–केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने मुख्यमंत्री योगी को लिखा पत्र
-ऑक्सीजन की किल्लत, जमाखोरी, कालाबाजारी पर उठाए सवाल
–UP में अपनी ही सरकार के खिलाफ उतरने लगे हैं मंत्री एवं सांसद
–बोले, यूपी में स्वास्थ्य विभाग के महत्वपूर्ण लोग फोन नहीं उठाते हैं
-सरकारी अस्पताल में व्यवस्था नहीं, प्राइवेट वाले सुनते नहीं
–कोरोना मरीजों को रेफर करने की प्रक्रिया बहुत जटिल, हो रही है मुश्किल
नई दिल्ली/ खुशबू पाण्डेय: कोरोना महामारी को लेकर उत्तर प्रदेश में मचे हाहाकार के बीच ऑक्सीजन की किल्लत, जमाखोरी, मल्टी पैरा मॉनिटर, बायोपैक मशीन, वेंटिलेटर तथा अन्य जरूरी उपकरणों को बाजार में डेढ़ गुना दाम पर बेचे जाने को लेकर आम जनता तो परेशान थी ही, अब भाजपा के वरिष्ठ नेता भी सरकारी सिस्टम पर गंभीर सवाल उठाने लगे हैं। आंतरिक तौर पर तो हर कोई सरकारी व्यवस्था की पोल खोल रहा है, लेकिन अब भाजपा के सांसद एवं केंद्रीय मंत्री खुलकर सरकारी अव्यवस्था पर सवाल उठाने लगे हैं। अव्यवस्था से परेशान केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर गंभीर सवाल उठाए हैं। साथ ही आरोप भी लगाया है कि यूपी में स्वास्थ्य विभाग के महत्वपूर्ण लोग फोन नहीं उठाते हैं। इससे कोरोना के इलाज में दिक्कत आ रही है। केंद्रीय मंत्री बरेली से सांसद हैं।
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केंद्रीय मंत्री ने पत्र में लिखा है कि बरेली के जिन अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट नहीं हैं, उनमें जल्द ऑक्सीजन प्लांट लगवाने की कोशिश की जाए ताकि ऑक्सीजन की जरूरत पूरी की जा सके। उन्होंने लिखा है कि कोरोना के मरीजों को रेफर करने की प्रक्रिया इतनी मुश्किल और लंबी है कि भर्ती होने के दौरान ही मरीज की ऑक्सीजन कम हो जाती है, जिससे उसे मुश्किल होती है। लिहाजा इस प्रक्रिया को आसान बनाया जाए। केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखा है कि बरेली के सभी प्राइवेट अस्पतालों को कोविड के इलाज की छूट दी जाए और आयुष्मान भारत में दर्ज और अस्पतालों में कोरोना का टीका लगाने का इंतेजाम किया जाए। केंद्रीय मंत्री ने मल्टी पैरा मॉनिटर, बायोपैक मशीन, वेंटिलेटर तथा अन्य जरूरी उपकरणों को बाजार में डेढ़ गुना दाम पर बेचे जाने की शिकायत भी की। साथ ही अनुरोध किया कि सरकार इन चीजों का दाम निर्धारित करे।
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बता दें कि बरेली में पिछले चौबीस घंटे में कोरोना के 736 नए मरीज मिले हैं ,जबकि इस वक्त यहां कोरोना के 6387 मरीज मौजूद हैं। केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने कहा है कि उनके जिले बरेली में ऑक्सीजन की भारी किल्लत है। कुछ लोग उसकी जमाखोरी और कालाबाजारी कर रहे हैं। यही नहीं कोरोना में इस्तेमाल होने वाले वेंटिलेटर और दूसरी मशीनें डेढ़ गुना दाम पर ब्लैक में बिक रही हैं, इस पर रोक लगाई जाए।
बता दें कि दो दिन पहले कानपुर से बीजेपी सांसद सत्यदेव पचौरी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर जिला प्रशासन तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर पहले से ही तैयारी करने के निर्देश देने का आग्रह किया है। सांसद ने कानपुर जिले में कोविड-19 के मरीजों को ठीक से इलाज न मिलने का जिक्र करते हुए कहा कि रोगियों को समय से उपचार नहीं मिल पा रहा है और वह अपने घर, एंबुलेंस या अस्पतालों के बाहर दम तोड़ रहे हैं। कोविड-19 महामारी की पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर में ज्यादा लोगों की मौत हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को पहले से ही इसकी तैयारी करनी चाहिए। मेडिकल स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ, ऑक्सीजन, दवाओं तथा टीकाकरण की समुचित व्यवस्था करनी होगी ताकि कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर में लोगों को मुश्किलों का सामना न करना पड़े।
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सांसद ने सीएम योगी से गुजारिश की है कि वह अधिकारियों के साथ बैठक कर तीसरी लहर से पहले इससे निपटने के पुख्ता इंतजाम करें। उन्होंने कहा कि वह यह महसूस करते हैं कि हर किसी को महामारी के दौरान चिकित्सीय सहायता मिलनी चाहिए। बता दें कि इससे पहले लखनऊ के मोहनलाल गंज से बीजेपी सांसद कौशल किशोर, मेरठ के सांसद राजेंद्र अग्रवाल, औराई से बीजेपी विधायक दीनानाथ भास्कर, दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री सुनील भराला ने मुख्यमंत्री को चिटठी लिखकर सवाल उठा चुके हैं। इसके अलावा योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक ने तो लखनऊ के हालात को लेकर बाकायदा चिटठी लिखकर अधिकारियों की लापरवाही को उजागर किया था। इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव लगातार योगी सरकार को घेरने में जुटे हैं।