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Friday, November 22, 2024

दिल्ली में प्राइवेट अस्पतालों की कोरोना पर ‘ब्लैक मार्केटिंग’

—निजी अस्पताल 8 लाख रुपये में ब्लैक कर रहे हैं बेड
—मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भडके, कहा— ऐसा नहीं चलने देंगे,करेंगे कार्रवाई
– कुछ प्राइवेट अस्पताल पहले बेड होने से इन्कार करते हैं,फिर बेड की ब्लैक मार्केटिंग कर रहे
—कोरोना के लिए बेड़ रिजर्व करना होगा – अरविंद केजरीवाल

खुशबू पाण्डेय
नई दिल्ली / टीम डिजिटल : ,दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना महामारी के दौर में भी कुछ प्राइवेट अस्पतालों को कोविड-19 बेड की ब्लैक मार्केटिंग करने पर सख्त नाराजगी जताते हुए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कुछ प्राइवेट अस्पताल पहले बेड होने से इन्कार कर रहे हैं और बाद में मोटी रकम लेकर बेड की ब्लैक मार्केटिंग कर रहे हैं। अब हम दिल्ली के अंदर चल रही अस्पतालों की इस ब्लैक मार्केटिंग को बंद कराएंगे। उन्होंने साफ किया कि सभी प्राइवेट अस्पताल बहुत अच्छे हैं और उनका स्वास्थ्य क्षेत्र में काफी योगदान है, लेकिन चंद लोग मनमानी कर रहे हैं। वे बहुत ताकतवर हैं और उनकी दूसरी पार्टी के अंदर पहुंच हैं। वे धमकी दे रहे हैं कि कोरोना मरीजों का इलाज नहीं करेंगे।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उन्हें हर हाल में कोरोना मरीजों का इलाज करना ही पड़ेगा और यदि नहीं मानते हैं, तो सरकार उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने से भी पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने कहा कि पहले सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में करीब 2800 मरीज थे, लेकिन ‘दिल्ली कोरोना’ एप लांच होने के बाद प्राइवेट अस्पतालों में 1100 मरीज भर्ती हुए हैं। उन्होंने घोषणा की कि सभी प्राइवेट अस्पतालों में बेड की ब्लैक मार्केटिंग पर नजर रखने के लिए सरकार के प्रतिनिधि बैठेंगे, जो मरीज को बेड दिलाना सुनिश्चित करेंगे। साथ ही, अब कोई भी अस्पताल संदिग्ध मरीजों का इलाज करने से इन्कार नहीं कर सकता है। इस संबंध में दिल्ली सरकार ने आज आदेश जारी कर दिया है।

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मुख्यंत्री अरविंद केजरीवाल ने डिजिटल प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि कुछ दिन पहले एक व्यक्ति मेरे पास आया और उसने बताया कि वह एक प्राइवेट अस्पताल में गया। उसने उस प्राइवेट अस्पताल में पूछा कि उसे कोरोना है, उसे कोरोना का बेड चाहिए। पहले अस्पताल ने मना कर दिया, लेकिन जब वह बहुत गिड़गिड़ाया, तब उन्होंने कहा कि 2 लाख रुपये लगेंगे। अभी कुछ दिन पहले एक टेलीविजन पर लाइव प्रोग्राम के दौरान एंकर ने एक अस्पताल को काॅल किया। उसने अस्पताल से पूछा कि हमारे परिवार में कोरोना का एक मरीज है, हमें बेड चाहिए। पहले अस्पताल ने मना कर दिया। जब वह गिड़गिड़ाया, तो अस्पताल ने उस लाइव प्रोग्राम के अंदर कहा कि 8 लाख रुपये दे दो, बेड का इंतजाम हो जाएगा।

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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं यह नहीं कह रहा हूं कि सभी प्राइवेट अस्पताल खराब हैं। दिल्ली में स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्राइवेट अस्पतालों ने बहुत अहम भूमिका निभाई है। दिल्ली के प्राइवेट अस्पतालों के इस योगदान के लिए सलाम करता हूं। लेकिन चंद प्राइवेट अस्पताल हैं, जो इस महामारी के दौरान भी इस तरह की गलत हरकतें कर रहे हैं। पहले कहते हैं कि बेड नहीं है और गिड़गिड़ाने पर कहते हैं कि दो लाख, पांच लाख या 8 लाख रुपये दे दो। उन्होंने सवाल किया कि इसे बेड्स की ब्लैक मार्केटिंग नहीं कहेंगे, तो और क्या कहेंगे?

अस्पतालों को कोरोना मरीजों का इलाज करना पड़ेगा

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम नहीं चाहते हैं कि जिन लोगों की वास्तविक समस्या है, उन्हें परेशानी हो। मसलन, कल एक अस्पताल आया। उसने कहा कि हमारा कैंसर अस्पताल है और सिर्फ कैंसर मरीजों का ही इलाज होता है। वहां यदि कोरोना के मरीज आते हैं, तो दिक्कत होगी। उन्होंने यह भी बताया कि उनका एक और अस्पताल है, जहां सभी का इलाज होता है, तो उसमें 40 प्रतिशत बेड रिजर्व कर देते हैं। यह बहुत अच्छी बात है। सरकार ने उनकी बात मान ली। इसी तरह से सभी की छोटी-बड़ी समस्याओं का समाधान कर रहा हूं, लेकिन सभी को कोरोना मरीजों का इलाज करना पड़ेगा और इस पर कोई बातचीत नहीं होगी।

अस्पताल नहीं माने, तो फिर सख्त कार्रवाई करेंगे

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मुझे कुछ दिन और दीजिए। यदि यह अस्पताल नहीं माने, तो फिर हम सख्त कार्रवाई करने से बिल्कुल भी नहीं हिचकेंगे। उन्होंने सभी अस्पतालों से कहा कि आपको कोरोना के मरीजों का इलाज करना पड़ेगा। इसके साथ ही, हम एक और अभ्यास कर रहे हैं कि दिल्ली सरकार का एक मेडिकल प्रोफेशनल हर प्राइवेट अस्पताल के रिसेप्शन पर बैठेगा। वह हमें जानकारी देगा कि उस अस्पताल में कितने बेड भर गए और कितने खाली हैं। अगर कोई मरीज जाएगा, तो वह सुनिश्चित करेगा कि उसे बेड मिले। इस तरह जो चंद अस्पताल बेड होते हुए भी मना करते हैं, बेड्स की ब्लैक मार्केटिंग करते हैं, तो अब हम दिल्ली के अंदर उनका यह धंधा बंद करेंगे।

कोरोना का टेस्ट अस्पताल ही करेगा 

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कुछ लोगों ने बताया है कि अगर कोई मरीज गंभीर है, उसे सांस की तकलीफ है। सांस की सेचुरेशन लेवल काफी कम हो गया। लेकिन अभी उसका कोरोना का टेस्ट नहीं हुआ है। वह अस्पताल जाता है, तो उसे संदिग्ध मरीज कहते हैं। क्योंकि अभी उसमें कोरोना की पुष्टि नहीं हुई है। ऐसे मरीज को सभी अस्पताल लेने से मना कर देते हैं। कहते हैं कि पहले जांच करा कर आओ। वह मरीज कहां से जांच करा कर आएगा। उसकी जांच अस्पताल ही करेगा।

आदेश जारी, कोई भी अस्पताल मना नहीं करेगा

दिल्ली सरकार ने इस समस्या को बेहद गंभीरता से लिया है और दिल्ली सरकार आज आदेश जारी कर रही है कि किसी भी संदिग्ध मरीज को लेने से कोई भी अस्पताल मना नहीं करेगा। यदि वह आता है और संदिग्ध है, तो उसे अस्पताल कोरोना का मरीज मानकर इलाज शुरू कर दें। उन्हें लगता है कि वह कोरोना का मरीज है, तो पीपीई किट पहन कर उसका इलाज शुरू कर दें। उसे आॅक्सीजन देकर उसकी जान बचा लिया जाए। दिल्ली सरकार की तरफ से जारी किए जा रहे आदेश के तहत दिल्ली में अब किसी भी संदिग्ध मरीज का इलाज करने से अस्पताल में मना नहीं किया जा सकेगा। अस्पताल ही उसका टेस्ट कराएगा। जांच के बाद उसमें कोरोना की पुष्टि होती है, तो उसे कोरोना वार्ड और नहीं पुष्टि होने पर उसे नाॅन कोरोना वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाएगा।

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