देहरादून /धीरेंद्र शुक्ला। उपद्रव फैलाने वालों पर शिकंजा कसने की दिशा में उत्तराखण्ड सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। दंगा और अशांति फैलाने के दौरान सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की वसूली नुकसान पहुंचाने वालों से की जाएगी। इसके लिए एक क्लेम ट्रिब्यूनल का गठन किया जाएगा। सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई बैठक में कैबिनेट ने इससे संबंधित कानून बनाने पर अपनी मुहर लगा दी है।
हड़ताल, बंद, उपद्रव फैलाने अथवा विरोध प्रदर्शन आदि के दौरान प्रदर्शनकारी सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे सरकारी और निजी संपत्तियों को भी नुकसान होता है। इसकी क्षतिपूर्ति के लिए अब तक उत्तराखण्ड में कोई ठोस व्यवस्था नहीं थी। दंगे करने और अशांति फैलाने वालों पर उत्तराखण्ड सरकार अब सख्ती से पेश आएगी।
राज्य मंत्रिमंडल की आज हुई बैठक में इसे लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। इसके तहत सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुँचाने पर मुकदमा दर्ज होने की स्थिति में सर्किल ऑफिसर अपनी रिपोर्ट संबंधित जिलाधिकारी को प्रेषित करेंगे। जिलाधिकारी द्वारा गठित क्लेम ट्रिब्यूनल, कोर्ट कमिश्नर के माध्यम से नुकसान का आंकलन करेगा। जिसके बाद इस कानून के अंतर्गत संबंधित व्यक्ति से वसूली की जाएगी।
—दंगा और अशांति फैलाने के दौरान सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की होगी वसूली
-धामी सरकार का फैसला, क्लेम ट्रिब्यूनल का गठन किया जाएगा
—करेगा नुकसान का आंकलन, सरकार ने कानून बनाने को दी मंजूरी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि दंगों और अशांति फैलाने के मामलों में सख्ती से रोक लगाने के उद्देश्य से आज कैबिनेट बैठक के दौरान एक विशेष ट्रिब्यूनल के गठन को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। दंगों के दौरान होने वाले सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की क्षतिपूर्ति दंगाइयों से ही की जाएगी। प्रदेश की शांति व्यवस्था बिगाड़ने वालों को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी और एक ऐसी नजीर बनाएंगे जिससे देवभूमि की पवित्र भूमि को कलंकित करने वाले दंगाइयों की पीढियां भी वर्षों तक याद रखेंगी।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर निर्णय लिए गए। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी विभाग सुमाड़ी, श्रीनगर को तकनीकी शिक्षा विभाग की 5.335 एकड़ भूमि निशुल्क स्थानांतरित किए जाने पर भी स्वीकृति प्रदान की गई है। कैबिनेट ने उत्तराखंड आवास नीति में संशोधन को मंजूरी प्रदान की है। जिसमें प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत, अब लाभार्थियों को डेढ़ लाख रुपए की धनराशि राज्य सरकार द्वारा दी जाएगी। जबकि इससे पहले एक लाख रुपये की धनराशि प्रदान की जाती थी। इसके साथ ही,द्य, न्याय विभाग के अंतर्गत, चार जनपदों देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल व ऊधमसिंह नगर में चाइल्ड और जनरल काउंसलर की नियुक्ति किए जाने का भी निर्णय लिया गया है। जबकि औद्योगिक विकास विभाग के अंतर्गत, संयुक्त निदेशक, खनन व संयुक्त निदेशक जीओलॉजी को संयुक्त निदेशक पदनाम दिए जाने को भी स्वीकृति प्रदान की गई है। सूत्रों ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत, अशासकीय विद्यालयों में अभी भर्ती पर रोक लगी है। जबकि, उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत, इसके लिए पहले से कमेटी गठित है। कैबिनेट ने निर्णय लिया है कि अब यही कमेटी माध्यमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत, अशासकीय विद्यालयों में भर्ती हेतु अपनी रिपोर्ट देगी। उन्होंने बताया कि वित्त विभाग के अधीनस्थ लेखा संवर्ग के कर्मियों के अधिकार वित्त विभाग के अधीन ही होंगे। इसके लिए एक सम्मिलित कैडर बना दिया गया है। उन्होंने बताया कि समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत, अनुसूचित जाति दशमेतर छात्रवृत्ति योजना में मिलने वाली छात्रवृत्ति की धनराशि को बढ़ाने का भी कैबिनेट ने निर्णय लिया है। साथ ही, केंद्र सरकार द्वारा जो संशोधन इस हेतु किये गए हैं, उसे राज्य द्वारा अंगीकृत किये जाने को भी कैबिनेट द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है।