23.1 C
New Delhi
Sunday, December 22, 2024

गुरुद्वारा कमेटी में ड्रेस कोड अनिवार्य, दाढ़ी रंगी तो खतरे में नौकरी

–महिला एवं पुरुष कर्मचारियों को रहत मर्यादा की पालना के आदेश
–चार्ज लेते ही एक्शन के मूड में कार्यकारी अध्यक्ष, फरमान जारी
–प्रबंधकीय ढांचे में सुधार के लिए कुलवंत बाठ ने कसा शिकंसा
–गुरुद्वारों में वर्षों से ड्यूटी निभा रहे कर्मचारियों की मांगी कुंडली

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष कुलवंत सिंह बाठ ने चार्ज संभालते ही प्रबंधकीय ढांचे में सुधार के लिए शिकंजा कस दिया। साथ ही मंगलवार को एक के बाद एक कई आर्डर जारी कर दिए। गुरुद्वारा कमेटी एवं विभिन्न गुरुद्वारों में तैनात कर्मचारियेां के लिए ड्रेस कोड को लेकर नया आदेश कर दिया है। इसमें कमेटी के पुरुष कर्मचारियों केा नीली, पीली एवं काली पगड़ी तथा महिलाओं को उक्त तीनों रंगों में से किसी एक रंग का दुपटटा सिर पर लेने का आदेश दिया गया है। कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष कुलवंत सिंह बाठ के आदेश पर कमेटी के जनरल मैनेजर धर्मेंद्र सिंह की ओर से सभी गुरुद्वारों के इंचार्ज प्रभारियों को परिपत्र जारी किया गया है। आदेश में कहा गया है कि ड्रेस कोड की पालना नहीं होने की प्रबंधकों के पास जानकारी आ रही है इसलिए इसे सख्ती से लागू किया जाए। इसकी उल्लंघना करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

गुरुद्वारा कमेटी में ड्रेस कोड अनिवार्य, दाढ़ी रंगी तो खतरे में नौकरीदूसरा आदेश इससे भी महत्वपूर्ण है। गुरुद्वारा कमेटी के स्टाफ का कोई व्यक्क्ति दाढी रंगता है या किसी और तरीके से केशों की बेअदबी करता है तो उसके खिलाफ भी एक्शन लिया जाएगा। ऐसे लोगों की जासूसी कराने को कहा गया है। बताया जा रहा है कि केशों की बेअदबी के मामले में महिला कर्मचारी भी पीछे नहीं हैं। महिला कर्मचारियों द्वारा रहत मर्यादा की उल्लंघना भी हो रही है। जानकार बताते हैं कि आईब्रो बनाना, वैक्सीन करना या थ्रेडिंग करना और बालों की रंगाई करना भी बेअदबी में आता है।
इसके अलावा अब गुरुद्वारों में डयूटी कर रहे स्टाफ को अपनी कुंडली देनी होगी। उनके नाम, निजी नंबर, तथा कितने समय से उस स्थान पर नौकरी कर रहे हैं उसकी जानकारी मांगी गई है। कार्यकारी अध्यक्ष कुलवंत सिंह बाठ के इन आदेशों से कमेटी कर्मचारियों में हडकंप मच गया है। साथ ही इनं आदेशों से साफ है कि अपनी सीट पर लंबे समय से काबिज बैठे स्टाफ को हटाने के लिए यह सारी कवायद की जा रही है।

गुरुद्वारा कमेटी में ड्रेस कोड अनिवार्य, दाढ़ी रंगी तो खतरे में नौकरीउधर, कमेटी गलियारों में दबी आवाज में स्टाफ के लोग यह भी बोल रहे हैं कि कमेटी के चुने हुए सदस्यों में से जो दाढी रंगते हैं उनके बारे में कोई सवाल कोई क्यों नहीं कर रहा है। सिर्फ स्टाफ के खिलाफ ही कार्रवाई करने की जरूरत क्यों पड़ रही है। बताया यह भी जा रहा है कि कमेटी के तकरीबन 15 से 17 सदस्य पूर्ण एवं आंशिक रूप में दाढी रंगते हैं जिसको लेकर पीछे काफी विवाद भी हुआ था। इसमें कमेटी के मौजूदा अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा का भी नाम था। इस मामले को लेकर दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने 17 सदस्यों को नोटिस भी जारी किया था जिसके बाद अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने दाढी रंगना छोड़ दिया था।
सूत्रों के मुताबिक कई ग्रंथी सिंह तथा स्टाफ के कई सदस्य अभी भी पूर्ण एवं आंशिक तौर पर दाढी को रंगते हैँ। एक्ट के अनुसार कमेटी सदस्यों एवं स्टाफ के लिए अमृतधारी होना अनिवार्य है और सिख रहत मर्यादा के अनुसार केशों को किसी भी प्रकार से रंगना या उसमें कुछ परिवर्तन करना केशों की बेअदगी माना जाता है।

latest news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related Articles

epaper

Latest Articles