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Wednesday, January 8, 2025

Delhi Elections: डेढ़ करोड़ वोटरों के लिए 33 हजार बूथ बनाए, मतदान व्यवस्था निष्पक्ष, EVM हैक-प्रूफ

नयी दिल्ली /सुनील पाण्डेय। दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में पांच फरवरी को मतदान होगा और परिणाम आठ फरवरी को आएंगे।  मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मंगलवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा करते हुए कहा कि यहाँ एक चरण में सभी 70 सीटों पर पाँच फ़रवरी को मतदान होगा जबकि मतगणना आठ फ़रवरी को होगी। श्री कुमार ने कहा कि दिल्ली में एक करोड़ 55 लाख कुल मतदाता हैं, जिनमें 83 लाख से ज्यादा पुरुष और 71 लाख से अधिक महिला मतदाता है। कुल 13 हजार 33 पोलिंग बूथ हैं।
बता दें कि तारीखों की घोषणा के दिन से रिजल्ट तक दिल्ली चुनाव की प्रक्रिया 33 दिन में पूरी हो जाएगी। 2015 और 2020 के मुकाबले इस बार चुनाव और रिजल्ट की घोषणा एक हफ्ते पहले हो रही है।

दिल्ली चुनाव का बिगुल बजा, 5 फरवरी को वोटिंग
– राजधानी की 70 सीटों पर सिंगल फेज में मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट  
—डेढ़ करोड़ वोटरों के लिए 33 हजार बूथ बनाए
—मतदान व्यवस्था निष्पक्ष, ईवीएम हैक-प्रूफः सीईसी

मुख्य चुनाव आयुक्त ने इलेक्ट्रॉिनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से किसी तरह के छेड़छाड़ को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि ईवीएम में अवैध वोट डालने की संभावना नहीं है। ईवीएम फुलप्रूफ डिवाइस है। इसे मतदान के बाद सील कर दिया जाता है। ईवीएम किसी भी तरह से हैक नहीं हो सकता है और यह चुनाव का सबसे सुरक्षित तरीका है। मतों की गिनती से पहले हर ईवीएम की सील चेक होती है।

फरवरी को वोटिंग, 8 फरवरी को रिजल्ट  
—एक करोड़ 55 लाख कुल मतदाता
—83 लाख पुरुष और 71 लाख महिला मतदाता
—दिल्ली में कुल 13 हजार 33 पोलिंग बूथ हैं
—थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या 1261 है

उल्लेखनीय है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव की कल अंतिम मतदाता सूची जारी की गई, जिसमें कुल एक करोड़ 55 लाख 24 हज़ार 858 मतदाता है। इनमें कुल 83 लाख 49 हज़ार 645 पुरुष और 71 लाख 73 हज़ार 952 महिला मतदाता शामिल हैं। थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या 1261 है।
मतदाता पहचान पत्र पाने के लिए फर्जी दस्तावेज जमा करने के मामले में 24 लोगों के खिलाफ आठ प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने नए मतदाता पहचान पत्र प्राप्त करने के लिए फर्जी दस्तावेज जमा करने के खिलाफ चेतावनी दी है।

Delhi Elections: डेढ़ करोड़ वोटरों के लिए 33 हजार बूथ बनाए, मतदान व्यवस्था निष्पक्ष, EVM हैक-प्रूफ
ग़ौरतलब है कि 2020 के चुनाव में आम आदमी पार्टी को 62 सीटें और भाजपा को आठ सीटें मिली थी । वहीं, कांग्रेस पार्टी अपना खाता खोलने में भी नाकाम रही थी।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने चुनाव को लेकर विवाद खड़ा करने वालों को मंगलवार को एकबार और करारा तथा विस्तृत जबाव देते हुये भारत की चुनाव प्रक्रिया को विश्व की सबसे साफ-सुथरी और सुव्यवस्थित तथा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को हैकिंग-प्रूफ बताया। श्री कुमार ने दिल्ली विधानसभा के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के लिये आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुये, अपने प्रारंभिक व्यक्तव्य में कहा कि वह ‘अपने इस आखिरी संवाददाता सम्मेलन में’ सबसे पहले चुनावों को लेकर बार-बार फैलाये जाने वाले नैरेटिव (मनगढ़ंत बातों) का एकबार फिर स्पष्टीकरण करना चाहते हैं।

ईवीएम मशीनों को हैक नहीं किया जा सकता

राजीव कुमार ने कहा कि उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के एक के बाद एक कई फैसलों में स्पष्ट कहा गया है कि भारत में प्रयोग की जाने वाली ‘ईवीएम मशीनों को हैक नहीं किया जा सकता। इनमें रिगिंग (गड़बड़ी) संभव नहीं है और इसमें ऐसा कोई वायरस भी नहीं डाला जा सकता, जिससे कि मतदान के परिणाम प्रभावित किये जा सकते हों।’ 19 फरवरी, 1960 को जन्मे और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी ने श्री राजीव कुमार 15 मई 2022 को देश के 25वें मुख्य चुनाव आयुक्त का पद ग्रहण किया। यह नियुक्त छह वर्ष या 65 साल की आयु पूरे होने में जो भी पहले हो उस अवधि तक के लिये की जाती है। इस तरह, श्री कुमार 19 फरवरी, 2025 को, 65 वर्ष के हो रहे हैं।

 कृपया, झूठ के गुब्बारे न उड़ाएं

मुख्य चुनाव आयुक्त कुमार ने कहा,  दुनिया में किसी देश के चुनाव प्राधिकरण को देख लें। भारत के निर्वाचन आयोग जितना ग्रेनुलर डाटा (बारीक जानकारी) कोई और प्राधिकरण सार्वजनिक रूप से जारी नहीं करता है।  कुमार के साथ संवाददाता सम्मेलन में सहयोगी चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ सुखबीर सिंह संधू भी थे। उन्होंने ऐसे कहानियां फैलाने वालों से अपील की,  कृपया, झूठ के गुब्बारे न उड़ाएं, इससे केवल भ्रम ही पैदा होता है और इसका असर युवा मतदाताओं पर पड़ता है। वे वोट डालने के प्रति हतोत्साहित होते हैं।”

2020 से अब तक 30 राज्यों में चुनाव कराये

उन्होंने मतदाता सूचियों, मतदान के प्रतिशत और ईवीएम को लेकर बार-बार उठाये जाने वाले सवालों को राजनीति के लिये गढ़ी और फैलायी जाने वाली कहानी करार देते हुये कहा कि आयोग बार-बार अपनी चुनावी व्यवस्था और प्रक्रियाओं का विस्तृत विवरण दे चुका है तथा इस पूरी व्यवस्था को उसकी वेबसाइट पर देखा जा सकता है। एक शायराना अंदाज में कहा कि लोग हमारी वफाई को जानते हैं, फिर भी सवाल उठाते रहते हैं। श्री कुमार ने कहा कि लोकतंत्र में सवाल उठाना व्यवस्था का हिस्सा है, उसका जबाव देना हमारा कर्तव्य है, पर सवाल ठोस होने चाहिए। उन्होंने मतगणना या ईवीएम में गड़बड़ी के बारे में फैलायी जाने वाली बातों का ग्राफिक विवरण के साथ जबाव देते हुये कहा कि पिछले 2020 से अब तक 30 राज्यों में चुनाव कराये जा चुके हैं, जिनमें 15 राज्यों में अलग-अलग पार्टियां सबसे बड़ा दल बनकर उभरी हैं।

मतदाता सूची तैयार करने में 70 चरण का प्रयोग

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि मतदाता सूचियों में लोगों के नाम काटे जाने के बारे में बार-बार शोर उठता है। इस समय भी इस तरह का शोर (दिल्ली में) सुनाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि ‘फॉर्म-7’ के भरे बिना किसी मृतक का नाम भी सूची से बाहर नहीं निकाला जाता। मतदाता सूची तैयार करने में 70 चरण अपनाये जाते हैं और हर चरण में प्रत्याशी और पार्टियों को साथ रखा जाता है। उन्होंने कहा कि किसी सूची में दो प्रतिशत से अधिक नाम कटने पर सहायक निर्वाचन अधिकारी (एआरओ) वहां खुद जाकर जांच करते हैं।
 

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