नई दिल्ली/ अदिति सिंह। महिला नौकरशाह एवं डिप्टी कलेक्टर पद पर कार्यरत अधिकारी निशा बांगरे (Nisha Bangre) ने अब नौकरी छोड दी। इसकी वजह जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे। दरअसल, 25 जून को आमला में अपने घर के उद्घाटन समारोह के दौरान सर्व धर्म प्रार्थना और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। उसमें निशा बांगरे शामिल होना चाहती थी। इसके लिए उन्हें छुट्टी नहीं दी गई थी। इस बात से दुखी होकर निशा बांगरे ने इस्तीफा दे दिया। लेकिन सरकार ने उनका इस्तीफा तब तक लटकाए रखा, जबतक कि अदालत का डंडा नहीं चल गया। हाईकोर्ट की सख्ती के बाद मध्यप्रदेश सरकार ने निशा बांगरे का इस्तीफा डिप्टी कलेक्टर पद से मंजूर कर लिया है। अब उनके चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो गया है। सियासी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस आमला सीट से प्रत्याशी बदलकर उन्हें चुनाव लड़ा सकती है।
—अदालत के दबाव में सरकार ने किया इस्तीफा मंजूर, लडेंगी चुनाव
—निशा बांगरे को 25 जून को अपने ही घर के उद्घाटन में शामिल होने के लिए नहीं मिली थी छुट्टी
निशा का इस्तीफा स्वीकार होने के बाद कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और सीनियर एडवोकेट विवेक तन्खा ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। तन्खा ने अपने ट्वीट में लिखा- सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेश के पालन में निशा बांगरे का त्यागपत्र मध्यप्रदेश शासन ने स्वीकार कर लिया है। अब निशा को अपने आगे के रास्ते के बारे में सोचना पड़ेगा। उन्होंने लिखा- यह कोई महिला अधिकारी की जीत नहीं है। यह नारी शक्ति की जीत है। शिवराज जी और उनके मुख्य सचिव ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी कि निशा का त्यागपत्र स्वीकार न हो। विजयादशमी के दिन आदेश हस्ताक्षरित हुआ। सत्य की जीत हुई। वहीं, आमला से कांग्रेस प्रत्याशी मनोज मालवे ने कहा, ‘मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं। पार्टी जो भी फैसला करेगी, मंजूर होगा।
मनोज ने टिकट बदले जाने पर होने वाले विरोध को लेकर कहा, अभी तो इस पर बात करने का कोई औचित्य नहीं है। पार्टी ने मुझे अधिकृत तौर पर प्रत्याशी घोषित किया है। मैं फॉर्म भरने की तैयारी कर रहा हूं। जैसे ही अच्छा मुहूर्त मिलता है, उस पर अपना नामांकन दाखिल करूंगा।
निशा बांगरे का डिप्टी कलेक्टर पद से इस्तीफा मंजूर होने की सूचना मध्यप्रदेश कांग्रेस की ओर से ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी को भेजी जाएगी।
बुराई पर अच्छाई की जीत….
— Nisha Bangre (@BangreNisha) October 24, 2023
दरअसल, निशा बैतूल की आमला सीट से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती हैं। इसके लिए ही उन्होंने इस्तीफा दिया था, लेकिन मध्यप्रदेश सरकार ने मंजूरी नहीं दी थी। इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। इस्तीफा स्वीकार नहीं होने के चलते कांग्रेस ने रविवार को आमला से मनोज मालवे को प्रत्याशी घोषित कर दिया था।
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राज्यसभा सांसद और सीनियर एडवोकेट विवेक तन्खा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार तक निशा के इस्तीफे पर निर्णय देने का आदेश दिया था। सोमवार तक शासन की ओर से इस्तीफे को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई। कांग्रेस आलाकमान को इसी वजह से सोमवार तक टिकट होल्ड रखने का अनुरोध किया था। जब शासन ने कोई आदेश नहीं दिया, तब कांग्रेस ने उम्मीदवार घोषित कर दिया। सोमवार की तारीख का आदेश आज जारी किया गया है। अब निशा और कांग्रेस पार्टी दोनों को सोचने की जरूरत है।
19 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने जबलपुर हाईकोर्ट को आदेश दिए थे कि वह निशा बांगरे के इस्तीफे के मामले में जल्द फैसला करे। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस पमिदिघनतम श्री नरसिम्हा की डबल बेंच में सुनवाई हुई थी।
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निशा बांगरे ने 25 जून को आमला में अपने घर के उद्घाटन समारोह के दौरान सर्व धर्म प्रार्थना और धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए छुट्टी मांगी थी। उन्हें छुट्टी नहीं दी गई थी। इस पर बांगरे ने 22 जून को अपने विभाग को एक लेटर लिखकर इस्तीफे की जानकारी दी थी। छतरपुर जिले में पदस्थ डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने अपना इस्तीफा मंजूर कराने के लिए न्याय यात्रा की शुरुआत की थी। वह बैतूल जिले के आमला से पैदल चलते हुए भोपाल में सीएम हाउस तक गई थी। करीब 335 किलोमीटर लंबी पैदल यात्रा के बाद वह 9 अक्टूबर को भोपाल पहुंची थीं। वे सीएम हाउस जाना चाहती थीं, लेकिन पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोक लिया था। उन्हें गिरफ्तार कर एसीपी एमपी नगर अक्षय चौधरी की कोर्ट में पेश किया गया। जहां उन्होंने जमानत मुचलका भरने से इनकार कर दिया था। इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था।
बता दें कि मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में जन्मीं निशा बांगरे ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद गुरुग्राम स्थित मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी की। 2016 में उनका चयन एमपी में डीएसपी के पद पर हुआ। 2017 में वे डिप्टी कलेक्टर चुनी गईं। उनकी पहली पोस्टिंग बैतूल के आमला क्षेत्र में थी। उनके पति मल्टीनेशनल कंपनी में अधिकारी हैं।