नई दिल्ली, साधना मिश्रा: कोरोना काल में पिछले साल से ही शुरु तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। किसानों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन को 6 महीने पूरे होने पर किसान संगठनों ने 26 मई 2021 को देशभर मे काला दिवस (Black day) मनाने का ऐलान किया था। जिसका असर आज यानी बुधवार को दिल्ली समेत आसपास के इलाकों में देखने को मिला।
आंदोलन के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल की उड़ी धज्जियां
बता दें कि किसानों का यह आंदोलन सिर्फ दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर तक ही सीमित नही है। पंजाब, हरियाणा समेत कई जगहों पर काला दिवस के समर्थन में लोगों ने अपने घरों की छतों पर और काले झंडे लगाए नजर आए। तो वहीं काला दिवस के अवसर पर कोरोना प्रोटोकॉल (Corona protocol) की धज्जियां उड़ाते हुए किसान हजारों की संख्या में दिल्ली गाजीपुर बॉर्डर पर इक्ठ्ठे हुए है। साथ ही उनके हाथों में काले झंडे दिखाई दे रहे है।
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गाजीपुर बॉर्डर पर धारा 144 लागू
किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली बॉर्डर (Delhi border) की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है। साथ ही दिल्ली पुलिस के साथ-साथ सीमा पर पैरा मिलिट्री फोर्स और कमांडो को भी तैनात किया गया है। सभी बॉर्डरों पर बैरिकेडिंग लगा दी गई है। गाजीपुर बॉर्डर पर धारा 144 का पोस्टर लगाया गया है। साथ ही लिखा है कि किसी भी तरह के आयोजन और भीड़ को यहां आने की अनुमति नहीं है। इसके उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई होगी।
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आंदोलन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग व कोविड प्रोटोकॉल का होगा पालन
देश इस समय कोरोना वायरस (Corona virus) की दूसरी लहर और ब्लैक फंगस के साथ-साथ इसके नए-नए वैरियंट से भी जूझ रहा है। ऐसे में किसानों का यह आंदोलन काफी खतरनाक साबित हो सकता है। लेकिन किसानों का कहना है कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनकी दुर्दशा की जिम्मेदारी लेने के कोई भी तैयार नहीं है, और उन्हें अपनी जायज मांगों के लिए महामारी के काल में अपनी जान खतरे में डालकर आंदोलन करना पड़ रहा है। हालांकि किसान मोर्चा की तरफ से कहा गया है कि किसानों के इस आंदोलन में सोशल डिस्टेंसिंग व कोविड प्रोटोकॉल का भी पालन किया जाएगा।