नई दिल्ली /अदिति सिंह: भारत की ओर से महिलाओं को रक्षा सेवाओं में अधिकारियों के रूप में शामिल करने के फैसले के तीन साल बाद कैप्टन अभिलाषा बराक बुधवार को सेना की पहली महिला लड़ाकू पायलट बन गईं। उनके सेना की एविएशन कोर से जुड़ने के साथ ही सेना के लिए आज का दिन एतिहासिक रहा। आर्मी एविएशन कॉर्प्स में शामिल होने से पहले अभिलाषा नासिक में कॉम्बैट आर्मी एविएशन ट्रेनिंग स्कूल में कोर्स को पूरा करने में लगी हुईं थीं। एक साल का ट्रेनिंग कोर्स पूरा होने के बाद आज उन्हें महिला लड़ाकू पायलट के रूप में सेना में शामिल कर लिया गया।
— उड़ाएंगी लड़ाकू हेलीकॉप्टर, हरियाणा की रहने वालीं हैं अभिलाषा
बराक हरियाणा की रहने वालीं हैं और रिटायर्ड कर्नल की बेटी हैं। बराक को सितंबर 2018 में आर्मी एयर डिफेंस कोर में कमीशन किया गया था। सेना ने कहा कि नासिक स्थित ट्रेनिंग स्कूल में एक विदाई समारोह के दौरान सेना के विमानन महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सूरी की ओर से उन्हें 36 पायलटों के साथ प्रतीक चिन्ह विंग्स से सम्मानित किया गया।
इससे परिचित अधिकारियों ने कहा कि बराक को 2072 आर्मी एविएशन स्क्वाड्रन सेकेंड फ्लाइट को सौंपा गया है, जो कि ध्रुव एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर संचालित करता है। बता दें कि भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना में काफी लंबे समय से महिला अधिकारी हेलीकॉप्टर उड़ा रही हैं, सेना ने 2021 में इसकी शुरुआत की। आर्मी एविएशन में महिला अधिकारियों को अब तक केवल जमीनी कार्य ही सौंपा जाता था।
बराक उस समय सेना की पहली महिला लड़ाकू एविएटर बनीं, जब नेशनल डिफेंस एकेडमी ने जून 2022 में महिला कैडेटों के अपने पहले बैच को शामिल करने के लिए तैयार हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 2021 में एक ऐतिहासिक आदेश में महिलाओं के लिए अकादमी के दरवाजे खोल दिए। सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं को सेना में स्थाई कमीशन के लिए भी पात्र माना।