देहरादून/ संदीप जोशी : आगामी 10 मई को शुरू होने वाली चारधाम यात्रा (Chardham Yatra 2024) की तैयारियां युद्धस्तर पर शुरू हो गयी हैं और दुर्गम पहाड़ी मार्गों के मद्देनजर श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य जांच के लिए 50 ‘स्क्रीनिंग प्वाइंट’ बनाए गए हैं। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इसके तहत श्रद्धालुओं के 28 स्वास्थ्य मानकों की जांच की जाएगी। दस मई को गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट खुल रहे हैं जबकि बदरीनाथ के कपाट 12 मई को खुलेंगे। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने इस संबंध में संवाददाताओं को बताया कि चारधाम यात्रा को सुगम एवं व्यवस्थित करने के लिए पर्यटन विभाग की बेबसाइट सक्रिय कर दी गयी है, जिसमें स्वास्थ्य मानकों का कॉलम भी रखा गया है। उन्होंने कहा कि तीर्थयात्री अपने स्वास्थ्य से संबंधित पूरी जानकारी भरेंगे तो जरूरत के समय उनका इलाज करने में आसानी रहेगी। कुमार ने बताया कि तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य सुविधा के लिए यात्रा मार्ग पर 50 ‘स्क्रीनिंग प्वाइंट’ बनाये गये हैं, जहां उच्च रक्तचाप, मधुमेह सहित 28 स्वास्थ्य मानकों की जांच की जायेगी। उन्होंने बताया कि बदरीनाथ और केदारनाथ स्थित अस्पतालों के लिए उपकरणों की खरीद शुरू की गयी जिससे स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर ढंग से चलाया जा सके। कुमार ने बताया कि चारधाम यात्रा के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) 11 भाषाओं में तैयार की गई है और उन्हें संबंधित राज्यों में भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि इससे दूसरे राज्यों से आने वाले श्रद्धालु अपनी भाषाओं में स्वास्थ्य संबंधित दिशा-निदर्शों को समझ सकेंगे। सचिव ने बताया कि प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने इस बार सभी राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों को पत्र लिखकर उनसे चारधाम यात्रा में कार्य करने के इच्छुक चिकित्सकों के संबध में जानकारी मांगी गई है। कुमार ने कहा कि चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को यह सलाह दी गयी है कि वे कम से कम सात दिन के लिए यात्रा की योजना बनाएं। श्रद्धालुओं से कहा गया है कि केदारनाथ और यमुनोत्री धाम में पैदल चढ़ाई चढ़ते समय प्रत्येक एक से दो घंटे के बाद पांच से 10 मिनट का विश्राम करने तथा गरम कपड़े, बारिश से बचाव के लिए बरसाती, छाता आदि साथ रखने का ध्यान रखें।