-केंद्र सरकार ने जारी की एडवाइजरी
– N95 मास्क है खतरनाक
—वायरोलॉजिस्ट डॉ. आशीष ने घरेलू मास्क को बताया सही
नई दिल्ली/कंचन लता। कोरोना वायरस से बचने के लिए अगर आप एन-95 मास्क इस्तेमाल कर रहे हैं तो सतर्क हो जाइए। एक्सपर्ट का कहना है कि अगर कोविड19 मरीज इस मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं तो वह दूसरों की जिंदगी खतरे में डाल रहे हैं। क्योंकि N95 मास्क में लगे वल्वड रेस्पेरेटर्स से वायरस के वातावरण में फैलने का खतरा रहता है।
एन-95 मास्क को लेकर केंद्र सरकार ने सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को चिट्ठी लिखकर चेतावनी दी है कि लोग सांस लेने वाले छिद्रयुक्त एन-95 मास्क का इस्तेमाल ना करें। ये मास्क वायरस को फैलने से बचाने के लिए नहीं है और इस्तेमाल करने वालों के लिए हानिकारक हो सकते हैं। सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी का पालन करने की सलाह दी है।
इस संबंध में वायरोलॉजिस्ट और भारद्वाज हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. आशीष जायसवाल ने केंद्र सरकार की एडवाइजरी को सही बताते हुए कहा है कि छिद्रयुक्त एन-95 मास्क इस्तेमाल के लिए हानिकारक हैं। दरअसल, N-95 रेस्पेरेटर्स एक पीपीई है। इसे पहनने वाला शख्स हवा में तैर रहे पार्टिकल और तरल पदार्थों को चेहरे पर जाने से बचाने में इस्तेमाल करता है। इसके जरिए छोटे पार्टिकल और बड़े पार्टिकल को नाक के अंदर जाने से रोका जा सकता है। इस मास्क का डिजाइन हेल्थ केयर वर्कर्स और कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करने वाले वर्कर के लिए किया गया है।
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डॉ. आशीष जायसवाल ने बताया कि वैसे N-95 रेस्पेरेटर्स जिसमें एक खास तरह का वाल्व लगा होता है। यह उतना लाभदायक नहीं होता है जितना आपको बताया जाता है। ऐसे मास्कों या जिनकी ओपनिंग सामने की तरफ हो। यानी जिसका वन वे वाल्व हो उसे भी पहनने से बचना चाहिए। ये मास्क आपकी तरह आने वाले छोटी बूंदों से नहीं बचाते हैं। इसलिए ऐसे मास्क पहनना ठीक नहीं।
डॉ. आशीष जायसवाल ने घर पर बने मास्क का ज्यादा इस्तेमाल करने की सलाह देते हुए बताया कि घर में बने मास्क में इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि यह चेहरे पर सटीक तरह से रहे और इसकी दोनों साइड में कोई खाली जगह (गैप) न हो। बिना धोए मास्क को दोबारा नहीं पहनना चाहिए। इसके अलावा अपना फेस कवर या मास्क किसी दूसरे के साथ शेयर नहीं करना चाहिए। परिवार के सभी सदस्यों के पास अपना फेस मास्क हो।
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डॉ. आशीष जायसवाल ने बताया कि मास्क को फेंकने से पहले उसे डिसइन्फेक्ट करें और उसे कचरे के बंद डब्बे में फेंके। मास्क के बाहरी हिस्सा को न छुएं क्योंकि इससे भी संक्रमण फैलने का खतरा रहता है। डिस्पोजेबल मास्क को दोबारा प्रयोग में न लाएं। इसके अलावा मास्क को गर्दन से टांगकर नहीं रखना चाहिए।