नई दिल्ली/ टीम डिजिटल : बिहार एवं पूर्वांचल के मुख्य महापर्व छठ के मौके पर शुक्रवार शाम व्रतियों ने अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को पहला अर्घ्य दिया। अब शनिवार सुबह उगते सूर्य को दूसरा अर्घ्य देने के साथ छठ पर्व का चार दिनी अनुष्ठान संपन्न होगा। इसके बाद व्रतियां पारण कर ठेकुआ का प्रसाद बांटेंगी। दिल्ली में कोरोना काल में यमुना घाट और सार्वजनिक स्थल पर छठ पूजा की अनुमति न होने की वजह से लोगों ने अपने घर की छतों पर ही अर्घ्य दिया। पूजा के लिए लोगों ने प्लास्टिक के टब खरीदे हैं।
राजधानी दिल्ली के विभिन्न इलाकों एवं गाजियाबाद एवं नोयडा में भी बिहार से जुडे समाज के लोगों ने बडे धूमधाम से त्यौहार को मना रहे हैं। व्रतधारियों ने टब में भरे पानी में खड़े होकर अर्घ्य दिया। कुछ घरों में प्लास्टिक के टब की जगह रबर वाले बड़े टब और ईंट से चारदीवारी बनाकर उस पर प्लास्टिक की पन्नी लगाकर पानी से भर दिया गया है। घाट की तर्ज पर छठ पूजा के लिए घरों में वेदी भी बनाई गई है।
पूर्वांचल विकास संगठन छठ पूजा समिति के अध्यक्ष अभय सिन्हा ने बताया कि इस बार यमुना घाट पर पूजा का आयोजन नहीं कर रहे हैं। लोग घरों की छत पर अर्घ्य दे सकें उसके लिए गरीब और असहाय लोगों के घर-घर जाकर छठ पूजन सामग्री उपलब्ध कराई है। साथ ही लोगों से घर पर ही पूजा करने का अनुरोध किया है, जिससे लोग कोरोना से बच सकें।
जेलरवाला बाग रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन अशोक विहार फेज-2 के मुख्य संरक्षक प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि इलाके में रहने वाले ज्यादातर पूर्वांचली अपने घरों से अर्घ्य दे सकें उसकी व्यवस्था करवाई है। इसके लिए प्लास्टिक के टब को खरीद गया है, जिसमें व्रतधारी खड़े होकर अर्घ्य दे सकेंगे। सरकार ने सार्वजनिक तौर पर पूजा आयोजन की अनुमति नहीं दी है। इसलिए अपने घरों में ही छठ पूजन किया जाएगा।