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Wednesday, April 2, 2025

ट्रेनों के टकराने की घटना शून्य, यात्रियों की बढ़ी संख्या

—-आर्थिक समीक्षा 2018-19 —-
ट्रेनों के टकराने की घटना शून्य, यात्रियों की बढ़ी संख्या
–रेलवे के माल ढुलाई से राजस्व में 5.33 प्रतिशत की बढ़ोतरी
–रेलवे में यात्रा करने वालों की संख्या में 0.64 फीसदी की वृद्धि
–2021 तक 38,000 किमी रेललाइन का विद्युतीकरण होगा

(नीता बुधौलिया )

नई दिल्ली, केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा संसद में पेश की गई आर्थिक समीक्षा में भारतीय रेलवे में अच्छे दिन आने के संकेत मिले हैं। सबसे बड़ी बात यह रही कि 2018-19 के दौरान ट्रेनों के टकराने के मामले शून्य हो गए और रेलगाडिय़ों के बेपटरी होने की घटना 2016-17 के 78 से घटकर 2018-19 में 46 हो गई। इसके अलावा भारतीय रेलवे में यात्रा करने वालों की संख्या में 0.64 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।


खास बात यह है कि घाटे से जूझ रहे रेलवे की आर्थिक स्थिति भी पहले से थोड़ा बेहतर हुई है। आर्थिक समीक्षा के मुताबिक 2018-19 के दौरान रेलवे ने 1159.55 मिलियन टन की माल ढुलाई (कोंकण रेलवे द्वारा किए गए लदान को छोड़कर) से राजस्व हासिल किए, जबकि 2016-17 की अवधि में यह आंकड़ा 1106.15 मिलियन टन दर्ज किया गया था। यानी 2016-17 के मुकाबले 2018-19 में 53.49 मिलियन टन, 4.83 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।

ट्रेनों के टकराने की घटना शून्य, यात्रियों की बढ़ी संख्या


भारतीय रेलवे ने 1221.39 मिलियन टन का राजस्व अर्जक माल भाड़ा लदान किया था जो वर्ष 217-18 के माल भाड़ा यातायात से 61.84 मिलियन टन की वृद्धि दर्शाता है, अर्थात इसमें 5.33 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। 2016-17 की तुलना में वर्ष 2017-18 के दौरान भारतीय रेलवे से यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में 2.09 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। इसी प्रकार 2017-18 की तुलना में वर्ष 2018-19 में भारतीय रेलवे में यात्रा करने वालों की संख्या में 0.64 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।


भारतीय रेलवे ने अपने ब्रॉडगेज नेटवर्क के 100 प्रतिशत विद्युतीकरण करने के लए एक प्रमुख कार्यक्रम की शुरुआत की है। इससे आयातित डीजल तेल पर देश की निर्भरता कम होगी। 01 अप्रैल 2019 की स्थिति के अनुसार भारतीय रेलवे के पास विद्युत चालित 35,488 किलोमीटर मार्ग का नेटवर्क है, जो कुल नेटवर्क का 51.85 प्रतिशत है और 64.50 प्रतिशत माल ढुलाई करता है जबकि 53.70 प्रतिशत कोचिंग ट्रैफिक का वहन करता है। विद्युतीकरण की गति में वृद्धि हुई है और वर्ष 2021 तक इसे बढ़ाकर 38000 किलोमीटर करना तय किया गया है।

पंजाब का ब्यास रेलवे स्टेशन स्वच्छता में देश में अव्वल

संसद में पेश आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि स्वच्छ रेलवे, स्वच्छ भारत, मिशन स्वच्छता पर केंद्रित है। स्वच्छ रेलवे पोर्टल के अनुसार क श्रेणी के स्टेशनों में स्वच्छता के मामले में भारत में ब्यास रेलवे स्टेशन को प्रथम स्थान हासिल हुआ है और क-1 की सूची वाले रेल स्टेशनों में ‘विशाखापत्तनमÓ शीर्ष पर रहा। ऊर्जा और जल संरक्षण के क्षेत्र में भी रेलवे ने वास्तविक प्रयास किए हैं और ग्रीन रेटिंग हासिल करने के लिए रेलवे स्टेशनों में होड़ लगी हुई है।

यात्रियों की सुरक्षित यात्रा लिए रेलवे ने अच्छे कदम उठाए

इसी प्रकार ग्रीन इंडस्ट्रिज सर्टिफिकेट के जरिय भारतीय रेलवे उत्पादक ईकाइयों और वर्कशॉपों के ग्रीन ग्रीन सर्टिफिकेट को बढ़ावा दे रहा है। भारतीय रेलवे इस काम को भारतीय उद्योग परिसंघ के सहयोग से अंजाम दे रहा है। अभी तक सीआईआई द्वारा 10 रेलवे स्टेशनों, 34 वर्कशापों और 4 उत्पादक ईकाइयों को ग्रीन इंडस्ट्रिज सर्टिफिकेट मिला है।
आर्थिक समीक्षा 2018-19 में कहा गया है कि लागत प्रभावी लंबी दूरी के परिवहन के क्षेत्र में रेलवे ने उल्लेखनीय प्रगति की है। यात्रियों की सुरक्षित यात्रा को सुनिश्चित करने के लिए रेलवे ने लिफ्ट, स्केलेटर, प्लास्टिक बोटल क्रशर मशीन, मशीन से साफ-सफाई और हाउस कीपिंग जैसे कई कदम उठाए हैं।

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