17.1 C
New Delhi
Tuesday, December 3, 2024

ED का दावा, CM अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ से 100 करोड़ रुपये रिश्वत मांगी

नयी दिल्ली /अदिति सिंह : दिल्ली के कथित आबकारी घोटाले से जुड़े एक धन शोधन मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जमानत आवेदन का बुधवार को विरोध करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने अपनी पार्टी के लिए ‘साउथ ग्रुप’ से 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी। ईडी ने अदालत से कहा कि इस मामले में बतौर आरोपी नामजद आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) कोई अपराध करती है तो इस पार्टी के प्रभारी को दोषी माना जाएगा। निदेशालय ने कहा कि जब पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को इस मामले में आरोपी बनाया गया था तब आप को बतौर आरोपी नामजद नहीं किया गया था। ईडी ने विशेष न्यायाधीश न्याय बिंदु से कहा, केजरीवाल ने रिश्वत मांगी। उन्होंने 100 करोड़ रुपये रिश्वत की मांग की। केजरीवाल ने आप के लिए चंदा मांगा। केजरीवाल ने साउथ ग्रुप से रिश्वत मांगी। आप यह नहीं कह सकते हैं कि वह अपराध के दोषी नहीं हैं। यदि आप कोई अपराध करती है तो उसके प्रभारी व्यक्ति को ही दोषी माना जाएगा। उसने कहा, अब आप को आरोपी बनाया गया है। केजरीवाल (पार्टी के) आचरण के लिए जिम्मेदार हैं। केजरीवाल आप के राष्ट्रीय संयोजक हैं।

ED का दावा, CM अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप' से 100 करोड़ रुपये रिश्वत मांगी

इस बीच विशेष न्यायाधीश ने केजरीवाल की न्यायिक हिरासत की अवधि तीन जुलाई तक बढ़ा दी। केजरीवाल को, उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने पर आज वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए अदालत में पेश किया गया। अदालत में सुनवाई के दौरान केजरीवाल की ओर से पेश अधिवक्ता ने उनकी न्यायिक हिरासत बढ़ाने की प्रवर्तन निदेशालय की याचिका विरोध करते हुए कहा कि उनकी हिरासत बढ़ाने का कोई आधार नहीं है। अदालत में जिरह के दौरान केजरीवाल के वकील ने अदालत से कहा कि मुख्यमंत्री के खिलाफ पूरा मामला बयानों पर आधारित है। उन्होंने कहा, ये बयान उन लोगों के हैं जिन्होंने खुद को दोषी माना है। वे संत तो नहीं हैं। वे ऐसे लोग नहीं हैं जो बस दागदार ही हैं बल्कि ऐसा लगता है कि उनमें से कुछ को गिरफ्तार किया गया, उनसे जमानत देने और माफ कर देने का वादा किया गया। सरकारी गवाह। एक अन्य श्रेणी है जिन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है।

साउथ ग्रुप ने शराब लाइसेंस के लिए ‘लॉबिंग’ की थीं

ईडी और सीबीआई के अनुसार साउथ ग्रुप नेताओं, व्यापारियों और अन्य का एक समूह है जिसने शराब लाइसेंस के लिए ‘लॉबिंग’ की थीं । उसके लिए उन्होंने दिल्ली के सत्तारूढ़ दल को रिश्वत दी थी। केजरीवाल के वकील ने कहा कि सह आरोपियों के बयानों में कई अंतर्विरोध हैं। उन्होंने कहा, यदि खामियों को दूर करने के लिए कोई अन्य बयान रिकार्ड कर लिया जाए तो मुझे कोई आश्चर्य नहीं होगा। यही वह प्रक्रिया है, जिसका वे पालन करते हैं। जांच हमेशा अंतहीन है। जब भी उनकी मर्जी होती है वे किसी को फंसा देते हैं। यह उत्पीड़न का सबसे बड़ा औजार है। उन्होंने यह भी कहा कि उच्चतम न्यायालय को जब संतुष्टि हो गयी कि ऐसी कोई आशंका नहीं है कि केजरीवाल इंसाफ से भाग जायेंगे या गवाहों को प्रभावित करेंगे तब उन्हें अंतरिम जमानत दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की कोई आपराधिक पृष्ठभूमि भी नहीं है।

ईडी ने विरोध किया

ईडी ने यह कहते हुए विरोध किया कि बस इतनी काफी नहीं है कि आपकी कोई पृष्ठभूमि नहीं है। जांच एजेंसी ने कहा, यह कि मैं संवैधानिक पद पर हूं, पीएमएलए के तहत जमानत देने के लिए प्रासंगिक नहीं है। यह जमानत से इनकार करने के लिए अतिरिक्त कारक हो सकता है, यहां जो प्रासंगिक कारक है कि वह यह है कि वह दोषी हैं या नहीं। केजरीवाल के इस बयान का कि उनके खिलाफ ईडी को जो एकमात्र सबूत मिला है वह ‘सरकारी गवाहों के बयान’ हैं, खंडन करते हुए निदेशालय ने कहा कि जब सबूत हासिल करना मुश्किल हो जाता है तो सरकारी गवाह बनाये जाते हैं । उसने कहा, कानून इसकी मान्यता देता है। आप यह नहीं कह सकते कि यह लालच है इसलिए यह कानूनन सही है। उसने कहा कि धनशोधन का अपराध हुआ है यह तथ्य संदेह से परे है क्योंकि अदालत ने संज्ञान लिया है और उसे चुनौती नहीं दी गयी है।

latest news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related Articles

epaper

Latest Articles