– कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने दिल्ली का प्रदूषण कम करने को लेकर की समीक्षा बैठक
– सभी के सहयोग से ही कम किया जा सकता है दिल्ली का प्रदूषण: गोपाल राय
– पड़ोसी राज्यों से भी दिल्ली सरकार लेगी मदद, अगले माह पर्यावरण मंत्रियों के साथ होगी बैठक
नई दिल्ली /टीम डिजिटल: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का प्रदूषण कम करने के लिए आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) की सरकार ने गंभीरता पूर्वक कदम आगे बढ़ा दिया है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आज पर्यावरण व वन विभाग के अधिकारियों और दिल्ली पाल्यूशन कंट्रोल कमेटी के वैज्ञानिकों के साथ समीक्षा बैठक की। दिल्ली सचिवालय में आयोजित बैठक में कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली का प्रदूषण सभी के सहयोग से ही कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार तीन प्रमुख चीजों पर फोकस कर रही है। पहला, प्रदूषण का रियल टाइम डाटा प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। दूसरा, प्रदूषण को जन आंदोलन बनाने पर बल दिया जा रहा है और तीसरा, पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब व हरियाणा के पर्यावरण मंत्रियों के साथ बैठक कर उनकी समस्याओं विचार करेंगे।
दिल्ली सचिवालय में आयोजित समीक्षा बैठक में कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के पर्यावरण को लेकर लगातार चिंता और चर्चा होती रही है। हम लोगों ने जब पांच साल पहले आम आदमी पार्टी की सरकार बनाई थी, उसके बाद से दिल्ली के प्रदूषण स्तर को कम करने के लिए सरकार ने बहुत सारे काम किए हैं और उसके परिणाम स्वरूप करीब 25 प्रतिशत प्रदूषण कम करने में सफलता मिली है। इस चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की जनता के साथ 10 गारंटी का वादा किया था। जिसमें दिल्ली के प्रदूषण स्तर को कम करने का वादा प्रमुख था। दिल्ली के अंदर एक तिहाई प्रदूषण को कम करने का लक्ष्य रखा गया है।
दिल्ली के अंदर पांच साल के अंदर 2 करोड वृक्षारोपण करने का वादा किया गया है। गोपाल राय ने कहा कि आज मैंने पर्यावरण विभाग के सभी अधिकारियों के साथ दिल्ली पाल्यूशन कंट्रोल कमेटी के वैज्ञानिकों और वन विभागों के अधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक की। बैठक में अभी तक जो प्रयास किया गया और उसका क्या असर रहा है। बैठक में हमने समझने की कोशिश की कि दिल्ली का जो वायु प्रदूषण है, उसमें किस तरह से गिरावट आई है और किस स्तर तक आई है। इसको लेकर बैठक में चर्चा की है।
प्रदूषण का रियल टाइम डाटा प्राप्त करना बेहद जरूरी
कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने कहा कि हमारा मानना है कि प्रदूषण का रियल टाइट डाटा आना बेहद जरूरी है। जब तक रियल टाइम डाटा नहीं आएगा, तब तक यह पता नहीं किया जा सकता है कि किसकी वजह से प्रदूषण हो रहा है। जब तक स्रोत का पता नहीं चलेगा, तब तक उसे कम करने का मैकेनिज्म नहीं बन पाएगा। हमारा लक्ष्य है कि सरकार को रियल टाइट डाटा मिले और उसके अनुसार हम एक्शन प्लान बना सकें। रियल टाइट डाटा प्राप्त करने के लिए दिल्ली सरकार वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के साथ समझौता करके काम कर रही है। इस पर काम चल रहा है और मार्च तक अंतिम रिपोर्ट सरकार को मिल जाएगी। इसके बाद हम रियल टाइट डाटा के अनुरूप अपने एक्शन को भी माप पाएंगे और उसका क्या प्रभाव हुआ, यह भी जान सकेंगे।
सरकार के उठाए गए कदम की वजह से घटा प्रदूषण
कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली में सरकार के कुल 28 माॅनिटरिंग सेंटर हैं। जिनमें से 4 सेंटर 2014 से 17 के बीच में लगे थे। 2018 से 19 के बीच 24 और सेंटर स्थापित किए गए। माॅनिटरिंग सेंटर से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, पीएम-10, पीएम 2.5, सल्फर डाई आॅक्साइड, नाइट्रोजन, आॅक्सीजन, अमोनिया गैस, कार्बन डाई आॅक्साइड को माॅनिटर करते हैं। 2014 में पीएम-10 का औसत 324 था। 2015 में 295, 2016 में 303, 2017 में 277, 2018 में 277, 2019 में 230 रहा है। पीएम-2.5 का औसत 2014 में 149, 2015 में 133, 2016 में 137, 2017 में 130, 2018 में 128 और 2019 में 112 रहा। इस रिपोर्ट से यह पता चल रहा है कि दिल्ली के अंदर प्रदूषण लगातार कम हो रहा है। दिल्ली में जहांगीरपुरी, नरेला, अशोक विहार, विवेक विहार, द्वारका, मुंडका, रोहिणी, वजीरपुर, ओखला, बवाना, आनंद विहार, पंजाबी बाग और आरके पुरम 13 हाॅट स्पाॅट हैं। इन जगहों पर प्रदूषण स्तर काफी सिवियर रहता है। 2018 में जहांगीपुर में पीएम-10 333 था, वहीं 2019 में 262 हुआ है। नरेला में 275 था, अब 237 हुआ है। इन 13 स्थानों पर सुप्रीम कोर्ट भी माॅनिटर कर रहा था। वहा पर भी एक्शन लेने पर प्रदूषण में काफी गिरावट आई है। दूसरा, पीएम-2.5 का भी उसी तरह से इन 13 हाॅट स्पाॅट पर प्रदूषण में गिरावट आई है।
सरकार के उठाए गए कदमों से प्रदूषण में आई गिरावट
गोपाल राय ने कहा कि प्रदूषण को कम करने में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। दिल्ली में 24 घंटे बिजली की आपूर्ति होने से जेनरेटर से होने वाला प्रदूषण में कमी आई। दिल्ली के अंदर वन क्षेत्र बढ़ाए गए, उसका असर दिख रहा है। पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे बनने से बिना जरूरत के वाहनों का दिल्ली में प्रवेश बंद हुआ है, उससे भी प्रदूषण कम हुआ है। सड़क के किनारे ग्रीनरी बढ़ने से डस्ट प्रदूषण में कमी आई है। दीपावली को लेकर कैम्पेन चलाए गए। उसका भी असर पड़ा है। हमने कुछ दिन के लिए आॅड ईवन भी किया है। इसका भी असर हुआ है। आॅड ईवन सिर्फ 15 दिन का मसला नहीं है, बल्कि यह सभी के दिमाग पर पर्यावरण को लेकर एक प्रभाव डालता है। लोगों का विचार बदलने में आॅड ईवन ने एक बड़ी भूमिका निभाई है। पहली बार हमने जब आॅड ईवन लागू किया, तब दिल्ली के लोगों के लिए यह नया था। तब समझना मुश्किल था कि यह सफल होगा की नहीं होगा। लोग साथ देंगे या नहीं देंगे। इन सब के बाद हमने देखा कि जब आॅड वाले दिन कोई ईवेन नंबर की गाड़ी लेकर निकलता था तो उनके बच्चे भी उन्हें टोकते थे कि आप गलत कर रहे हैं।
प्रदूषण कम करने को लेकर सरकार ने लिए चार फैसले
कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली का प्रदूषण स्तर कम करना है, तो उसे जन आंदोलन बनाना होगा। केवल सरकारी तंत्र के दम पर ठीक नहीं किया जा सकता है। इसमें मल्टीपल एजेंसी शामिल हैं। सभी का एक संयुक्त एक्शन टीम बनाना होगा। क्योंकि हर एजेंसी की अलग-अलग भूमिका है। हम जल्द ही मुख्यमंत्री के सामने इस पर प्रस्ताव रखेंगे। प्राथमिक स्तर पर हमने 4 फैसले लिए हैं। सबसे महत्वपूर्ण रियल टाइम डाटा है। जब तक रियल टाइट असिसमेंट डाटा नहीं आएगा, तब तक काम नहीं चलेगा। मेजर ध्यानचंद स्टेडियम के पास स्थित सेंटर का 21 फरवरी को दौरा करेंगे और समझने की कोशिश करेंगे कि रियल टाइट डाटा कैसे प्राप्त हो सकता है। यमुना नदी में दिल्ली की सारी गंदगी जाती है। उसमें जल बोर्ड के द्वारा एसटीपी बने है, जहां ट्रीट होने के बाद पानी यमुना में जाता है। कई एसटीपी बने है, लेकिन फिर भी यमुना में पानी की गुणवत्ता अच्छी नहीं है। दिल्ली जल बोर्ड ने दिल्ली गेट पर एक आधुनिक एसटीपी का प्लांट लगाया है। वहां 22 फरवरी को एक बजे दौरा किया जाएगा।
28 फरवरी को 40 लाख वृक्षारोपण
दिल्ली सचिवालय में 27 फरवरी को पर्यावरण सम्मेलन आयोजित करेंगे। इसमें एक्सपर्ट, एनजीओ, इंजीनियर समेत अन्य लोग अपना सुझाव देंगे, जिन्हें शामिल किया जाएगा। आगामी 28 फरवरी को 40 लाख वृक्षारोपण के लिए विभिन्न विभागों की को-आर्डिनेंस बैठक होगी। दिल्ली में कुल दो करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। पहले 25 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य था। इसमें सभी एजेंसियों का सहयोग लिया जाएगा। इस अभियान को सफल बनाने के लिए 28 फरवरी को होने वाली बैठक में प्लान तैयार किया जाएगा।