लखनऊ /महेंद्र सिंह। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने शुक्रवार को कहा कि जब तक नये शिक्षकों की नियुक्ति न हो जाए, तब तक सेवानिवृत्त शिक्षकों की ही सेवाएं ली जाएं और उन्हें एक निश्चित मानदेय दिया जाए। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य की पूर्ववर्ती सरकार में माध्यमिक शिक्षा के कॉलेज नकल के अड्डे बन गए थे, जिनमें ठेके पर नकल कराई जाती थी लेकिन गत छह वर्षों में इसमें सुधार हुआ है। एक बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लोकभवन में ‘मिशन रोजगार’ के अंतर्गत उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित 219 प्रधानाचार्यों को नियुक्ति पत्र वितरित किया।
—यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का निर्देश, निश्चित मानदेय दिया जाए
—पूर्ववर्ती सरकार में माध्यमिक शिक्षा के कॉलेज नकल के अड्डे बन गए थे
उन्होंने इस दौरान कहा कि प्रधानाचार्य शिक्षण संस्थान की रीढ़ होते हैं, यदि प्रधानाचार्य अनुशासित रहकर कॉलेज में नयी गतिविधियों और नवाचारों को बढ़ावा देते हैं तो उसके सार्थक परिणाम सामने आते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानाचार्यों को विद्यालयों को रचनात्मक गतिविधियों का केंद्र बनाकर अभिभावकों से संवाद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम के साथ ही देश-दुनिया और युवा कल्याण एवं महिला कल्याण से जुड़ी सरकार की योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे विद्यार्थियों में ज्ञान के साथ-साथ जागरूकता भी आती है और प्रधानाचार्य का कार्यकाल भी यादगार बनता है। उन्होंने कहा, विगत छह वर्ष में हमारी सरकार निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से छह लाख नौजवानों को सरकारी नौकरी देने में सफल रही है। इसमें 164000 शिक्षकों की नियुक्ति हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का केंद्र है। उन्होंने कहा कि देश में सबसे ज्यादा आध्यात्मिक पर्यटन यहीं है, जिसमें भारी बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा, वर्ष 2017 के पहले उत्तर प्रदेश में सिर्फ डेढ़ से दो करोड़ पर्यटक ही आते थे। आज यह संख्या बढ़कर एक वर्ष में 30 करोड़ पर्यटकों की हो चुकी है। प्रदेश में एक पर्यटक के आने से विभिन्न तरह के रोजगार सृजित होते हैं।
उत्तर प्रदेश देश की नंबर एक अर्थव्यवस्था बन सकता है
उन्होंने कहा कि यदि सामूहिक रूप से प्रयास किए जाएं तो उत्तर प्रदेश देश की नंबर एक अर्थव्यवस्था बन सकता है, इसके हर क्षेत्र में कार्य करने वाले व्यक्ति को अपने स्तर पर कार्य करने होंगे। आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश शिक्षा का केंद्र रहा है। उन्होंने कहा कि आजादी के समय देश के विभिन्न राज्यों में शिक्षकों की आपूर्ति उत्तर प्रदेश करता था। उन्होंने कहा, हमें फिर से उस दिशा में प्रयास करते हुए अनुशासित और राष्ट्र भक्त नागरिकों की फौज खड़ी करनी होगी। कार्यक्रम में माध्यमिक शिक्षा की राज्य मंत्री गुलाबो देवी, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव (माध्यमिक शिक्षा) दीपक कुमार, शिक्षा विभाग के अधिकारी और चयनित प्रधानाचार्य मौजूद थे।