-खजाने में निकले प्रतिबंधित 38 लाख रुपये, जांच होना जरूरी
-गृहमंत्री अमित शाह को लिखी चिट्ठी, उच्चस्तरीय जांच की मांग
-कमेटी के कार्यवाहक प्रबंधक की पावर खत्म कर नियुक्त किया जाए रिसीवर
-परमजीत सरना का दावा, गुरू की गोलक पहुंचाई जा रही है पंजाब
—दिल्ली पुलिस को दी शिकायत, दर्ज हो आर्थिक गड़बड़ी की एफआईआर
नई दिल्ली /टीम डिजिटल : शिरोमणि अकाली दल (दिल्ली) के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में कार्यवाहक प्रबंधन के द्वारा लाखों रुपये की आर्थिक गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है। साथ ही दावा किया कि कमेटी के कार्यवाहक अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा एवं महासचिव हरमीत सिंह कालका गुरू की गोलक का पूरा पैसा कमेटी में खर्च करने की बजाय पंजाब में अपनी राजनीतिक पार्टी को मजबूत करने के लिए पहुंचा रहे हैं। पंजाब में तीन महीने बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और दिल्ली कमेटी से पूरा पैसा भेजा जा रहा है। सरना ने दावा किया है कि उन्हें कमेटी में करोड़ों रूपये की गड़बड़ी का अंदेशा है। लिहाजा इसकी उच्चस्तरीय जांच के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। पत्र के जरिये मांग की गई है कि कमेटी में आर्थिक निगरानी के लिए एक रिसीवर नियुक्त किया जाना चाहिए ताकि गुरू की गोलक को लुटने से बचाया जा सके। सरना ने कहा कि आर्थिक गड़बड़ी की शिकायत दिल्ली पुलिस से भी की गई है और कोषागार सील करने की मांग की गई, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। इस मसले को भी गृहमंत्री अमित शाह के समक्ष उठाते हुए हस्तक्षेप की मांग की है।
सोमवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए सरना ने कहा कि शनिवार को गुरुद्वारा कमेटी के मुख्यालय में दिन भर चले विपक्षी सदस्यों की जांच पड़ताल के बाद 65 लाख रुपया के गायब होने की जानकारी मिली है। शनिवार को ये 65 लाख रुपये न तो बैंक तक पहुंचे थे और न ही कमेटी के खजाने में मौजूद थे। परमजीत सिंह सरना ने कहा कि इतनी बड़ी रकम कोई भी संस्था खजाने में नहीं रख सकती, लेकिन कमेटी में रखा गया। इसके अलावा कमेटी के खजाने में लगभग 38 लाख रूपये की नकदी बरामद हुई है। इसमें सभी नोट पुराने हैं जो भारत सरकार एवं रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने प्रतिबंधित कर दिया है। परमजीत सिंह सरना ने दावा किया है पिछले कुछ महीनों से कमेटी में गुरू की गोलक नाजायज तरीके से निजी कार्यों, सदस्यों को लुभाने, गाड़ी खरीदने कर गिफट देने में इस्तेमाल की जा रही है। जबकि, कार्यवाहक अवस्था में सिर्फ जरूरी काम ही करने का अधिकार होता है। गृहमंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में दिल्ली कमेटी के पूर्व अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने कमेटी प्रबंधकों द्वारा प्रतिबंधित 38 लाख रुपये की नगदी रखने की जांच की मांग की है। इतनी बडी प्रतिबंधित रकम रखना कानूनन जुर्म है। लिहाजा, इस मामले की उच्चस्तरीय एजेंसी से जांच कराई जानी चाहिए। जांच होने पर करोड़ों रूपये का घोटाला पकड़ा जाएगा और इसमें शामिल खिलाड़ी जेल जाएंगे। इस मसले को लेकर परमजीत सिंह सरना अपनी पार्टी और विपक्षी दलों को साथ लेकर बहुत जल्द दिल्ली के उपराज्यपाल से भी मुलाकात करेंगे।
खजाने में 38 लाख रुपये प्रतिबंध नोट मिलना संदिग्ध : हरविंदर सरना
दिल्ली कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा को हराने वाले दिल्ली कमेटी के पूर्व अध्यक्ष हरविंदर सिंह सरना ने दावा किया है कि खजाने की जांच पड़ताल के दौरान 1.32 करोड़ रुपये का रिकार्ड दिखाया गया, उसमें से 38 लाख रुपये पुरानी नगदी मिली, जो भारत सरकार एवं रिजर्व बैंक आफ इंडिया की ओर से प्रतिबंधित है। इतनी बड़ी रकम कोई भी संस्था खजाने में नहीं रख सकती है। हरविंदर सरना ने कमेटी प्रबंधन से सवाल पूछा कि एक साल पहले तक केंद्र की मोदी सरकार में शिरोमणि अकाली दल बादल भागीदार रहा और पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की पत्नी बीबी हरसिमरत कौर बादल केंद्रीय मंत्री रही। उस वक्त ये प्रतिबंधित 38 लाख रूपये रिजर्व बैेंक आफ इंडिया में जमा क्यों करवाए गए। उन्हें अंदेशा है कि कमेटी प्रबंधन के लोग प्रतिबंधित नोटों को लेकर नए नोट देने का काम कर रहे थे।