लखनऊ/ विनोद मिश्रा । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने मंगलवार को गृह विभाग (home department) के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर प्रदेशवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के दृष्टिगत आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। विशेष बैठक में मुख्यमंत्री YOGI ने प्रदेश में क्रियान्वित सेफ सिटी परियोजना के विस्तार की कार्ययोजना का भी अवलोकन किया और नगर निगम मुख्यालय वाले सभी शहरों तथा गौतमबुद्ध नगर जनपद मुख्यालय को सेफ सिटी के रूप में अपडेट करने के संबंध में निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के मार्गदर्शन में राज्य सरकार प्रदेश के हर एक नागरिक की सुरक्षा और उनके विकास के लिए अनुकूल माहौल उपलब्ध कराने के लिए संकल्पित है। इस दिशा में विगत 06 वर्ष में किए गए प्रयासों के आशातीत परिणाम मिले हैं। आज प्रदेश में हर महिला, हर व्यापारी सुरक्षित है। लोगों में अपनी सुरक्षा के प्रति एक विश्वास है। यह विश्वास सतत बना रहे, इसके लिए हमें 24×7 अलर्ट मोड में रहना होगा।
—दूसरे चरण में 57 जनपद मुख्यालयों की नगर पालिकाएं
— तीसरे चरण में 143 नगर पालिकाओं को सेफ सिटी परियोजना से जोड़ा जाएगा
— अब महिलाओं के साथ बुजुर्ग, बच्चे, और दिव्यांगजन भी होंगे शामिल
—सीसीटीवी से लैस होगा प्रदेश का हर पुलिस थाना: मुख्यमंत्री
सीएम ने कहा कि महिला सुरक्षा (women safety), सम्मान व स्वावलंबन सुनिश्चित करने के संकल्प की पूर्ति में सेफ सिटी परियोजना अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रही है। प्रदेश में इस परियोजना के माध्यम से लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के अंतर्गत मॉडर्न कंट्रोल रूम, पिंक पुलिस बूथ, आशा ज्योति केंद्र, सीसीटीवी कैमरे, महिला थानों में परामर्शदाताओं के लिए हेल्प डेस्क, बसों में पैनिक बटन व अन्य सुरक्षा उपायों को लागू करने में सहायता मिली है। अब हमें इसे और विस्तार देना होगा।
अंतर्विभागीय समन्वय के साथ कन्वर्जेंस के माध्यम से वित्तीय प्रबंधन करते हुए प्रथम चरण में सभी 17 नगर निगमों और गौतमबुद्ध नगर को ‘सेफ सिटी’ के रूप में विकसित किया जाए। दूसरे चरण में 57 जनपद मुख्यालयों की नगर पालिकाओं और फिर तीसरे चरण में 143 नगर पालिकाओं को सेफ सिटी परियोजना से जोड़ा जाए। ऐसे सभी नगरों के प्रवेश द्वार पर ‘सेफ सिटी’ का बोर्ड लगा कर इसकी विशिष्ट ब्रांडिंग भी की जानी चाहिए। इस प्रकार, उत्तर प्रदेश सर्वाधिक सेफ सिटी वाला देश पहला राज्य हो सकेगा।
सेफ सिटी परियोजना’ अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमें आगामी 03 माह की अवधि में प्रथम चरण का कार्य पूरा करना होगा। सम्बंधित विभाग को दी गई जिम्मेदारी तय समय सीमा के भीतर पूरी हो जानी चाहिए। इसके प्रगति की पाक्षिक समीक्षा मुख्य सचिव द्वारा की जाए।
वर्तमान में सेफ सिटी परियोजना महिलाओं की सुरक्षा पर केंद्रित है। हमें इसे विस्तार देते हुए बुजुर्गों, बच्चों और दिव्यांग जनों की सुरक्षा से भी जोड़ना चाहिए। सेफ सिटी के माध्यम से सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों व दिव्यांग जनों के लिए एक सुरक्षित, संरक्षित एवं सशक्त वातावरण बनाने की मुहिम को आवश्यक तेजी मिलेगी।
सीएम ने कहा कि प्रदेश के सभी पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। इसके संबंध में एक स्टैंडर्ड आपरेटिंग ऑपरेटिंग प्रोसीजर तैयार करें। यह कार्य तत्काल शीर्ष प्राथमिकता के साथ कराया जाए। थानों में जहां जनसुनवाई होती हो, वहां कैमरे जरूर लगें।सभी कैमरों अच्छी गुणवत्ता के होने चाहिए।
सीएम योगी ने कहा कि प्रत्येक माह में एक बार जनपद स्तर पर महिलाओं, बच्चों, बुज़ुर्गों व दिव्यांगजन नक लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित करें। उनकी समस्याएं सुनें, यथोचित समाधान करें। सफल महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों, दिव्यांगजन की पहचान कर उन्हें रोल मॉडल के रूप में प्रस्तुत करें। यह प्रयास अन्य लोगों के लिए प्रेरक होगा।
स्वयंसेविकाओं के संपर्क में पिंक बूथ
सीएम योगी ने कहा कि NCC/NSS स्वयंसेविकाओं को सेफ सिटी स्वयंसेवी के रूप में दायित्व सौंपा जाना चाहिए। इन स्वयंसेविकाएँ निकटतम पिंक बूथ के संपर्क में रखा जाना चाहिए। विशेष परिस्थितियों में इन स्वयंसेविकाओं की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
दिव्यांगजनों के लिए साइनेज आदि पर ब्रेल लिपि में सूचनाएं लिखी जानी चाहिए। मेट्रो में दिव्यांगों के लिए अनेक सुविधाजनक प्रबंध हैं। ऐसे ही प्रयास सभी सार्वजनिक स्थानों पर किए जाने चाहिए।
सेफ सिटी पोर्टल का भी विकास करें, इससे ऐसे सभी विभागों को जोड़ा जाए, जिनके द्वारा महिला, बच्चों, बुजुर्गों और दिव्यांगजनों के हित में कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है।