना और दूसरा, लोगों के मुद्दों को- वहां जो असंतुष्ट लोग हैं, जो विरोध की घटना को अंजाम देते है, उनसे संवाद स्थापित कर मुददे को सुलझाना। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में नार्थ ईस्ट भारत में शांति स्थापित करने के लिए कई पहल किये गए. जनवरी 2020 में बोडो समझौता हुआ, 4 सितम्बर 2021 को कार्बी आंलगोंग समझौता हुआ। अगस्त 2019 में त्रिपुरा के एनएलएफटी के साथ समझौता किया गया । 23 साल पुराना ब्रुरियांग संकट को सुलझाया सुलझाते हुए 37 हजार विस्थापितों को पुनस्थापित किया गया। इस तरह से एक के बाद एक समझौता हुआ और मसला हल किया जिसकी वजह से आज नार्थ ईस्ट भारत के इतने बड़े इलाके से आफसा को हटाने में मदद मिली है। लोगों में विश्वास आया है।

पीएम मोदी के नेतृत्व में नार्थ ईस्ट में हुई शांति स्थापित : भाटिया

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने भी पूर्वोत्तर भारत में शांति बहाल करने और विकास को बढ़ावा देने के लिए केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार किए काम की सराहना करते हुए कहा कि इसने नार्थ ईस्ट क्षेत्र और देश के सामने आने वाले प्रमुख मुद्दों को सुलझा लिया गया है।
भाटिया ने कहा कि नार्थ ईस्ट से आफसा हटाना एक ऐतिहासिक कदम है। असम में तीन दशक से अधिक समय से आफसा लगी हुई थी। भाटिया ने कहा कि एक नीति निर्धारित करने का जो तरीका होता है, उसमे पिछले सात वर्षों में बड़ा बदलाव आया है। चाहे धारा 370 का संशोधन हो, जिसे पिछले सात दशकों में किसी सरकार में हिम्मत नहीं थी कि इसे बदल दें, या फिर, आफसा को नार्थ ईस्ट क्षेत्रों से हटाना हो। वर्तमान केंद्र सरकार का मूल मंत्र है- जिस क्षेत्र में कोई समस्या हो तो उसे समझकर फ़ौरन सुलझाने का। चाहे कितना बड़ा मसला हो, उसका हल संवाद स्थापित कर निकालेंगे। भाटिया ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में नार्थ ईस्ट में शांति स्थापित की गयी और क्षेत्रीय विकास पर जोर दिया गया। वहां उग्रवाद की घटनाओं में 74 प्रशित की कमी आयी है। उग्रवादी संगठन और लोगों ने 7 हजार हथियारों के साथ समपर्ण किया है। उन लोगों ने सरकार इस बात पर भरोसा किया कि अब वे भी देश की विकास की मुख्यधारा से जुड़ चुके हैं। पूर्वोत्तर भारत के सन्दर्भ में केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के तीन लक्ष्य रहे हैं। पहला, पूर्वोत्तर के लिए ऐसी नीतियां हों जिससे वहां की सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा हो। दूसरा, बड़े मुद्दों का हल हो और विवादों का निस्तारण प्रभावी तरीके से किया जाए। तीसरा, पूर्वोत्तर के राज्यों में प्रगति हो और वे भी मुख्यधारा में शामिल हों।

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