नयी दिल्ली/ अदिति सिंह । दिल्ली और इसके आसपास के शहरों में बुधवार को धुंध छायी रही और रात के दौरान तापमान में गिरावट और हवा नहीं चलने के कारण राजधानी की वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंच गयी। शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सुबह 10 बजे 372 दर्ज किया गया, जो इस माौसम में अब तक का सबसे अधिक है। 24 घंटे की अवधि का मंगलवार को औसत एक्यूआई 359, सोमवार को 347, रविवार को 325, शनिवार को 304 और शुक्रवार को 261 दर्ज किया गया था। शहर के भीतरी इलाके जैसे नेहरू नगर (402), सोनिया विहार (412), रोहिणी (403), वजीरपुर (422), बवाना (403), मुंडका (407), आनंद विहार (422), और न्यू मोती बाग (435) में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई है। इन स्थानों पर पीएम2.5 (सूक्ष्म कण जो सांस लेने पर श्वसन प्रणाली में गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं और श्वसन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं) की सांद्रता 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सुरक्षित सीमा से छह से सात गुना अधिक रही।
— पराली जलाने का सबसे ज्यादा योगदान
—प्रदूषण के सूक्ष्म कण सांस लेने पर श्वसन प्रणाली में गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं
पड़ोसी गाजियाबाद में एक्यूआई 280, फरीदाबाद में 318, गुरुग्राम में 254, नोएडा में 333 और ग्रेटर नोएडा में 372 था। पुणे स्थित भारतीय ऊष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान द्वारा विकसित एक संख्यात्मक मॉडल-आधारित प्रणाली के अनुसार, वर्तमान में शहर की खराब वायु गुणवत्ता में वाहन उत्सर्जन (11 प्रतिशत से 15 प्रतिशत) और पराली जलाने (सात प्रतिशत से 15 प्रतिशत) का सबसे ज्यादा योगदान है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, बुधवार (एक नवंबर) से दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आने वाले हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के शहरों और कस्बों के बीच केवल इलेक्ट्रिक, सीएनजी और बीएस6-श्रेणी की अनुपालना वाली डीजल बसों को ही संचालित करने की अनुमति दी जाएगी। प्रदूषण के स्तर को कम करने की कोशिश के तहत केंद्र ने अप्रैल 2020 में घोषणा की थी कि भारत में बेचे जाने वाले सभी वाहनों को भारत स्टेज-6 (बीएस6) उत्सर्जन मानकों के अनुरूप होना चाहिए। दिल्ली के लिए केंद्र की वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के अनुसार, दिल्ली की वायु गुणवत्ता कुछ और दिन तक ‘बेहद खराब’ श्रेणी में रहने के आसार हैं।
दिल्ली और मुंबई में विश्व कप मैचों के दौरान आतिशबाजी नहीं
बीसीसीआई ने दिल्ली और मुंबई में बढते वायु प्रदूषण के कारण इन दोनों शहरों में विश्व कप मैचों के दौरान आतिशबाजी पर रोक लगा दी है । दिल्ली में एक ही मैच बचा है जब छह नवंबर को श्रीलंका और बांग्लादेश आमने सामने होंगे । मुंबई में दो और सात नवंबर को लीग मैच और 15 नवंबर को सेमीफाइनल होना है । बीसीसीआई सचिव जय शाह ने बुधवार को एक बयान में कहा बीसीसीआई पर्यावरण से जुड़े मसलों को लेकर काफी संवेदनशील है । हमने आईसीसी से बात की है और मुंबई में कोई आतिशबाजी नहीं होगी । उन्होंने कहा बोर्ड हमेशा प्रशंसकों और हितधारकों के हित को सर्वोपरि रखता है । बीसीसीआई का मानना है कि मुंबई और दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर चिंताजनक है । हम चाहते हैं कि विश्व कप का जश्न त्योहार की तरह मनाया जाये लेकिन स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर अपनी प्राथमिकता से हम हट नहीं सकते ।
दिल्ली में प्रदूषण के चलते सांस लेना मुश्किल हो गया है और आंखों में जलन भी हो रही है