—परिवहन मंत्रालय का फैसला, सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर व्यवस्था लागू
—देशभर में 563 टोल प्लाजा हैं, सबसे ज्यादा यूपी में
नई दिल्ली/खुशबू पाण्डेय : सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने फैसला किया है कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर शुल्क संग्रह प्लाज़ा की सभी लेन को 15 फरवरी/16 फरवरी की आधी रात से शुल्क प्लाजा की फास्टैग लेन के रूप में घोषित कर दिया गया। राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क नियम 2008 के अनुसार, कोई भी वाहन जिसमें फास्टैग नहीं लगा हुआ है अथवा, जिस वाहन में वैध, कार्यात्मक फास्टैग नहीं है, उसे शुल्क प्लाज़ा में प्रवेश करने पर उस श्रेणी के लिए निर्धारित शुल्क का दोगुना शुल्क के बराबर की राशि का भुगतान करना होगा।
रविवार को मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में स्पष्ट किया है कि डिजिटल मोड के माध्यम से शुल्क भुगतान को बढ़ावा देने, प्रतीक्षा समय और ईंधन की खपत को कम करने और शुल्क प्लाज़ा के माध्यम से एक आसान और निर्बाध मार्ग प्रदान करने के लिए ऐसा किया गया है। मंत्रालय ने 1 जनवरी 2021 से प्रभावी होने के साथ मोटर वाहनों के एम एंड एन श्रेणियों में फास्टैग को फिट करने का आदेश दिया था। श्रेणी एम का अर्थ है, यात्रियों को ले जाने के लिए उपयोग किए जाने वाले कम से कम चार पहियों के साथ एक मोटर वाहन है। और श्रेणी एन का तात्पर्य है एक मोटर वाहन जिसमें सामान ले जाने के लिए कम से कम चार पहिए हैं और जो सामान के अलावा व्यक्तियों को भी ले जा सकते हैं।
देशभर में टोल प्लाजा पर टोल दरें 8 % बढ़ेंगी
सड़क यात्रियों को अगले महीने से टोल प्लाजा पर अधिक जेब ढीली करनी पड़ेगी। सरकार टोल टैक्स की दरों में 5 से 8 फीसदी तक इजाफा करने जा रही है। इससे निजी व व्यवसायिक वाहनों को अगल-अगल टोल टैक्स दरों के मुताबिक भुगतान करना होगा। सरकार सड़क हादसों में घायलों को मुफ्त इलाज (कैशलेस ट्रीटमेंट) देने की योजना को टोल टैक्स व्यवस्था से जोड़ने पर विचार कर रही है। इसके लागू होने पर टोल रोड पर चलना और मंहगा हो जाएगा।देशभर में 563 टोल प्लाजा हैं। नियमत: थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) के अनुपात में साल में एक बार टोल टैक्स की दरें बढ़ाई जाती हैं, लेकिन कुछ टोल प्लाजा की टोल टैक्स की दरें नए वित्तीय वर्ष यानी पहली अप्रैल से बढ़ाई जाती हैं। कई टोल प्लाजा में टोल टैक्स की दरों में पहली सितंबर से बढ़ोतरी होती है। अधिकारी ने बताया कि यह एनएचएआई और कंपनी के साथ हुए मॉडल कॉन्ट्रैक्ट एग्रीमेंट (एमसीए) के अनुसार तय होता है।
उत्तर प्रदेश में 66 टोल प्लाजा हैं, बिहार में 19
उत्तर प्रदेश में 66 टोल प्लाजा हैं, जबकि बिहार में 19, झारखंड में चार और उत्तराखंड में दो टोल प्लाजा हैं। यहां पर एमसीए के अनुसार टोल बढ़ाया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि एक अनुमान के मुताबिक निजी वाहनों पर 5-10 रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ता है। अधिकारी ने बताया कि सरकार ने सड़क हादसों में घायलों को मुफ्त इलाज (कैशलेस ट्रीटमेंट) देने की घोषणा की है। इसमें हिट एंड रन केस व गैर बीमित वाहनों की टक्कर से घायलों के इलाज पर 2.5 लाख रुपए तक खर्च का बोझ सरकार उठाएगी। मंत्रालय पृथक मोटर व्हीकल एक्सीटेंट फंड बनाएगा और नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (एनएचए) बतौर नोडल एजेंसी काम करेगी। इस योजना पर सालाना दो हजार करोड़ रुपए की दरकार होगी। इसलिए टोल टैक्स व्यवस्था को कैशलेस ट्रीटमेंट से जोड़ने की योजना है। इस साल 30 जून को जारी मसौदा अधिसूचना में सुझाव-आपत्ति मिलने के बाद मंत्रालय योजना को अंतिम रूप देगा।
अगले पांच साल में होगा 75,000 KM टोल रोड का निर्माण
सड़क परिवहन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 2019-20 में टोल टैक्स मद में 30,000 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ था। देशभर में एक लाख 40 हजार किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग हैं। इसमें से महज 24,996 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल टैक्स लगाया जाता है। मंत्रायल का लक्ष्य है कि अगले पांच साल में 75,000 किलोमीटर टोल रोड का निर्माण किया जाए। जिससे टोल टैक्स का सालाना राजस्व का आंकड़ा एक लाख के पार पहुंच सके। इस धन से देश में नए राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने का मार्ग प्रशस्त होगा।
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