-दिल्ली में ऑक्सीजन संकट पर बीजेपी ने केजरीवाल पर लगाया संगीन आरोप
–दिल्ली के पास नहीं थी आक्सीजन स्टोरेज की सुविधा, बड़ी वजह
-केजरीवाल सरकार की गलतियों से हुई दिल्ली में ऑक्सीजन संकट
–सरकार के मिसमैनेजमेंट के कारण दिल्ली में गई कई लोगों की जानें
नई दिल्ली /खुशबू पाण्डेय : भारतीय जनता पार्टी ने केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली सरकार अपनी स्टोरेज क्षमता बढ़ाने और सप्लाई चेन दुरुस्त करने में नाकाम रही, और अपनी नाकामियों और विफलताओं का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ती रही, जबकि ग्राउंड लेवल पर मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर को दुरुस्त करने की दिशा में उसने कोई कदम नहीं उठाये।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा ने ने पेट्रोलियम एंड एक्स्प्लोसिव सेफ्टी आर्गेनाईजेशन (पीईएसओ) की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि दिल्ली में हुए ऑक्सीजन संकट की मुख्य वजह राज्य सरकार की गलतियां थीं, यह अब स्पष्ट हो चुका है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि पीईएसओ की रिपोर्ट में दिल्ली में ऑक्सीजन संकट को लेकर विस्तार से तथ्यों के आधार पर विश्लेषण किया गया है। रिपोर्ट में पांच दिनों के पूरे सर्किल के बारे में बताया गया है, जिसमें दिल्ली के 64 अस्पतालों का रिव्यू किया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि केंद्र द्वारा दिल्ली को अतिरिक्त मात्रा में ऑक्सीजन दिया जा रहा था, यहां तक कि अन्य राज्यों से भी लेकर दिया जा रहा था लेकिन दिल्ली की केजरीवाल सरकार लिक्विड ऑक्सीजन को लगातार लौटा रही थी, क्योंकि उनके पास स्टोरेज की सुविधा नहीं थी।
अरविंद केजरीवाल जी के काम करने का तरीका बहुत अनूठा है। पहले हाहाकार मचाया, लेकिन व्यवस्था कुछ नहीं की।
पहले ऑक्सीजन की मांग की, दूसरे राज्यों पर भी आरोप लगाए।
जब ऑक्सीजन दी गई, तो आपने हाथ खड़े कर दिए कि हमारे पास स्टोर करने की जगह नहीं है।
– डॉ. @sambitswaraj pic.twitter.com/CtwjIZAlyV
— BJP (@BJP4India) May 14, 2021
पत्रकारों से बातचीत करते हुए डॉ पात्रा ने कहा कि रिपोर्ट में ऑक्सीजन के सप्लायर के दावों को भी बताया गया है, जिसमें कहा गया है कि दिल्ली सरकार ने सप्लायरों से अतिरिक्त ऑक्सीजन ना भेजने को कहा था। इस रिपोर्ट में दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों का डाटा शामिल है, जिसमें सुबह और शाम के हिसाब से अस्पतालों के स्टोरेज में ऑक्सीजन की क्षमता को बताया गया है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि आज से एक हफ्ते पहले दिल्ली में ऑक्सीजन की अतिरिक्त सप्लाई हो रही थी लेकिन दिल्ली इसे स्टोर नहीं कर पा रही थी। इससे टैंकर का टर्न अराउंड टाइम बढ़ गया था, इसका खामियाजा आस-पास के दूसरे राज्यों को भी भुगतना पड़ा। एक ओर तो केजरीवाल सरकार हरियाणा, उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार पर ऑक्सीजन सप्लाई में रुकावट डालने का आरोप लगाती रही, वहीं दूसरी ओर वह चुपके-चुके सप्लायरों से अतिरिक्त ऑक्सीजन सप्लाय नहीं करने को कह रही थी। साथ ही, वह हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे पड़ोसी राज्यों से दिल्ली के ऑक्सीजन को स्टोर करने की गुहार भी लगा रही थी। यह केजरीवाल सरकार की अकर्मण्यता नहीं तो और क्या है?
दिल्ली की जनता और यहां तक कि अदालतों को भी गुमराह किया
डॉ पात्रा ने कहा कि केजरीवाल सरकार ऑक्सीजन की जरूरत को लेकर भी अलग-अलग बातें कर रही थी और उसने इसके बारे में दिल्ली की जनता और यहां तक कि अदालतों को भी गुमराह किया। कभी अरविंद केजरीवाल दिल्ली के लिए 730 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत बता रहे थे तो राघव चड्ढा 976 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत बता रहे थे, लेकिन सच्चाई यह है कि दिल्ली को जो ऑक्सीजन दिया जा रहा था, उसे भी स्टोर करने में असमर्थ थी और उसे लौटा रही थी।
केजरीवाल सरकार के पास स्टोरेज कैपिसिटी नहीं थी
भाजपा प्रवक्ता ने बताया कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने 09 मई 2021 को ऑक्सीजन सप्लायर लिंडे फरीदाबाद को कम डिमांड या स्टोरेज फैसिलिटी न होने के कारण 120 मीट्रिक टन में से 74 मीट्रिक टन लिक्विड ऑक्सीजन वापस कर दिया। अगले दिन, 10 मई को दिल्ली सरकार ने एयर लिक्विड, पानीपत से दिल्ली के 38 मीट्रिक टन लिक्विड ऑक्सीजन को उसके रुड़की और पानीपत के प्लांट में स्टोर करने का अनुरोध किया। इसी दिन दिल्ली सरकार ने आईनॉक्स सूरजपुर से उसे अपने सूरजपुर प्लांट में दिल्ली के 37 मीट्रिक टन ऑक्सीजन को स्टोर करने के लिए कहा। 10 मई को ही केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के कई ऑक्सीजन रीफिलर्स से भी लगभग 37.5 मीट्रिक टन को स्टोर करने के लिए कहा। मतलब यह कि दिल्ली को जो ऑक्सीजन आपूर्ति हो रही थी, उसे केजरीवाल सरकार ने ही लेने से मना कर दिया क्योंकि उनके पास स्टोरेज कैपिसिटी नहीं थी। 10 मई को केजरीवाल सरकार को एयर लिक्विड से 190 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति हुई लेकिन दिल्ली सरकार ने इसमें से 40 मीट्रिक टन ऑक्सीजन वापस कर दिया।
हाहाकार मचाओ, जनता में पैनिक क्रियेट करो, केजरीवाल का तरीका
डॉ पात्रा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल का काम करने का तरीका अनूठा है, यह देश जान चुका है। पहले तो हाहाकार मचाओ, जनता में पैनिक क्रियेट करो, प्रधानमंत्री पर, केंद्र पर, यूपी और हरियाणा जैसे पड़ोसी राज्यों पर आरोप लगाओ और मदद मिले तो हाथ खड़े कर दो कि हमें तो नहीं चाहिए।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की सरकार के मिसमैनेजमेंट के कारण दिल्ली में कई लोगों की जानें गई। जयपुर गोल्डन हॉस्पिटल और बत्रा हॉस्पिटल के प्रबंधक डॉक्टरों को सुना है कि किस तरह दिल्ली सरकार और उसके अफसर ने हाथ खड़े कर दिए। यह दिल्ली सरकार की क्रिमिनल लायबिलिटी है। लिहाजा, अरविंद केजरीवाल को पीईएसओ की रिपोर्ट पर जवाब देना ही होगा।