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Saturday, April 19, 2025

Haryana: परियोजनाओ में देरी पर भड़के CM खट्टर, एक्सईएन के खिलाफ कारर्वाई के आदेश

चंडीगढ़ /मीरा शर्मा । हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Manohar Lal) ने आज सीएम घोषणाओं की प्रगति का आकलन करने के लिए प्रशासनिक सचिवों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की और संबंधित अधिकारियों को प्रत्येक परियोजना के कार्यान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिये। बैठक में जलघर, पर्वतीया कॉलोनी, फ़रीदाबाद में पाकर् निर्माण के संबंध में 2018 की घोषणा में देरी तथा संबंधित एक्सईएन द्वारा तीन बार से अधिक टेंडर प्रक्रिया का हवाला देकर कार्य में की गई अनदेखी के कारण मुख्यमंत्री जिम्मेदार एक्सईएन के खिलाफ कारर्वाई का निर्देश जारी किया।

— युवाओं को नौकरी चाहने वालों के बजाय नौकरी निर्माता बनने के लिए सशक्त बनाया जाए
-राज्य की लंबित घोषणाओं को पूरा करने पर जोर
—लोगों को इन परियोजनाओं का लाभ तुरंत मिले
—परियोजना के कार्यान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिये

मुख्यमंत्री ने सीएम घोषणाओं के तहत लोक निर्माण (भवन एवं सड़कें), विकास एवं पंचायत, सिंचाई, शहरी स्थानीय निकाय विभागों और हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोडर् की परियोजनाओं की व्यापक समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक सचिवों को दिए अपने निर्देशों में वर्ष 2020 तक की लंबित घोषणाओं को चालू वर्ष के भीतर पूरा करने पर जोर दिया ताकि लोगों को इन परियोजनाओं का लाभ तुरंत मिल सके। इसके अलावा, वर्ष 2021 और 2022 के लिए निर्धारित परियोजनाओं के कार्यान्वयन में भी तेजी लाई जानी चाहिए। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने परियोजनाओं का गहन मूल्यांकन करने और ऐसी परियोजनाओं की एक अलग सूची तैयार करने का निर्देश दिया जो अभी संभव नहीं हैं, ताकि लंबित घोषणाओं की वास्तविक संख्या का पता लगाया जा सके।

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इसके साथ ही उन्होंने पहले से सौंपे गए कार्यों को शीघ्र पूरा करने पर जोर दिया। बैठक के दौरान बताया गया कि गुरूग्राम जिले के वजीराबाद में लगभग 10 एकड़ में बनने वाले खेल परिसर के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं। जल्द ही सभी प्रक्रियाएं पूरी कर कार्य आवंटित कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस खेल परिसर का नाम पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय राव बीरेंद्र सिंह के नाम पर रखने के आदेश दिए। विकास एवं पंचायत विभाग के अंतर्गत परियोजनाओं की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सरपंचों के साथ बातचीत करें और उनके द्वारा किए जाने वाले विकास कार्यों की सूची मांगें, ताकि कार्यों को जल्द से जल्द पूरा किया जा सके।

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पंचायतों को अनुदान प्रदान करने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने विकास कार्यों के लिए औपचारिक अनुरोध प्राप्त करने के महत्व पर जोर दिया। इसे सुविधाजनक बनाने के लिए, सरपंचों, ग्राम सचिवों, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारियों और जिला विकास एवं पंचायत अधिकारियों की एक व्यापक संयुक्त बैठक बुलायी जायेगी। विभिन्न शहरों में बहु-स्तरीय पाकिर्ंग सुविधाओं के निर्माण को संबोधित करते हुए, मनोहर लाल ने एक मानकीकृत डिजाइन के विकास की सिफारिश की। इस द्दष्टिकोण का उद्देश्य प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना, सलाहकार नियुक्त करने, वास्तुशिल्प डिजाइन बनाने और अलग से अनुमति प्राप्त करने की आवश्यकता को समाप्त करना है।

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साथ ही ऐसा काम नगर निगम को सौंपा जाए, ताकि वह अपने स्तर पर पाकिर्ंग का निर्माण करा सके। मुख्यमंत्री ने युवाओं को नौकरी चाहने वालों के बजाय नौकरी निर्माता बनने के लिए सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि इंजीनियरिंग कार्यों के लिए नए ठेकेदारों को तैयार करने और प्रशिक्षित करने के लिए पाठ्यक्रम भी डिजाइन किए जाने चाहिए। इन पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण हरियाणा कौशल विकास मिशन या श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के तहत दिया जाना चाहिए, जिससे युवा उद्यमशीलता की राह पर आगे बढ़ सकें। इसके अलावा, इस पहल का समर्थन करने के लिए राज्य स्तर पर एक व्यापक ढांचा विकसित किया जाना चाहिए। इसके अलावा, युवाओं को वित्त प्रबंधन, जोखिम प्रबंधन आदि का प्रशिक्षण भी दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक संस्थानों से निकलने वाले छात्रों को ठेकेदारों द्वारा प्रशिक्षण दी जानी चाहिए।

1500 परियोजनायें वर्तमान में प्रगति पर हैं

बैठक में बताया गया कि मुख्यमंत्री ने 10 हजार से अधिक घोषणायें की हैं, जिनमें से सात हजार से अधिक पूरी हो चुकी हैं। लगभग 1500 परियोजनायें वर्तमान में प्रगति पर हैं और पूरी होने वाली हैं। इसके अलावा, लगभग 1200 घोषणाएँ लंबित हैं, जो प्रशासनिक और तकनीकी अनुमोदन के विभिन्न चरणों से गुजर रही हैं। वर्तमान बैठक में इनमें से 864 घोषणाओं की गहन समीक्षा की गयी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासनिक सचिवों को भूमि उपलब्धता, रेल मंत्रालय की भागीदारी और अंतर-विभागीय मामलों जैसे मुद्दों के कारण देरी का सामना करने वाली घोषणाओं की बारीकी से निगरानी करनी चाहिए। उन्होंने इन कार्यों में तेजी लाने का निर्देश दिया।

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